देहरादून: पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए उत्तराखंड मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जांच में पत्र फर्जी पाए जाने पर क्राइम पुलिस के उपनिरीक्षक की तहरीर के आधार नगर कोतवाली पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनकी पहचान नीरज कश्यप, पंडित राज आचार्य और सुधीर मिश्रा के नाम से हुई है. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है.
दरअसल, साइबर क्राइम के उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह ने नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें रविन्द्र नेगी ने बताया है कि सहसपुर के रहने वाले नीरज कश्यप को सुरक्षा देने का मुख्य सचिव के हवाले से फर्जी पत्र बनाया गया था. फर्जी पत्र बनने के कुछ देर बाद ही यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया. साइबर पुलिस के पास जब यह पत्र पहुंचा तो यह पत्र फर्जी निकला. इसमें हस्ताक्षर किसी और शासनादेश से कॉपी पेस्ट किए गए थे. पत्रांक का नंबर भी किसी और आदेश का था.
इसके बाद साइबर पुलिस ने नीरज से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे पत्र देहरादून के रहने वाले पंडित आचार्य उर्फ नगेंद्र ने भेजा था. पंडित आचार्य उर्फ नागेंद्र खुद को गोरखनाथ मठ से जुड़ा हुआ बताया. वह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सलाहकार होने का दावा करता है. इसके बाद पुलिस ने आचार्य से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे यह पत्र लखनऊ से सुधीर मिश्रा ने भेजा है.
मामले में एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि तीनों आरोपियों नीरज कश्यप,नगेंद्र और सुधीर मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की गहनता से जांच की जा रही है. उन्होंने बताया नीरज कश्यप को सुरक्षा देने के लिए गनर मुहैया कराने का पत्र था, लेकिन यह पत्र पहले आदेश था. इस पत्र को फर्जी तरीके से दोबारा बनाया गया है. इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है.
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