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JSSC PGT विवाद: मूक-बधिर अभ्यर्थी योगेंद्र पर लगे आरोपों पर परिजनों ने खुलकर रखी अपनी बात, पिता और पत्नी ने बताई सच्चाई - JSSC PGT Controversy

Irregularities in PGT appointment in Jharkhand. मूक-बधिर कोटे से JSSC PGT शिक्षक के पद पर नियुक्ति पाने वाले योगेंद्र प्रसाद के परिजनों ने उनके उपर लग रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. योगेंद्र प्रसाद के पिता और पत्नी ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात की. इस दौरान उन्होंने पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा.

JSSC PGT Controversy
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 14, 2024, 1:01 PM IST

Updated : Jul 14, 2024, 1:13 PM IST

देवघर: JSSC PGT परीक्षा में मूक-बधिर श्रेणी में बोल सकने वाले अभ्यर्थी योगेंद्र प्रसाद के चयन का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी द्वारा लगाए गए इस आरोप के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच ईटीवी भारत की टीम अभ्यर्थी योगेंद्र प्रसाद का पक्ष जानने उनके घर पहुंची. लेकिन योगेंद्र अपने घर पर नहीं मिले. वहां उनके परिजन मिले. जिन्होंने योगेंद्र पर लगाए जा रहे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. हालांकि उन्होंने माना कि योगेंद्र बोल सकते हैं.

पीजीटी अभ्यर्थी योगेंद्र केे पिता और पत्नी से बात करते संवाददाता हितेश कुमार चौधरी (ईटीवी भारत)

क्या है मामला?

दरअसल, शुक्रवार को धुर्वा मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 1500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. इस मामले में विपक्ष द्वारा अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं. भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि JSSC PGT शिक्षक नियुक्ति में कई अभ्यर्थियों की बहाली गलत तरीके से हुई है. देवघर जिले के सत्संग नगर निवासी योगेंद्र प्रसाद नामक युवक को मूक-बधिर कोटे के आधार पर नौकरी दी गई, लेकिन हकीकत में वह बोल और सुन सकता है. जो सरकार की अनियमितता को दर्शाता है.

ईटीवी भारत से योगेंद्र के पिता ने की बात

अमर बाउरी द्वारा लगाए गए इस आरोप के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा. जिसके बाद सरकार ने देवघर डीसी को जांच के आदेश दिए हैं और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. मामले के तूल पकड़ने के बाद ईटीवी भारत की टीम देवघर जिले के सत्संग कॉलोनी में रहने वाले योगेंद्र प्रसाद के घर पहुंची. वहां योगेंद्र प्रसाद तो नहीं मिले, लेकिन उनके पिता सुरेंद्र प्रसाद यादव और उनकी पत्नी ललिता देवी मिलीं. फिर उन्होंने पूरे मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता से बात की.

'योगेंद्र बोल सकता है'

योगेंद्र प्रसाद के पिता सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि उनके बेटे पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनका बेटा बधिर है, उसे सुनने में दिक्कत होती है. लेकिन वह बोल सकता है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने बधिर होने का प्रमाण पत्र देकर नौकरी पाई है. लेकिन उनके बेटे पर लगाए जा रहे आरोप उनकी समझ से परे हैं. वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि डॉक्टर का सर्टिफिकेट देने के बाद भी उस पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं.

योगेंद्र की पत्नी ललिता देवी ने बताया कि उनके पति योगेंद्र प्रसाद को पिछले कई सालों से सुनने में दिक्कत है. जिसके चलते वह कान में मशीन भी लगाते हैं. इसी आधार पर उन्हें नौकरी मिली है. लेकिन इसके बावजूद उनके पति पर गलत तरीके से नौकरी पाने का आरोप लगाया जा रहा है. इसके चलते उनके परिवार की खुशियां गायब हो गई हैं.

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पीजीटी अभ्यर्थी योगेंद्र केे पिता और पत्नी से बात करते संवाददाता हितेश कुमार चौधरी (ईटीवी भारत)

क्या है मामला?

दरअसल, शुक्रवार को धुर्वा मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 1500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. इस मामले में विपक्ष द्वारा अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं. भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि JSSC PGT शिक्षक नियुक्ति में कई अभ्यर्थियों की बहाली गलत तरीके से हुई है. देवघर जिले के सत्संग नगर निवासी योगेंद्र प्रसाद नामक युवक को मूक-बधिर कोटे के आधार पर नौकरी दी गई, लेकिन हकीकत में वह बोल और सुन सकता है. जो सरकार की अनियमितता को दर्शाता है.

ईटीवी भारत से योगेंद्र के पिता ने की बात

अमर बाउरी द्वारा लगाए गए इस आरोप के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा. जिसके बाद सरकार ने देवघर डीसी को जांच के आदेश दिए हैं और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. मामले के तूल पकड़ने के बाद ईटीवी भारत की टीम देवघर जिले के सत्संग कॉलोनी में रहने वाले योगेंद्र प्रसाद के घर पहुंची. वहां योगेंद्र प्रसाद तो नहीं मिले, लेकिन उनके पिता सुरेंद्र प्रसाद यादव और उनकी पत्नी ललिता देवी मिलीं. फिर उन्होंने पूरे मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता से बात की.

'योगेंद्र बोल सकता है'

योगेंद्र प्रसाद के पिता सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि उनके बेटे पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनका बेटा बधिर है, उसे सुनने में दिक्कत होती है. लेकिन वह बोल सकता है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने बधिर होने का प्रमाण पत्र देकर नौकरी पाई है. लेकिन उनके बेटे पर लगाए जा रहे आरोप उनकी समझ से परे हैं. वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि डॉक्टर का सर्टिफिकेट देने के बाद भी उस पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं.

योगेंद्र की पत्नी ललिता देवी ने बताया कि उनके पति योगेंद्र प्रसाद को पिछले कई सालों से सुनने में दिक्कत है. जिसके चलते वह कान में मशीन भी लगाते हैं. इसी आधार पर उन्हें नौकरी मिली है. लेकिन इसके बावजूद उनके पति पर गलत तरीके से नौकरी पाने का आरोप लगाया जा रहा है. इसके चलते उनके परिवार की खुशियां गायब हो गई हैं.

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Last Updated : Jul 14, 2024, 1:13 PM IST
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