पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां जिले के के नगर थाना क्षेत्र से सबूतर जाने वाली सड़क किनारे मौजूद एक जूते चप्पल की दुकान से भारी मात्रा में नकली कीटनाशक दवा बरामद किया गया है. बताया जा रहा कि यहां पिछले कई वर्षों से यह कारोबार चल रहा था.
भारी मात्रा में कीटनाशक जब्त: मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में नकली कीटनाशक दवा को जब्त किया गया है. बताया जा रहा है कि जिस कपंनी के नाम पर इसे बेचा जा रहा था, उसी कंपनी के अधिकारियों ने स्थानीय थाना एवं कृषि विभाग को इसकी शिकायत की थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए बड़ी कामयाबी मिली है. वहीं, पूछताछ के लिए एक को हिरासत में भी लिया गया है.
चप्पल की दुकान में कारोबार: भारी मात्रा में कीटनाशक जब्त: बताया जा रहा कि जिला एवं प्रखंड स्तर के कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर यह छापेमारी की गई थी. जहां पहुंचने पर पता चला कि सिकंदर कुमार की जूता एवं चप्पल की दुकान है. यहां पिछले कई वर्षों से चोरी छीपे नकली कीटनाशक दवाइयां बनाई जा रही थी. इस छापेमारी दल में जिले के पौधा संरक्षण सहायक निदेशक जय किशन, इंडोफिल कीटनाशक कंपनी के कर्मी और केनगर प्रखंड कृषि पदाधिकारी निखिल कुमार के अलावा अन्य लोग शामिल रहे.
दुकान में छापेमारी कर किया जब्त: जिला पौधा संरक्षण सहायक निदेशक जय किशन ने बताया कि कंपनी द्वारा जानकारी दी गई थी कि सिकंदर कुमार के जूते चप्पल की दुकान में नकली कीटनाशक दवा बनाई जाती है. इसके बाद दुकान में छापेमारी कर वहा से इंडोफिल कीटनाशक कंपनी के नकली स्प्रिंट नामक हजारों रैपर के अलावा दो बोरा राव मेटेरियल को भी बरामद किया गया है. अनुमान लगाया जा रहा कि जब्त रॉ मेटेरियल एवं रैपर का बाजार मूल्य 15 लाख रुपये से अधिक है.
वर्षों से हो रही थी अवैध उगाही: उन्होंने बताया कि छापेमारी दल को देखते हुए अवैध उगाही करने वाले काले कारोबारी सिकंदर कुमार चक्मा देकर फरार हो गया. वहीं, सिकंदर के पिता को मौके पर ही पकड़ लिया गया है, जिससे पूछताछ करने के लिए हिरासत में ले लिया गया है.
"एक वर्ष से कृषि कार्य में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक दवा का नकली निर्माण कर अवैध उगाही की जा रही थी, जिसकी भनक कंपनी वाले को मिली और उन्होंने इसकी शिकायत कृषि विभाग को की. बाद में छापेमारी दल का गठन किया गया. जिसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई. कंपनी द्वारा लिखित शिकायत मिलने पर काले कारोबारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी." - जय किशन, पौधा संरक्षण सहायक निदेशक
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