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भरतपुर के पूर्व राजपरिवार का पारिवारिक विवाद, आरोप-प्रत्यारोप के बीच जानिये पूरी कहानी - Vishvendra Singh family dispute

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 22, 2024, 7:41 PM IST

भरतपुर के पूर्व राजपरिवार का पारिवारिक विवाद चर्चा में हैं. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी और बेटे पर कई गंभीर आरोप लगाए है. वहीं, उनकी पत्नी और बेटे ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि विश्वेंद्र सिंह ने बीते 30 साल में पूर्व महाराजा सूरजमल के समय की पैतृक संपत्ति को बेच दिया. पढ़िए पूरी खबर.

भरतपुर का पूर्व राजपरिवार विवाद
भरतपुर का पूर्व राजपरिवार विवाद (ETV Bharat GFX Team)
भरतपुर का पूर्व राजपरिवार विवाद (ETV Bharat bharatpur)

भरतपुर. जिले के एक खास परिवार का विवाद अब आम हो गया है. भरतपुर पूर्व राजघराने के वशंज और नेता विश्वेंद्र सिंह और उनकी पत्नी का विवाद इन दिनों सुर्खियों में है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर सरेआम जारी है. आज विश्वेंद्र सिंह की पत्नी और बेटे ने इस मामले को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, तो चलिए आपको बताते हैं इस कहानी की शुरुआत और अब तक क्या-क्या हुआ.

वैसे तो यह विवाद कई वर्षों से चल रहा था, लेकिन यह यह उस समय चर्चा में आ गया, जब कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह ने एसडीएम ट्रिब्यूनल में वरिष्ठ नागरिक के रूप में एक प्रार्थना पत्र पेश किया. विश्वेंद्र सिंह ने इस प्रार्थना पत्र में अपनी पत्नी एवं पूर्व सांसद दिव्या सिंह और अपने बेटे अनिरुद्ध सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए. विश्वेंद्र सिंह ने प्रार्थना पत्र में पत्नी और बेटे पर मारपीट करने, खाना नहीं देने और घर छोड़ने को मजबूर करने समेत तमाम आरोप लगाए थे. दूसरी तरफ पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने इन सभी आरोपों को ना सिर्फ झूठा करार दिया, बल्कि उन्होंने पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह पर ही पूर्व महाराजा सूरजमल की ऐतिहासिक प्रॉपर्टी को बेचने का आरोप लगाया. इस पूरे मामले में अब तक पूर्व सांसद दिव्या सिंह और उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह दो बार प्रेस वार्ता कर चुके हैं.

इसे भी पढ़ें-दिव्या सिंह ने अशोक गहलोत पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- दो साल तक बहुत लगाई आग, महापंचायतों से नहीं पड़ता फर्क - Divya Singh Made Allegations

ये हैं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के आरोप : पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और बेटे ने उनके पहनने के कपड़े फाड़ दिए, कुएं में फेंक दिए और जला दिए. उनके साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न किया गया. उपयोगी कागज, रिकॉर्ड कुएं में फेंक दिए, कमरे का उपयोगी समान फेंक दिया, अपशब्द का इस्तेमाल कर बेइज्जत किया गया. उन्होंने आरोप लगाया है कि रसोइए से समय पर खाना, चाय पानी देना बंद करवा दिया. मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया और बाहर आना-जाना बंद कर दिया. क्षेत्र से मिलने आने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इस कारण उनका अपने निवास पर रह पाना मुश्किल हो गया है.

विश्वेंद्र सिंह ने पत्र में आरोप लगाया कि उत्पीड़न की पराकाष्ठा तब हुई जब बेटे और पत्नी ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और एक कमरे तक सीमित कर दिया. तभी से उन्हें इधर-उधर खानाबदोश की तरह रहना पड़ रहा है. कुछ समय जयपुर स्थित सरकारी आवास पर रहे और उसके बाद विभिन्न होटलों में असुविधापूर्वक रह रहे हैं. उन्होंने बेटे और पत्नी से 5 लाख रुपए प्रति माह भरण पोषण भत्ता दिलाने की भी मांग की है.

पत्नी और बेटे के आरोप : दूसरी तरफ विश्वेंद्र की पत्नी एवं पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के सभी आरोपों को झूठा बताया. मां-बेटे का कहना है कि विश्वेंद्र सिंह ने बीते 30 साल में पूर्व महाराजा सूरजमल के समय की पैतृक संपत्ति को बेच दिया, सिर्फ एक मोतीमहल बचा है. दिव्या सिंह ने कहा है कि "मैं मरते दम तक मोती महल को बचाऊंगी, चाहे कुछ भी हो जाए." बुधवार को प्रेसवार्ता में मां-बेटे ने इस पूरे विवाद में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि गहलोत ने आग में घी डालने का काम किया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली राजपरिवार से हुआ है. करौली की कैलादेवी मां हमारी कुलदेवी हैं और गिरिराज जी हमारे इष्ट देव हैं.

