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तनाव के बीच इजराइल गए मजदूर काम करने को मजबूर, अनहोनी का आशंका में सहमे परिजन - Impact of Iran Israel tension - IMPACT OF IRAN ISRAEL TENSION

मिर्जापुर से इजराइल गए छह मजदूरों के परिजन परेशान, युद्ध के बन रहे हालात के चलते सकुशल घर वापसी की मांग रहे दुआ

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इजराइल गए मजदूरों के परिजन चिंतित (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 4, 2024, 8:17 PM IST

Updated : Oct 4, 2024, 10:56 PM IST

मिर्जापुर: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है. ईरान की ओर से इजरायल पर किए गए मिसाइल से हमले के बाद से युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे हालात में इजरायल में मजदूरी करने गए लोगों के परिजन चिंतित हैं. मजदूरों ने अपने परिजनों को बताया कि, सायरन बजने के बाद हम बंकर में छुप जाते हैं, सामान्य स्थिति होने पर काम किया करते हैं. फिलहाल अभी कोई परेशानी नहीं है. मिर्जापुर के अनंतपुर गांव से अकेले छह लोग इजराइल में मजदूरी करने गए हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मजदूर इसराइल में काम करने गए हैं. उनके परिजनों को अब चिंता सताने लगी है. हलांकि मिर्जापुर से इजराइल गए मजदूरों के परिजनों का कहना है, हर दिन बात हो जाती है. लेकिन हालात खराब होने से हम सभी की चिंता बढ़ जाती है. रात में हमले होते हैं. सायरन बजने पर सभी मजदूर बंकर में जाकर छिप जाते हैं. सुबह सामान्य स्थिति होने पर फिर से काम शुरू करते हैं.

मिर्जापुर के कई मजदूर इजराइल में कर रहे काम (Video Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों के साथ ही मिर्जापुर के अनंतपुर गांव से भी लोग इजराइल में मजदूरी का काम करने गए हुए हैं. इस गांव के 6 लोग सतीश कुमार, पंकज कुमार, रमेश, राहुल, अतुल और धनेश कुमार हैं, जो 6 अप्रैल को यहां से गए हैं. इनमें सतीश कुमार येरुशलम में और राहुल, पंकज, अतुल, रमेश और धनेश तेल अवीव में रहकर काम कर हैं.

इजराइल में मजदूरी करने गए सतीश की पत्नी संजू ने बताया कि, पति हमसे कहते हैं इजराइल में स्थिति सामान्य है कोई दिक्कत नहीं है. परिवारों के लोगों को दिक्कत नहीं हो, इसलिए वह ज्यादा जानकारी नहीं देते हैं. वहां पर जब भी हालात बिगड़ते है और बातचीत नहीं हो पाती है तो चिंता होने लगती है. परिवार हमेशा प्रार्थना करता हैं कि सही सलामत रहे और काम पूरा कर घर लौट आए.

वहीं मजदूर पंकज कुमार के भाई सोनू ने बताया कि, भाई कारपेंटर का काम करने गए हैं. हर दिन बातचीत हो जाती है. उन्होंने बताया कि ईरान कि तरफ से रात में हमला किया जाता है. सायरन बजने के बाद हम सब बंकर में छिप जाते हैं. सुबह स्थिति सही होने के बाद फिर काम पर जाते हैं. जब सायरन बजने लगता है और मिसाइल गिरने लगती हैं तब टेंशन बढ़ जाती है. हम घर वाले भी चिंतित हो जाते हैं. कभी ऐसा लगता है कि भाई घर वापस आ जाए.

आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील के बेरमा गांव के पांच लोग बाबू लाला, संतोष, आकाश, गोविंदा और राजकरन रोजी रोटी कमाने इजराइल गए हैं. ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों के बाद बने तनाव के हालात के चलते गांव में चिंता का माहौल है. हालांकी वहां गए मजदूर सुरक्षित हैं और अपने परिजनों से निरंतर संपर्क में हैं. गुरुवार को मजदूरों ने परिजनों से बीत की, जिससे उनकी चिंताएं कुछ कम हुईं. मजदूरों ने कहा कि वर्तमान में माहौल पूरी तरह से शांत है. चिंता की कोई बात नहीं है. जब भी मिसाइल अटैक होता है तो सायरन बजता है और हम सुरंग में चले जाते हैं. यहां हर घर में सुरंग बनी हुई है.

