ETV Bharat / state

तिगांव विधानसभा में कांग्रेस या बीजेपी किसके सिर सजेगा जीत का ताज? क्या मोदी के नाम पर वोट बटोरती है बीजेपी?, जानें क्या है जनता की राय - Faridabad Tigaon Assembly

author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 2, 2024, 11:13 AM IST

Updated : Sep 2, 2024, 11:49 AM IST

Faridabad Tigaon Assembly: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए महज एक माह का समय शेष रह गया है. इस बीच सियासी उठापटक का दौर जारी है. वहीं, बीजेपी-कांग्रेस के कई उम्मीदवार मैदान में उतरने को तैयार है. रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं फरीदाबाद में तिगांव विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास और क्या है जनता की राय? बीजेपी या कांग्रेस किसके सिर सजेगा जीत का ताज?

Haryana Assembly Elections
Haryana Assembly Elections (Etv Bharat)
तिगांव विधानसभा का हाल (Etv Bharat)

फरीदाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है. अलग-अलग दल अपने-अपने वादों को लेकर वोटरों के बीच जा रहे हैं और अपने-अपने तरीके से वोटरों को लुभाने का काम कर रहे हैं. इसी बीच जनता भी इस बार काम के आधार पर प्रत्याशियों को वोट करने वाले हैं. जनता की राय जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची फरीदाबाद के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र तिगांव विधानसभा. यह एक ऐसी विधानसभा है जहां मौजूदा केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर की नाक का सवाल है. क्योंकि कृष्णा गुर्जर भी यहां से विधायक रह चुके हैं उसके बाद कांग्रेस से विधायक ललित नागर और फिर भाजपा के मौजूदा विधायक राजेश नागर यहाँ का विधायक है.

इलाके में सबसे बड़ी समस्या: ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत में स्थानीय निवासी नरेश कुमार ने बताया कि यहां बीजेपी के पार्षद है. मेयर है विधायक है सांसद है. मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री है. लेकिन फिर भी विकास कार्य नहीं हुआ है. नेता आते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट लेकर चले जाते हैं. अकेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या-क्या करेंगे. स्थानीय नेताओं को सोचना चाहिए, लेकिन यहां पर ध्यान कोई नहीं देते हैं. बल्कि प्रधानमंत्री के नाम पर वोट लेकर चले जाते हैं.

जलभराव से जन-जीवन होता है अस्त-व्यस्त: लोगों ने बताया कि इलाके में बारिश के बाद इतना पानी भर जाता है कि घर पर गेस्ट भी नहीं आ पाते हैं. गांव से लोग आते हैं, तो कहते हैं कि तुम यहां कहां रह रहे हो. इससे बढ़िया तो गांव है. गांव में ही आकर शिफ्ट हो जाओ, इस बार भी चुनाव में नेता आएंगे वादे करेंगे चले जाएंगे. लेकिन इस बार हम अपने जवाब वोट के माध्यम से उन्हें जवाब देंगे. लोगों का कहना है कि चुनाव के समय जलभराव इलाके की सबसे बड़ी समस्या है.

चुनावी वादों पर नहीं, काम पर होगा वोट: स्थानीय लोगों ने बताया कि इलेक्शन समय है इसलिए काम हो रहे हैं. इलेक्शन से पहले कोई भी काम नहीं हो रहे थे. यहां पर गालियां नहीं बनी है. सड़कों पर जलभराव की स्थिति के बाद सड़कें पूरी तरह से जाम हो जाती है. जब इलेक्शन आता है इस दौरान काम शुरू हो जाते हैं. हालांकि युवाओं को रोजगार भी नहीं मिला कोई भी काम नहीं हुए हैं. लेकिन इलेक्शन आते ही नेता कहते हैं कि हम काम कर रहे हैं, ऐसे में इस बार वोट हम सोच समझ कर देंगे.

'कांग्रेस ने किया बेहतर काम': वहीं, स्थानीय युवा राजू भाटी ने बताया कि मोदी के नाम पर नेता आते हैं. वोट लेकर जाते हैं, विधायक यहां पर काम नहीं कर रहे हैं. सिर्फ मोदी के नाम पर आते हैं वोट लेकर चले जाते हैं. यहां विकास कार्य नहीं करते हैं. नहर पार की बात की जाए तो बहुत धीमी रफ्तार से काम हो रहे है. सबसे ज्यादा वोटर तिगांव विधानसभा में नहर पार ही है. ऐसे में विधायक को ध्यान देना चाहिए कि यहां पर ही पब्लिक रहती है. वैसे कांग्रेस की सरकार थी तो कांग्रेस सरकार में जो चल रहा था ठीक-ठाक ही चल रहा था. लेकिन बीजेपी सरकार को थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत है.

