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धनबाद में निजी अस्पताल में नवजात की मौत, परिजनों ने किया हंगामा - धनबाद में नवजात की मौत पर हंगामा

Newborn died in private hospital of Dhanbad. धनबाद में नवजात की मौत पर हंगामा हुआ है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने गलत तरीके से बिल बनाया और नवजात का शव भी नहीं सौंपा. सदर थाना के निजी अस्पताल में नवजात की मौत हुई थी.

family members created ruckus after death of newborn in private hospital of Dhanbad
धनबाद में नवजात की मौत पर हंगामा
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 5, 2024, 10:25 PM IST

धनबाद में नवजात की मौत पर हंगामा, जानकारी देते परिजन

धनबादः जिला में सदर थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गलत तरीके से बिल बनाने और नवजात का शव नहीं देने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि बॉलीवुड की एक फिल्म की तर्ज पर इलाज का ढोंग रचा गया और शव भी नहीं सौंप रहे.

महाराजगंज निवासी प्रदीप मंडल ने बताया कि 29 फरवरी को वह अपने नवजात को निजी अस्पताल में भर्ती कराया. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ रही थी, अस्पताल के NICU में भर्ती किया गया. 29 तारीख से लेकर पिछले 2 तारीख तक लगभग 40 हजार रुपये से अधिक की दवाई मंगायी गयी. इसके बाद 2 मार्च तक लगभग 46 हजार रुपये का बिल बनाया गया जबकि 1 मार्च की रात को ही नवजात की मौत हो गई. इसके बावजूद भी डॉक्टर जांच शुल्क बिल में जोड़ा गया है. मंगलवार को फाइनल बिल करीब 66 हजार रुपया का बनाया गया. बिल की जांच के दौरान काफी कुछ गड़बड़ दवाई के शुल्क में देखने को मिली. जिसका विरोध करने पर प्रबंधन की ओर से कहा गया कि जब तक पूरा बिल जमा नहीं होगा तब तक आपको नवजात का शव सौंपा नहीं जाएगा. उन्होंने मांग की है कि इस तरह की जांच के नाम पर अनाप-शनाप बिल जोड़ने वाले अस्पताल पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो.

वहीं परिजन दीपक मंडल ने एक बॉलीवुड फिल्म का हवाला देते हुए बताया कि जिस प्रकार के एक मृत व्यक्ति के इलाज का ढोंग रचकर परिजनों को लाखों का बिल थमाते हुए अस्पताल के लोगों को दिखाया गया था. उसी प्रकार अस्पताल के लोगों द्वारा नवजात का इलाज किया गया, कई बार दवाई और बिल का मिलान किया गया इसमें भी गड़बड़ी पायी गयी. इसके बावजूद भी हम सबने नवजात को ध्यान में रखते हुए कुछ नहीं बोला. लेकिन जब बिल की बात हुई तो उसमें कई सारी अनाप-शनाप बैक डेट में जोड़ा गया है. ऐसे में अस्पताल के साथ-साथ डॉक्टर पर से भी विश्वास उठता जा रहा है जबकि डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं इसलिए उनको निष्पक्ष भाव से मरीजों की देखभाल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां फिल्म के उसी नायक की जरूरत है जो ऐसे डॉक्टर का सही सही इलाज कर सके.

इस मामले को लेकर डॉक्टर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है बिल जितना आता है उतना ही भुगतान करना पड़ता है. वहीं अस्पताल के डॉक्टर मेजर चंदन ने कहा कि परिजनों के द्वारा लगाए सारे आरोप निराधार हैं. उनसे जुड़े सारे बिल सही सही बनाये गये हैं. वहीं नवजात का शव परिजनों को न सौंपने की बात पर डॉक्टर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं किसी भी मामले में शव को देने से कभी भी रोका नहीं जाता है.

इसे भी पढे़ं- धनबाद के निजी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप

इसे भी पढे़ं- बोकारो में इलाज के दौरान मरीज की मौत, आक्रोशित लोगों ने जमकर काटा बवाल

इसे भी पढ़ें- मरीज की मौत के बाद परिजनों का हंगामा, निजी अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद नेशनल हाईवे किया जाम

धनबाद में नवजात की मौत पर हंगामा, जानकारी देते परिजन

धनबादः जिला में सदर थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गलत तरीके से बिल बनाने और नवजात का शव नहीं देने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि बॉलीवुड की एक फिल्म की तर्ज पर इलाज का ढोंग रचा गया और शव भी नहीं सौंप रहे.

महाराजगंज निवासी प्रदीप मंडल ने बताया कि 29 फरवरी को वह अपने नवजात को निजी अस्पताल में भर्ती कराया. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ रही थी, अस्पताल के NICU में भर्ती किया गया. 29 तारीख से लेकर पिछले 2 तारीख तक लगभग 40 हजार रुपये से अधिक की दवाई मंगायी गयी. इसके बाद 2 मार्च तक लगभग 46 हजार रुपये का बिल बनाया गया जबकि 1 मार्च की रात को ही नवजात की मौत हो गई. इसके बावजूद भी डॉक्टर जांच शुल्क बिल में जोड़ा गया है. मंगलवार को फाइनल बिल करीब 66 हजार रुपया का बनाया गया. बिल की जांच के दौरान काफी कुछ गड़बड़ दवाई के शुल्क में देखने को मिली. जिसका विरोध करने पर प्रबंधन की ओर से कहा गया कि जब तक पूरा बिल जमा नहीं होगा तब तक आपको नवजात का शव सौंपा नहीं जाएगा. उन्होंने मांग की है कि इस तरह की जांच के नाम पर अनाप-शनाप बिल जोड़ने वाले अस्पताल पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो.

वहीं परिजन दीपक मंडल ने एक बॉलीवुड फिल्म का हवाला देते हुए बताया कि जिस प्रकार के एक मृत व्यक्ति के इलाज का ढोंग रचकर परिजनों को लाखों का बिल थमाते हुए अस्पताल के लोगों को दिखाया गया था. उसी प्रकार अस्पताल के लोगों द्वारा नवजात का इलाज किया गया, कई बार दवाई और बिल का मिलान किया गया इसमें भी गड़बड़ी पायी गयी. इसके बावजूद भी हम सबने नवजात को ध्यान में रखते हुए कुछ नहीं बोला. लेकिन जब बिल की बात हुई तो उसमें कई सारी अनाप-शनाप बैक डेट में जोड़ा गया है. ऐसे में अस्पताल के साथ-साथ डॉक्टर पर से भी विश्वास उठता जा रहा है जबकि डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं इसलिए उनको निष्पक्ष भाव से मरीजों की देखभाल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां फिल्म के उसी नायक की जरूरत है जो ऐसे डॉक्टर का सही सही इलाज कर सके.

इस मामले को लेकर डॉक्टर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है बिल जितना आता है उतना ही भुगतान करना पड़ता है. वहीं अस्पताल के डॉक्टर मेजर चंदन ने कहा कि परिजनों के द्वारा लगाए सारे आरोप निराधार हैं. उनसे जुड़े सारे बिल सही सही बनाये गये हैं. वहीं नवजात का शव परिजनों को न सौंपने की बात पर डॉक्टर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं किसी भी मामले में शव को देने से कभी भी रोका नहीं जाता है.

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