दौसा. जिले के मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र में लगातार अवैध खनन को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं करना वन विभाग के कर्मचारियों को भरी पड़ गया. मामले में दौसा उप वन संरक्षक अजीत उचोई ने गुरुवार को बालाजी नाके के फॉरेस्टर दिनेश मीणा और वनपाल महेंद्र बैरवा को निलंबित कर दिया. वहीं, निलंबन के दौरान दोनों का मुख्यालय डिवीजन कार्यालय में त्वरित प्रभाव से उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं.
दरअसल, जिले के सिकराय उपखंड में लगातार अवैध खनन की शिकायतें दौसा उप वन संरक्षक को मिल रही थी. उसके चलते वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उप वन संरक्षक अजीत उचोई ने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा. साथ ही अवैध खनन में लिप्त पाए गए विभागीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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अवैध खनन पर रोक के लिए एसपी और कलेक्टर ने भी दिए थे आदेश : जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव और एसपी रंजिता शर्मा ने जिले में जॉइनिंग के दौरान जिले में हो रहे अवैध खनन को लेकर चिंता जाहिर की थी. ऐसे में जिला कलेक्टर और एसपी ने जिले के अधिकारियों की बैठक कर अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश दिए थे. उच्चाधिकारियों द्वारा बार-बार आदेश जारी करने के बाद भी जिले के सिकराय उपखंड में वन अधिकारी अवैध खनन पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे थे. इतना ही नहीं कई जगहों पर अवैध खनन के दौरान स्थानीय वनकर्मियों की मिलीभगत की बात भी सामने आई थी.
वहीं, जिले में अवैध खनन पर सख्ती के बावजूद सिकराय उपखंड के बहरावंडा में अवैध खनन के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी. इससे अवैध खनन पर रोक लगाने के दावे कर रहे स्थानीय वनकर्मियों के दावों की पोल खुल गई थी. इधर, दो वनकर्मियों के निलंबन मामले में उपवन संरक्षक अजीत उचोई ने बताया कि जिले के बालाजी क्षेत्र में स्थित नांदरी में बड़े स्तर पर अवैध खनन की शिकायतें मिल रही थी. ऐसे में मामले की जांच करने पर शिकायतें सही पाई गई. इसके बाद बालाजी वन नाके के फॉरेस्टर दिनेश मीणा और वनपाल महेंद्र बैरवा को निलंबित किया गया.