तिगांव विधानसभा का इतिहास: आपको बता दें तिगांव विधानसभा भाजपा के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. लेकिन तिगांव विधानसभा के वोटर भी बहुत जागरूक है. इसलिए बारी-बारी से बीजेपी कांग्रेस को मौका देते हैं. 2019 की बात करें तो यहां की जनता ने बीजेपी के प्रत्याशी राजेश नागर को विजय बनाया इसके और कांग्रेस के प्रत्याशी ललित नगर दूसरे नंबर पर रहे. 2014 में यहां की जनता ने कांग्रेस के प्रत्याशी ललित नागर को अपना मतदान देकर तिगांव विधानसभा क्षेत्र का विधायक बनाया. वहीं भाजपा के मौजूदा विधायक राजेश नागर दूसरे नंबर पर रहे.

कृष्णपाल गुर्जर की साख का सवाल: इसके अलावा, यहां की जनता ने बीजेपी के केंद्रीय राज्य मंत्री और लगातार तीन बार से सांसद कृष्ण पाल गुर्जर को 2009 में विधायक बनाया. कांग्रेस के प्रत्याशी ललित नागर दूसरे नंबर पर है. यह विधानसभा कृष्ण पाल गुर्जर के लिए और बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. हालांकि इस बार भी यहां पर टक्कर दो पार्टियों में देखने को मिल रही है. बीजेपी और कांग्रेस ऐसे में देखने वाली बात होगी कि यहां से इस बार कौन सा प्रत्याशी जीत पर जाता है. क्या बीजेपी दोबारा यहां से जीत पाएगी या फिर कांग्रेस इस बार इसी सीट पर कब्जा करेंगी.

ये भी पढ़ें: बवानीखेड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस-बीजेपी के उम्मीदवारों की टिकट के लिए लगी होड़, जानें हल्के में क्या है लोगों की समस्याएं - Bawanikheda voters election mood

ये भी पढ़ें: 2019 में इतिहास में पहली बार बीजेपी ने इस विधानसभा में दर्ज की थी जीत, लोगों ने बताया कैसा रहा बीजेपी विधायक का कार्यकाल, जानें अब किसको देंगे वोट - Voters on Pehowa assembly

तिगांव विधानसभा का हाल (Etv Bharat)

फरीदाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है. अलग-अलग दल अपने-अपने वादों को लेकर वोटरों के बीच जा रहे हैं और अपने-अपने तरीके से वोटरों को लुभाने का काम कर रहे हैं. इसी बीच जनता भी इस बार काम के आधार पर प्रत्याशियों को वोट करने वाले हैं. जनता की राय जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची फरीदाबाद के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र तिगांव विधानसभा. यह एक ऐसी विधानसभा है जहां मौजूदा केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर की नाक का सवाल है. क्योंकि कृष्णा गुर्जर भी यहां से विधायक रह चुके हैं उसके बाद कांग्रेस से विधायक ललित नागर और फिर भाजपा के मौजूदा विधायक राजेश नागर यहाँ का विधायक है.

इलाके में सबसे बड़ी समस्या: ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत में स्थानीय निवासी नरेश कुमार ने बताया कि यहां बीजेपी के पार्षद है. मेयर है विधायक है सांसद है. मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री है. लेकिन फिर भी विकास कार्य नहीं हुआ है. नेता आते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट लेकर चले जाते हैं. अकेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या-क्या करेंगे. स्थानीय नेताओं को सोचना चाहिए, लेकिन यहां पर ध्यान कोई नहीं देते हैं. बल्कि प्रधानमंत्री के नाम पर वोट लेकर चले जाते हैं.

