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गणतंत्र दिवस पर 70 वर्षों से गोड्डा में हो रहा मेला का आयोजन, पिछले साल हेमंत सरकार ने किया था राजकीय मेला घोषित

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 24, 2024, 5:12 PM IST

Fair in Godda on Republic Day. गोड्डा में गणतंत्र दिवस के अवसर पर मेला का आयोजन किया गया है. यह आयोजन वर्षों से हो रहा है. इस बार भी भव्य मेला का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए झूले लगाने और दुकानें लगाने का काम शुरू हो गया है.

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Fair In Godda On Republic Day
गणतंत्र दिवस के अवसर पर गोड्डा में मेला के आयोजन की तैयारी पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददाता रंजीत राठौर.

गोड्डा: आम तौर पर किसी उत्सव अथवा त्योहार पर मेला का आयोजन किया जाता है, लेकिन गोड्डा में पिछले 70 वर्षों से गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहर के गांधी मैदान में मेला का आयोजन होता आ रहा है. जहां ना केवल संथाल परगना प्रमंडल और झरखंड से लोग आते हैं, बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.

1954 से गोड्डा में गणतंत्र दिवस पर हो रहा मेला का आयोजनः जानकारों की माने 1954 से गोड्डा में गणतंत्र दिवस पर मेला लगता आ रहा है, जो एक पखवाड़ा तक चलता है. हालांकि वास्तव में महीने भर यह मेला गोड्डा में लगा रहता है. वर्ष 2023 में झारखंड सरका ने इस मेले को राजकीय मेला घोषित कर दिया है. ऐसे में राज्य सरकार की भी मेले के आयोजन में बड़ी भूमिका हो जाती है.

36.5 लाख में हुई है मेला की बंदोबस्तीः प्रत्येक वर्ष इस मेला का डाक होता है. इस वर्ष मेला डाक की बंदोबस्ती 36.5 लाख रुपए में हुई है. मेला की बंदोबस्ती रविन्द्र पांडेय को मिली है. उन्होंने बताया इस बार भी मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा. देश के अलग-अलग हिस्सों से खेल-तमाशे और दुकानों के अलावा मेला में थियेटर लगाए जाएंगे. वहीं मेला की देख-रेख कर रहे पवन गाड़िया ने बताया कि मेले में लोगों को बेहतर मनोरंजन मिले और देश के अलग-अलग हिस्सों से आए दुकानदारो को अच्छी सुविधा मिले इसके लिए वे लोग प्रयासरत हैं.

मेला क्षेत्र में व्यवसायियों के लिए शौचालय और पानी का इंतजाम नहींः वहीं इतने बड़े राजकीय मेला की व्यवस्था में कुछ खामियां भी हैं. यहां लगभग हजारों व्यवसायी दुकानें लगाने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन मेला में दुकानदारों के लिए शौचालय और पानी का कोई इंतजाम नहीं है. मेला में दुकानें लगाने पहुंचे व्यवसायियों का कहना है कि नगर पंचायत को हर वर्ष लगभग महीने भर चलने वाले इस मेले के मद्देनजर शौचालय और पानी का प्रबंध स्थायी तौर पर करना चाहिए. इसके लिए मेला परिसर के ही किनारे ये व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही व्यवसायियों ने मेला क्षेत्र की सफाई को की नगर पंचायत की व्यवस्था पर भी असंतोष जताया है.

गणतंत्र दिवस झंडोत्तोलन के बाद मेला का होगा उद्घाटनः ज्ञात हो कि मेले की नीलामी से मिले राजस्व पर नगर परिषद का अधिकार होता है. अब जबकि मेले को राजकीय दर्जा मिल गया है बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं तो मेला में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना जरूरी हो जाता है. गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य समारोह में झंडोत्तोलन के बाद उपायुक्त मेले का उद्घाटन करते हैं. मेला में कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाती है. ज्ञात हो की गोड्डा के अलावा ऐसा मेला सिमडेगा में भी लगता है.

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1954 से गोड्डा में गणतंत्र दिवस पर हो रहा मेला का आयोजनः जानकारों की माने 1954 से गोड्डा में गणतंत्र दिवस पर मेला लगता आ रहा है, जो एक पखवाड़ा तक चलता है. हालांकि वास्तव में महीने भर यह मेला गोड्डा में लगा रहता है. वर्ष 2023 में झारखंड सरका ने इस मेले को राजकीय मेला घोषित कर दिया है. ऐसे में राज्य सरकार की भी मेले के आयोजन में बड़ी भूमिका हो जाती है.

36.5 लाख में हुई है मेला की बंदोबस्तीः प्रत्येक वर्ष इस मेला का डाक होता है. इस वर्ष मेला डाक की बंदोबस्ती 36.5 लाख रुपए में हुई है. मेला की बंदोबस्ती रविन्द्र पांडेय को मिली है. उन्होंने बताया इस बार भी मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा. देश के अलग-अलग हिस्सों से खेल-तमाशे और दुकानों के अलावा मेला में थियेटर लगाए जाएंगे. वहीं मेला की देख-रेख कर रहे पवन गाड़िया ने बताया कि मेले में लोगों को बेहतर मनोरंजन मिले और देश के अलग-अलग हिस्सों से आए दुकानदारो को अच्छी सुविधा मिले इसके लिए वे लोग प्रयासरत हैं.

मेला क्षेत्र में व्यवसायियों के लिए शौचालय और पानी का इंतजाम नहींः वहीं इतने बड़े राजकीय मेला की व्यवस्था में कुछ खामियां भी हैं. यहां लगभग हजारों व्यवसायी दुकानें लगाने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन मेला में दुकानदारों के लिए शौचालय और पानी का कोई इंतजाम नहीं है. मेला में दुकानें लगाने पहुंचे व्यवसायियों का कहना है कि नगर पंचायत को हर वर्ष लगभग महीने भर चलने वाले इस मेले के मद्देनजर शौचालय और पानी का प्रबंध स्थायी तौर पर करना चाहिए. इसके लिए मेला परिसर के ही किनारे ये व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही व्यवसायियों ने मेला क्षेत्र की सफाई को की नगर पंचायत की व्यवस्था पर भी असंतोष जताया है.

गणतंत्र दिवस झंडोत्तोलन के बाद मेला का होगा उद्घाटनः ज्ञात हो कि मेले की नीलामी से मिले राजस्व पर नगर परिषद का अधिकार होता है. अब जबकि मेले को राजकीय दर्जा मिल गया है बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं तो मेला में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना जरूरी हो जाता है. गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य समारोह में झंडोत्तोलन के बाद उपायुक्त मेले का उद्घाटन करते हैं. मेला में कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाती है. ज्ञात हो की गोड्डा के अलावा ऐसा मेला सिमडेगा में भी लगता है.

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