पटनाः बिहार में सक्षमता परीक्षा को लेकर भरे जा रहे फार्म के दौरान सैकड़ों फर्जी शिक्षक का खुलासा हुआ है. यह ऐसे शिक्षक हैं जिनके सर्टिफिकेट पर विभिन्न जगहों पर एक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. पूरा मामला नवादा जिले से उजागर हुआ है. 86 नियोजित शिक्षकों का सर्टिफिकेट डुप्लीकेट मिला है. इसके बाद विभाग हरकत में आ गया है.
25 जिलों में कार्यरत हैं फर्जी शिक्षकः शिक्षा विभाग के अनुसार 86 ऐसे शिक्षक हैं जिनके सर्टिफिकेट पर पटना, गया, नवादा सहित प्रदेश के 25 जिलों में 89 शिक्षक कार्यरत हैं. जानकारी के अनुसार सक्षमता परीक्षा के लिए प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों की जांच के क्रम में गड़बड़ियां उजागर हुई. एक ही टीईटी, एसटीईटी और बीटेट के रौल नंबर पर कई जिलों में कई शिक्षक कार्यरत हैं.
एक सर्टिफिकेट पर कई नियुक्तिः नवादा जिले में जिन 86 नियोजित शिक्षकों के डुप्लीकेट सर्टिफिकेट की पहचान हुई है उसमें 15-15 नियोजित शिक्षकों के टीईटी सर्टिफिकेट पर दो से तीन जगहों पर शिक्षक काम कर रहे हैं. इस तरह का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. इसके साथ ही शिक्षा विभाग अन्य जिलों में इसकी जांच शुरू कर दी है.
शिक्षा विभाग कराए जांचः वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मीकांत सजल लंबे समय से शिक्षा बीट पर काम कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट पर एक से अधिक शिक्षक कार्यरत है, उसमें तय है कि कोई एक शिक्षक ही सही है बाकी फर्जी है. अभी नवादा में ऐसा मामला सामने आया है. विभाग को चाहिए कि अन्य जिलों में गंभीरता से अंदरूनी जांच कराए. ऐसे शिक्षकों पर FIR और निलंबन की कार्रवाई की जाए.
"स्थानीय निकायों से बहाल हुए नियोजित शिक्षकों पर पूर्व से भी फर्जी शिक्षक होने का दाग लगा है. हाईकोर्ट का भी कहना है कि ऐसे शिक्षकों की पहचान कर उन्हें सेवा से बाहर किया जाए. हाईकोर्ट में सरकार ने जो हलफनामा दिया है, उसके मुताबिक स्थानीय निकाय से बने नियोजित शिक्षकों में 75000 शिक्षक ऐसे हैं जिनका फोल्डर विभाग के पास नहीं है." - लक्ष्मीकांत सजल, वरिष्ठ पत्रकार
फर्जी शिक्षकों में बढ़ी चिंताः शिक्षा विभाग ने राज्यकर्मी का दर्जा के लिए सक्षमता परीक्षा का प्रावधान किया है. ऐसे में नियोजित शिक्षकों को परीक्षा देना अनिवार्य है. पहले चरण में जो नियोजित शिक्षकों ने फॉर्म भरा है. इसी दौरान इसका खुलासा हुआ है. ऐसे में निश्चित है कि जो फर्जी डॉक्यूमेंट पर शिक्षक बहाल हुए हैं उनकी चिंताएं इस समय बढ़ी हुई है.
नवादा के शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जीः नवादा में जिन 86 नियोजित शिक्षकों का सर्टिफिकेट डुप्लीकेट पाया गया उसमें नारदीगंज और पकरीबरावां में 15-15, नवादा में 9, हिसुआ 12, रजौली 10, वारिसलीगंज 9, काशीचक 3, कौआकोल 3, अकबरपुर, रोह, सिरदला और नरहट में 2-2, मेसकौर और गोविंदपुर में 1-1 हैं शिक्षकों का सर्टिफिकेट शामिल है.
इस जिले में फर्जी शिक्षक कार्यरतः 86 शिक्षकों के सर्टिफिकेट पर प्रदेश के 25 जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिसमें नालंदा में 18, गया में 13, जहानाबाद में 8, शेखपुरा और पटना में 5-5, भोजपुर, रोहतास और मुंगेर में 4-4 बेगूसराय, सारण और मुजफ्फरपुर में 3-3, लखीसराय, मधेपुरा, मोतिहारी, अरवल, समस्तीपुर में 2-2 जबकि अररिया, औरंगाबाद, गोपालगंज, मधुबनी, खगड़िया, वैशाली, सीवान, सीतामढ़ी और कैमूर में पदस्थापित एक-एक शामिल है.
पटना डीईओ अलर्टः इन शिक्षकों का बीटेट, सीटेट सर्टिफिकेट नवादा में पदस्थापित शिक्षकों के सर्टिफिकेट से मिल रहा है. पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि उनके यहां सक्षमता परीक्षा के आवेदन में ऐसे कोई शिक्षक नहीं मिले हैं. दूसरे जिलों में जरूर ऐसे मामले सामने आए हैं. पटना में ऐसे मामले सामने आते हैं तो इसपर कार्रवाई की जाएगी.
"पटना जिले में यदि ऐसे आवेदन आते हैं तो शिक्षा विभाग को संज्ञान देते हुए जांच की मांग करेंगे. जिले में कार्यरत किसी शिक्षक के डॉक्यूमेंट फर्जी होने का सबूत है तो विभाग में उपलब्ध कराएं. आवश्यक कार्रवाई की जाएगी." -संजय कुमार, डीईओ
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