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राजधानी में नकली शराब माफिया हावी, उत्पाद विभाग ने मांगी सीआईडी से मदद - रांची में नकली शराब माफिया

Fake liquor mafia in Ranchi. राजधानी रांची में नकली शराब माफिया हावी है. उत्पाद विभाग ने इनपर नकेल कसने के लिए सीआईडी से मदद मांगी है. पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों लीटर नकली शराब बरामद किए गए हैं, जबकि कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

excise department CID help
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 20, 2024, 5:06 PM IST

सहायक उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा

रांची: राजधानी रांची में नकली और अवैध शराब का कारोबार जम कर फल फूल रहा है. शराब के काले कारोबार में कई सफेदपोश भी शामिल हैं. ऐसे में उत्पाद विभाग शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए अब सीआईडी की मदद लेने की तैयारी में है ताकि शराब के काले कारोबार के पीछे शामिल बड़े माफिया भी गिरफ्त में आ सके.


सीआईडी की मदद की जरूरत

दरअसल, नकली शराब को लेकर उत्पाद विभाग की चिंता की बड़ी वजहें है. हाल के दिनों में सैकड़ों लीटर नकली और अवैध शराब राजधानी के विभिन इलाकों से जब्त किए गए हैं. इन मामलों में आधा दर्जन से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है लेकिन नकली शराब के पीछे जो सफेदपोश हैं उनतक उत्पाद विभाग नहीं पहुंच पा रही है. सहायक उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार नकली शराब के खेल में कई सफेदपोश शामिल हैं उनतक पहुचने के लिए उत्पाद विभाग को अब सीआईडी की मदद लेनी पड़ेगी. उसके लिए विभाग तैयारी कर रहा है. ताकि नकली शराब के नेटवर्क में शामिल बड़ी मछलियों को कानून के शिंकजे में लिया जा सके.

जान और राजस्व दोनों का नुकसान

उत्पाद विभाग के अनुसार महंगे ब्रांड के शराब में नकली और दोयम दर्जे की शराब मिलाकर शराब माफिया बाजार में खपाना चाहते हैं. रांची के पिठोरिया वर्तमान समय में शराब माफिया के लिए स्वर्ग बना हुआ है. पिछले दो सफ्ताह में इस इलाके से हजारों लीटर अवैध शराब ,स्प्रिट, सैकड़ों महंगे ब्रांड के बोतल और स्टिकर बरामद किया जा चुका है.

इस मामले में कई गिरफ्तार भी किए गए हैं. कई शराब की अवैध फैक्ट्रियों को ध्वस्त भी किया गया है लेकिन इन सब के पीछे जो सफेदपोश हैं वह अब तक गिरफ्त से बाहर है. उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार जितने बड़े पैमाने पर नकली शराब का निर्माण किया जा रहा है अगर वह बाजार में पहुंच गया तो न सिर्फ राजस्व को नुकसान होगा बल्कि स्वास्थ्य और जान दोनों का नुकसान हो सकता है. उत्पाद विभाग की टीम बेहद अलर्ट है और बड़े मामलों को सीआईडी को सौंपने की तैयारी में है ताकि शराब माफिया पर नकेल कसी जा सजा सके.

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सहायक उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा

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सीआईडी की मदद की जरूरत

दरअसल, नकली शराब को लेकर उत्पाद विभाग की चिंता की बड़ी वजहें है. हाल के दिनों में सैकड़ों लीटर नकली और अवैध शराब राजधानी के विभिन इलाकों से जब्त किए गए हैं. इन मामलों में आधा दर्जन से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है लेकिन नकली शराब के पीछे जो सफेदपोश हैं उनतक उत्पाद विभाग नहीं पहुंच पा रही है. सहायक उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार नकली शराब के खेल में कई सफेदपोश शामिल हैं उनतक पहुचने के लिए उत्पाद विभाग को अब सीआईडी की मदद लेनी पड़ेगी. उसके लिए विभाग तैयारी कर रहा है. ताकि नकली शराब के नेटवर्क में शामिल बड़ी मछलियों को कानून के शिंकजे में लिया जा सके.

जान और राजस्व दोनों का नुकसान

उत्पाद विभाग के अनुसार महंगे ब्रांड के शराब में नकली और दोयम दर्जे की शराब मिलाकर शराब माफिया बाजार में खपाना चाहते हैं. रांची के पिठोरिया वर्तमान समय में शराब माफिया के लिए स्वर्ग बना हुआ है. पिछले दो सफ्ताह में इस इलाके से हजारों लीटर अवैध शराब ,स्प्रिट, सैकड़ों महंगे ब्रांड के बोतल और स्टिकर बरामद किया जा चुका है.

इस मामले में कई गिरफ्तार भी किए गए हैं. कई शराब की अवैध फैक्ट्रियों को ध्वस्त भी किया गया है लेकिन इन सब के पीछे जो सफेदपोश हैं वह अब तक गिरफ्त से बाहर है. उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार जितने बड़े पैमाने पर नकली शराब का निर्माण किया जा रहा है अगर वह बाजार में पहुंच गया तो न सिर्फ राजस्व को नुकसान होगा बल्कि स्वास्थ्य और जान दोनों का नुकसान हो सकता है. उत्पाद विभाग की टीम बेहद अलर्ट है और बड़े मामलों को सीआईडी को सौंपने की तैयारी में है ताकि शराब माफिया पर नकेल कसी जा सजा सके.

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