मसूरी: मशहूर लेखक पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित रस्किन बॉन्ड ने आज अपना 90वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनके प्रशंसकों की ओर से सोशल मीडिया के जरिए जन्मदिन की बधाई देने का सिलसिला जारी है. रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था. वे अब्रे बॉन्ड और एरिथ क्लार्के के बेटे हैं. बचपन में ही इनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनकी परवरिश शिमला, जामनगर, मसूरी, देहरादून तथा लंदन में हुई. पिछले 50 सालों से अधिक वह अपने परिवार के साथ मसूरी में रहते हैं.
बता दें कि हाल में रस्किन बॉन्ड की किताब 'द हिल्स एनचैन्टमेंट ऑन क्लाउड्स', '90 विद रस्किन बॉन्ड', 'द स्टोरी ऑफ माय लाइफ एज अ राइटर' अपने प्रशंसकों को समर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह किताब लेखक के जीवन के बारे में आत्मकथात्मक है. वह जिस स्थान पर रहते हैं, वह पहाड़ है. जिसको उनके द्वारा अपनी नई किताब में प्रदर्शित किया गया है. उन्होंने कहा कि किताब लिखते समय उन्होंने खुद से बात की है. इसलिए यह बहुत निजी है. पिछले सालों में कुछ नया लेखन किया है. आने वाले सालों में और अधिक लिखने की उम्मीद करते हैं. हालांकि, उनकी उम्र के कारण उनकी गति धीमी हो गई है. लेकिन वह अभी भी लिख रहे हैं.
रस्किन बॉन्ड के पुत्र राकेश बॉन्ड ने बताया कि पिता ने अपना 90वां जन्मदिन सुबह सादगी से अपने परिवार के साथ मनाया. दोपहर को उन्होंने मालरोड में आयोजित कार्यक्रम में अपने प्रशंसकों के साथ अपना जन्मदिन बनाया. उन्होंने कहा कि उनके लिखने का जुनून पूर्व की तरह बरकरार है. रस्किन बॉन्ड पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उन्होंने बताया कि रस्किन बॉन्ड ने अपने 90वां जन्मदिन के मौके पर अपने प्रशंसकों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि जो प्यार उनको लगातार मिल रहा है, उससे वह बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि वह लगातार अपने प्रशंसकों के लिए किताबें लिख रहे हैं और उनके जन्मदिन पर भी वह एक किताब दे रहे हैं.
रस्किन बॉन्ड के प्रशंसक में से एक सुनील अरोड़ा ने बताया कि वह हर साल रस्किन बॉन्ड के जन्मदिन के मौके पर कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इस साल भी उन्होंने रस्किन बॉन्ड के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया है.
मूलरूप से रस्किन बॉन्ड का परिवार ब्रिटेन का है. बॉन्ड को पढ़ाई-लिखाई का बचपन से ही बड़ा शौक रहा है. पहली कहानी 'रूम ऑन द रूफ' रस्किन ने महज 17 साल की उम्र में लिखी थी. 1957 में रस्किन को कॉमनवेल्थ राइटिंग के रूप में 'जॉन लिवलिन रेज' प्राइज भी मिला था. रस्किन ने 100 से अधिक कहानी, उपन्यास, कविताएं लिखी हैं. 1963 में रस्किन बॉन्ड पहाड़ों की रानी मसूरी आ गए. रस्किन बांड की उपन्यास पर कई बॉलीवुड फिल्में बन चुकी हैं.
बता दें कि साल 1999 में भारत सरकार ने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया. 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 'अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है.
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