यह भी पढ़ें: ईरान-इजराइल संघर्ष पर भारत ने गहरी चिंता जताई

मिर्जापुर: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है. ईरान की ओर से इजरायल पर किए गए मिसाइल से हमले के बाद से युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे हालात में इजरायल में मजदूरी करने गए लोगों के परिजन चिंतित हैं. मजदूरों ने अपने परिजनों को बताया कि, सायरन बजने के बाद हम बंकर में छुप जाते हैं, सामान्य स्थिति होने पर काम किया करते हैं. फिलहाल अभी कोई परेशानी नहीं है. मिर्जापुर के अनंतपुर गांव से अकेले छह लोग इजराइल में मजदूरी करने गए हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मजदूर इसराइल में काम करने गए हैं. उनके परिजनों को अब चिंता सताने लगी है. हलांकि मिर्जापुर से इजराइल गए मजदूरों के परिजनों का कहना है, हर दिन बात हो जाती है. लेकिन हालात खराब होने से हम सभी की चिंता बढ़ जाती है. रात में हमले होते हैं. सायरन बजने पर सभी मजदूर बंकर में जाकर छिप जाते हैं. सुबह सामान्य स्थिति होने पर फिर से काम शुरू करते हैं.

मिर्जापुर के कई मजदूर इजराइल में कर रहे काम (Video Credit; ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों के साथ ही मिर्जापुर के अनंतपुर गांव से भी लोग इजराइल में मजदूरी का काम करने गए हुए हैं. इस गांव के 6 लोग सतीश कुमार, पंकज कुमार, रमेश, राहुल, अतुल और धनेश कुमार हैं, जो 6 अप्रैल को यहां से गए हैं. इनमें सतीश कुमार येरुशलम में और राहुल, पंकज, अतुल, रमेश और धनेश तेल अवीव में रहकर काम कर हैं.

इजराइल में मजदूरी करने गए सतीश की पत्नी संजू ने बताया कि, पति हमसे कहते हैं इजराइल में स्थिति सामान्य है कोई दिक्कत नहीं है. परिवारों के लोगों को दिक्कत नहीं हो, इसलिए वह ज्यादा जानकारी नहीं देते हैं. वहां पर जब भी हालात बिगड़ते है और बातचीत नहीं हो पाती है तो चिंता होने लगती है. परिवार हमेशा प्रार्थना करता हैं कि सही सलामत रहे और काम पूरा कर घर लौट आए.

वहीं मजदूर पंकज कुमार के भाई सोनू ने बताया कि, भाई कारपेंटर का काम करने गए हैं. हर दिन बातचीत हो जाती है. उन्होंने बताया कि ईरान कि तरफ से रात में हमला किया जाता है. सायरन बजने के बाद हम सब बंकर में छिप जाते हैं. सुबह स्थिति सही होने के बाद फिर काम पर जाते हैं. जब सायरन बजने लगता है और मिसाइल गिरने लगती हैं तब टेंशन बढ़ जाती है. हम घर वाले भी चिंतित हो जाते हैं. कभी ऐसा लगता है कि भाई घर वापस आ जाए.

आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील के बेरमा गांव के पांच लोग बाबू लाला, संतोष, आकाश, गोविंदा और राजकरन रोजी रोटी कमाने इजराइल गए हैं. ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों के बाद बने तनाव के हालात के चलते गांव में चिंता का माहौल है. हालांकी वहां गए मजदूर सुरक्षित हैं और अपने परिजनों से निरंतर संपर्क में हैं. गुरुवार को मजदूरों ने परिजनों से बीत की, जिससे उनकी चिंताएं कुछ कम हुईं. मजदूरों ने कहा कि वर्तमान में माहौल पूरी तरह से शांत है. चिंता की कोई बात नहीं है. जब भी मिसाइल अटैक होता है तो सायरन बजता है और हम सुरंग में चले जाते हैं. यहां हर घर में सुरंग बनी हुई है.

यह भी पढ़ें: ईरान-इजराइल संघर्ष पर भारत ने गहरी चिंता जताई

Last Updated : Oct 4, 2024, 10:56 PM IST
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