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उत्तराखंड से चल रहा था अवैध दवा का कारोबार, फूड लाइसेंस के नाम पर 'खेल', एक साल में 862 कंपनियों पर छापे - COUNTERFEIT MEDICINE BUSINESS

देहरादून में फूड लाइसेंस के नाम पर नकली दवाइयों का कारोबार पकड़ा गया है.

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उत्तराखंड से नकली दवाइयों का कारोबार संचालित (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 7, 2024, 5:04 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में नशे के कारोबार का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है. इसके मद्देनजर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) और पुलिस विभाग की टीम प्रदेश के तमाम हिस्सों में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई कर रही है. इसी क्रम में एफडीए और पुलिस विभाग की टीम को देहरादून को सहसपुर क्षेत्र में स्थित ग्रीन हर्बल फैक्ट्री की आड़ में अवैध नशीली दवाइयां बनाए जाने की सूचना मिली, जिस पर एफडीए और पुलिस विभाग की टीम ने छापेमारी कर फैक्ट्री के मालिक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाए जाने की सूचना पर सहसपुर पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) देहरादून की संयुक्त टीम ने औषधि/एफडीए विजिलेंस, देहरादून को साथ में लेकर 5 दिसंबर को लांघा रोड स्थित काया साइकिल गोदाम के पास ग्रीन हर्बल नाम की फैक्ट्री की बिल्डिंग में छापेमारी की कार्रवाई की. छापेमारी के दौरान टीम को फैक्ट्री से भारी मात्रा में अवैध रूप से तैयार की जा रही नशीली दवाइयां और सिरप मिली. मौके से पुलिस टीम ने फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार अभियुक्तों से पूछताछ में जानकारी मिली कि उनके साथ दो अन्य लोग भी अवैध नशीली दवाइयों के निर्माण में शामिल थे.

2023 में लिया फूड लाइसेंस: पुलिस ने बताया कि, पूछताछ में फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार ने बताया कि वो पूर्व में सेलाकुई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करता था. मालिक द्वारा उस फैक्ट्री में अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाई जाती थी, जिस कारण आरोपी को उन दवाइयों की सप्लाई और डिमांड की पूरी जानकारी थी. हालांकि, तीन साल पहले उस फैक्ट्री के मालिक उस्मान को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद आरोपी ने साल 2023 में ग्रीन हर्बल कंपनी के नाम से फूड लाइसेंस लिया. जहां वो फूड लाइसेंस की आड़ में नशीली दवाइयां बनाने का काम करता था.

पुलिस ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में ये नशीली दवाइयां की बरामद-

  • 900 कैप्सूल (Paracetamol Dicyclomine Hydrochloride & Tramadol hydrochloride Capsules)
  • 694 टेबलेट (Buprenorphine 2mg & Naloxone 0.5 mg Sublingual Tablets USP)
  • 327 टेबलेट (Tramadol Hydrochloride 100mg)
  • 192 बोतल Syrup (LYKAREX-TM Syrup 100 ml)
  • 400 भरी बोतलें बिना रैपर
  • 31 खाली रैपर (Buprenorphine 2mg & Naloxone 0.5 mg Sublingual Tablets के)
  • 311 खाली रैपर Codeine Phosphate & Triprolidine Hydrochloride Syrup XCOF-T Syrup 100 ml.

2 कंपनियों के लाइसेंस निरस्त, 5 पर मुकदमा दर्ज: देहरादून फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, नशीली दवाइयों के खिलाफ पिछले एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर सैंपल एकत्र किए गए. इसमें 35 सैंपलों की जांच जारी है. नकली दवाओं के मामले में 2 कंपनियों के लाइसेंस को निरस्त किए जा चुके हैं, जबकि 5 कंपनियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की गई है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में नकली दवाइयों पर नकेल, ताबड़तोड़ छापेमारी, कई लाइसेंस हुए रद्द, पढ़ें डिटेल

देहरादूनः उत्तराखंड में नशे के कारोबार का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है. इसके मद्देनजर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) और पुलिस विभाग की टीम प्रदेश के तमाम हिस्सों में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई कर रही है. इसी क्रम में एफडीए और पुलिस विभाग की टीम को देहरादून को सहसपुर क्षेत्र में स्थित ग्रीन हर्बल फैक्ट्री की आड़ में अवैध नशीली दवाइयां बनाए जाने की सूचना मिली, जिस पर एफडीए और पुलिस विभाग की टीम ने छापेमारी कर फैक्ट्री के मालिक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाए जाने की सूचना पर सहसपुर पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) देहरादून की संयुक्त टीम ने औषधि/एफडीए विजिलेंस, देहरादून को साथ में लेकर 5 दिसंबर को लांघा रोड स्थित काया साइकिल गोदाम के पास ग्रीन हर्बल नाम की फैक्ट्री की बिल्डिंग में छापेमारी की कार्रवाई की. छापेमारी के दौरान टीम को फैक्ट्री से भारी मात्रा में अवैध रूप से तैयार की जा रही नशीली दवाइयां और सिरप मिली. मौके से पुलिस टीम ने फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार अभियुक्तों से पूछताछ में जानकारी मिली कि उनके साथ दो अन्य लोग भी अवैध नशीली दवाइयों के निर्माण में शामिल थे.

2023 में लिया फूड लाइसेंस: पुलिस ने बताया कि, पूछताछ में फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार ने बताया कि वो पूर्व में सेलाकुई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करता था. मालिक द्वारा उस फैक्ट्री में अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाई जाती थी, जिस कारण आरोपी को उन दवाइयों की सप्लाई और डिमांड की पूरी जानकारी थी. हालांकि, तीन साल पहले उस फैक्ट्री के मालिक उस्मान को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद आरोपी ने साल 2023 में ग्रीन हर्बल कंपनी के नाम से फूड लाइसेंस लिया. जहां वो फूड लाइसेंस की आड़ में नशीली दवाइयां बनाने का काम करता था.

पुलिस ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में ये नशीली दवाइयां की बरामद-

  • 900 कैप्सूल (Paracetamol Dicyclomine Hydrochloride & Tramadol hydrochloride Capsules)
  • 694 टेबलेट (Buprenorphine 2mg & Naloxone 0.5 mg Sublingual Tablets USP)
  • 327 टेबलेट (Tramadol Hydrochloride 100mg)
  • 192 बोतल Syrup (LYKAREX-TM Syrup 100 ml)
  • 400 भरी बोतलें बिना रैपर
  • 31 खाली रैपर (Buprenorphine 2mg & Naloxone 0.5 mg Sublingual Tablets के)
  • 311 खाली रैपर Codeine Phosphate & Triprolidine Hydrochloride Syrup XCOF-T Syrup 100 ml.

2 कंपनियों के लाइसेंस निरस्त, 5 पर मुकदमा दर्ज: देहरादून फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, नशीली दवाइयों के खिलाफ पिछले एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर सैंपल एकत्र किए गए. इसमें 35 सैंपलों की जांच जारी है. नकली दवाओं के मामले में 2 कंपनियों के लाइसेंस को निरस्त किए जा चुके हैं, जबकि 5 कंपनियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की गई है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में नकली दवाइयों पर नकेल, ताबड़तोड़ छापेमारी, कई लाइसेंस हुए रद्द, पढ़ें डिटेल

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