जलभराव से जन-जीवन होता है अस्त-व्यस्त: लोगों ने बताया कि इलाके में बारिश के बाद इतना पानी भर जाता है कि घर पर गेस्ट भी नहीं आ पाते हैं. गांव से लोग आते हैं, तो कहते हैं कि तुम यहां कहां रह रहे हो. इससे बढ़िया तो गांव है. गांव में ही आकर शिफ्ट हो जाओ, इस बार भी चुनाव में नेता आएंगे वादे करेंगे चले जाएंगे. लेकिन इस बार हम अपने जवाब वोट के माध्यम से उन्हें जवाब देंगे. लोगों का कहना है कि चुनाव के समय जलभराव इलाके की सबसे बड़ी समस्या है.

चुनावी वादों पर नहीं, काम पर होगा वोट: स्थानीय लोगों ने बताया कि इलेक्शन समय है इसलिए काम हो रहे हैं. इलेक्शन से पहले कोई भी काम नहीं हो रहे थे. यहां पर गालियां नहीं बनी है. सड़कों पर जलभराव की स्थिति के बाद सड़कें पूरी तरह से जाम हो जाती है. जब इलेक्शन आता है इस दौरान काम शुरू हो जाते हैं. हालांकि युवाओं को रोजगार भी नहीं मिला कोई भी काम नहीं हुए हैं. लेकिन इलेक्शन आते ही नेता कहते हैं कि हम काम कर रहे हैं, ऐसे में इस बार वोट हम सोच समझ कर देंगे.

'कांग्रेस ने किया बेहतर काम': वहीं, स्थानीय युवा राजू भाटी ने बताया कि मोदी के नाम पर नेता आते हैं. वोट लेकर जाते हैं, विधायक यहां पर काम नहीं कर रहे हैं. सिर्फ मोदी के नाम पर आते हैं वोट लेकर चले जाते हैं. यहां विकास कार्य नहीं करते हैं. नहर पार की बात की जाए तो बहुत धीमी रफ्तार से काम हो रहे है. सबसे ज्यादा वोटर तिगांव विधानसभा में नहर पार ही है. ऐसे में विधायक को ध्यान देना चाहिए कि यहां पर ही पब्लिक रहती है. वैसे कांग्रेस की सरकार थी तो कांग्रेस सरकार में जो चल रहा था ठीक-ठाक ही चल रहा था. लेकिन बीजेपी सरकार को थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत है.

तिगांव विधानसभा का इतिहास: आपको बता दें तिगांव विधानसभा भाजपा के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. लेकिन तिगांव विधानसभा के वोटर भी बहुत जागरूक है. इसलिए बारी-बारी से बीजेपी कांग्रेस को मौका देते हैं. 2019 की बात करें तो यहां की जनता ने बीजेपी के प्रत्याशी राजेश नागर को विजय बनाया इसके और कांग्रेस के प्रत्याशी ललित नगर दूसरे नंबर पर रहे. 2014 में यहां की जनता ने कांग्रेस के प्रत्याशी ललित नागर को अपना मतदान देकर तिगांव विधानसभा क्षेत्र का विधायक बनाया. वहीं भाजपा के मौजूदा विधायक राजेश नागर दूसरे नंबर पर रहे.

कृष्णपाल गुर्जर की साख का सवाल: इसके अलावा, यहां की जनता ने बीजेपी के केंद्रीय राज्य मंत्री और लगातार तीन बार से सांसद कृष्ण पाल गुर्जर को 2009 में विधायक बनाया. कांग्रेस के प्रत्याशी ललित नागर दूसरे नंबर पर है. यह विधानसभा कृष्ण पाल गुर्जर के लिए और बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. हालांकि इस बार भी यहां पर टक्कर दो पार्टियों में देखने को मिल रही है. बीजेपी और कांग्रेस ऐसे में देखने वाली बात होगी कि यहां से इस बार कौन सा प्रत्याशी जीत पर जाता है. क्या बीजेपी दोबारा यहां से जीत पाएगी या फिर कांग्रेस इस बार इसी सीट पर कब्जा करेंगी.

ये भी पढ़ें: बवानीखेड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस-बीजेपी के उम्मीदवारों की टिकट के लिए लगी होड़, जानें हल्के में क्या है लोगों की समस्याएं - Bawanikheda voters election mood

ये भी पढ़ें: 2019 में इतिहास में पहली बार बीजेपी ने इस विधानसभा में दर्ज की थी जीत, लोगों ने बताया कैसा रहा बीजेपी विधायक का कार्यकाल, जानें अब किसको देंगे वोट - Voters on Pehowa assembly

Last Updated : Sep 2, 2024, 11:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.