भरतपुर का पूर्व राजपरिवार विवाद (ETV Bharat bharatpur)

भरतपुर. जिले के एक खास परिवार का विवाद अब आम हो गया है. भरतपुर पूर्व राजघराने के वशंज और नेता विश्वेंद्र सिंह और उनकी पत्नी का विवाद इन दिनों सुर्खियों में है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर सरेआम जारी है. आज विश्वेंद्र सिंह की पत्नी और बेटे ने इस मामले को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, तो चलिए आपको बताते हैं इस कहानी की शुरुआत और अब तक क्या-क्या हुआ.

वैसे तो यह विवाद कई वर्षों से चल रहा था, लेकिन यह यह उस समय चर्चा में आ गया, जब कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह ने एसडीएम ट्रिब्यूनल में वरिष्ठ नागरिक के रूप में एक प्रार्थना पत्र पेश किया. विश्वेंद्र सिंह ने इस प्रार्थना पत्र में अपनी पत्नी एवं पूर्व सांसद दिव्या सिंह और अपने बेटे अनिरुद्ध सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए. विश्वेंद्र सिंह ने प्रार्थना पत्र में पत्नी और बेटे पर मारपीट करने, खाना नहीं देने और घर छोड़ने को मजबूर करने समेत तमाम आरोप लगाए थे. दूसरी तरफ पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने इन सभी आरोपों को ना सिर्फ झूठा करार दिया, बल्कि उन्होंने पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह पर ही पूर्व महाराजा सूरजमल की ऐतिहासिक प्रॉपर्टी को बेचने का आरोप लगाया. इस पूरे मामले में अब तक पूर्व सांसद दिव्या सिंह और उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह दो बार प्रेस वार्ता कर चुके हैं.

इसे भी पढ़ें-दिव्या सिंह ने अशोक गहलोत पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- दो साल तक बहुत लगाई आग, महापंचायतों से नहीं पड़ता फर्क - Divya Singh Made Allegations

ये हैं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के आरोप : पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और बेटे ने उनके पहनने के कपड़े फाड़ दिए, कुएं में फेंक दिए और जला दिए. उनके साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न किया गया. उपयोगी कागज, रिकॉर्ड कुएं में फेंक दिए, कमरे का उपयोगी समान फेंक दिया, अपशब्द का इस्तेमाल कर बेइज्जत किया गया. उन्होंने आरोप लगाया है कि रसोइए से समय पर खाना, चाय पानी देना बंद करवा दिया. मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया और बाहर आना-जाना बंद कर दिया. क्षेत्र से मिलने आने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इस कारण उनका अपने निवास पर रह पाना मुश्किल हो गया है.

विश्वेंद्र सिंह ने पत्र में आरोप लगाया कि उत्पीड़न की पराकाष्ठा तब हुई जब बेटे और पत्नी ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और एक कमरे तक सीमित कर दिया. तभी से उन्हें इधर-उधर खानाबदोश की तरह रहना पड़ रहा है. कुछ समय जयपुर स्थित सरकारी आवास पर रहे और उसके बाद विभिन्न होटलों में असुविधापूर्वक रह रहे हैं. उन्होंने बेटे और पत्नी से 5 लाख रुपए प्रति माह भरण पोषण भत्ता दिलाने की भी मांग की है.

पत्नी और बेटे के आरोप : दूसरी तरफ विश्वेंद्र की पत्नी एवं पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के सभी आरोपों को झूठा बताया. मां-बेटे का कहना है कि विश्वेंद्र सिंह ने बीते 30 साल में पूर्व महाराजा सूरजमल के समय की पैतृक संपत्ति को बेच दिया, सिर्फ एक मोतीमहल बचा है. दिव्या सिंह ने कहा है कि "मैं मरते दम तक मोती महल को बचाऊंगी, चाहे कुछ भी हो जाए." बुधवार को प्रेसवार्ता में मां-बेटे ने इस पूरे विवाद में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि गहलोत ने आग में घी डालने का काम किया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भरतपुर राजपरिवार का निकास करौली राजपरिवार से हुआ है. करौली की कैलादेवी मां हमारी कुलदेवी हैं और गिरिराज जी हमारे इष्ट देव हैं.

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