शिमला: संचार क्रांति के इस दौर में चुनाव मैदान के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लड़ा जाता है. बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली कंगना रनौत सोशल मीडिया के मंच पर भी क्वीन हैं. मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही कंगना रनौत की लोकप्रियता का आलम यह है कि हिमाचल में लोकसभा चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों से अधिक फैन फॉलोइंग रिवॉल्वर रानी की ही है.
सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर कंगना के 18 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं. दूसरे नंबर पर हिमाचल से भाजपा के कद्दावर युवा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हैं. इन्हें भी फेसबुक और एक्स आदि पर 3 से 4 मिलियन लोग फॉलो करते हैं. हिमाचल में चुनाव लड़ रहे बीजेपी के सभी नेताओं की सोशल मीडिया की फैन फॉलोइंग काफी अच्छी है, लेकिन दूसरी तरफ मंडी सीट से कंगना के खिलाफ चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह को छोड़ दिया जाए तो दूसरे अन्य प्रत्याशियों की सोशल मीडिया पर प्रेजेंस ना के बराबर ही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांगड़ा सीट से चुनाव मैदान में उतरे आनंद शर्मा सोशल मीडिया पर जरूर कुछ एक्टिव हैं.
सोशल मीडिया फैन फॉलोइंग की बात करें तो कंगना को फेसबुक पर 7.6 मिलियन, इंस्टा पर 9.7 मिलियन और एक्स पर 2.9 मिलियन लोग फॉलो करते हैं. हालांकि कंगना की ये फैन फॉलोइंग एक अदाकारा होने के नाते है. वहीं, कंगना के खिलाफ चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह को इंस्टाग्राम पर 1 लाख 47 हजार (147 K) और फेसबुक पर 3 लाख 76 (376 K) लोग फॉलो करते हैं. एक्स पर विक्रमादित्य सिंह का कोई वेरिफाइड अकाउंट नहीं है.
हमीरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को फेसबुक पर 1.9 मिलियन और 8 लाख 83 हजार (883 K) और एक्स पर 2.4 मिलियन लोग फॉलो करते हैं. वहीं, अनुराग के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सतपाल रायजादा का सिर्फ इंस्टाग्राम पर ही वेरिफाइड अकाउंट हैं. यहां इन्हें महज 4 हजार 201 लोग फॉलो करते हैं. अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खंगालने पर हमें उनका कोई भी वेरिफाइड अकाउंट नहीं मिला.
वहीं, कांगड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को सिर्फ 13 हजार (13K) लोग फॉलो करते हैं. वहीं, हमें अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनका कोई वेरिफाइड अकाउंट नहीं मिला. इसी सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज के नाम से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर नॉन वेरिफाइड अकाउंट मिले. फेसबुक पर 3 हजार (3K) और और इंस्टाग्राम पर 832 लोग फॉलो करते हैं.
शिमला संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप को इंस्टाग्राम पर 11 हजार( 11K) फेसबुक पर एक लाख से अधिक (102K) और एक्स पर 25 हजार से अधिक (25.1 K) से अधिक लोग फॉलो करते हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी का हमें कोई वेरिफाइड अकाउंट नहीं मिला.
वरिष्ठ मीडिया कर्मी यशपाल कपूर का कहना है कि एक समय था जब नेता पैदल घूम-घूम कर चुनाव प्रचार करते थे. रैलियां, नुक्कड़ सभाएं, टीवी, रेडियो और डोर-टू-डोर ही नेताओं के लिए प्रचार का माध्यम थे। आज का युग सोशल मीडिया का युग है. 21वीं सदी के पहले दशक में सोशल मीडिया के उदय के साथ ही चुनाव के प्रचार का तरीका भी बदल गया. रैलियों और जनसंपर्क के अलावा चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया की भी बड़ी भूमिका है. हर छोटा बड़ा राजनीतिक दल और नेता सोशल मीडिया पर एक्टिव है. चुनावों के समय सोशल मीडिया वॉर रूम बनाए जाते हैं. राजनेताओं ने सोशल मीडिया हैंडलिंग के लिए बाकायदा तकनीकी टीमें तैनात कर रखी हैं. ये टीमें चुनाव के दौरान कंटेंट मेकिंग, वीडियो, टेक्स्ट संदेश और क्रिएटिव मैसेज के साथ साथ मीम्स का भी उपयोग करते हैं. इसके साथ ही जनता का फीडबैक भी लेते हैं.
सोशल मीडिया किसी के प्रति कोई भी नैरेटिव बना सकता है. ये नैरेटिव नतीजों को प्रभावित कर सकती है. सोशल मीडिया की ताकत को बीजेपी भली भांति पहचानती है. जमीन के साथ साथ जनसंपर्क के लिए बीजेपी सोशल मीडिया पर भी बराबर प्रचार करती है. बीजेपी की इस आक्रमक रणनीति को कांग्रेस पर सोशल मीडिया स्ट्राइक के रूप में भी देखा जा सकता है. विरोधियों की कमजोर कड़ी को सामने लाना, चुनाव प्रचार को धार देने के लिए सोशल मीडिया का आक्रमक तरीके से इस्तेमाल चुनावों में होता है.