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यूपी पर्यटन विभाग ने समझी बुजुर्गों की परेशानी; अब एक पाथवे से जुड़ेंगे बनारस के 84 घाट, बनेगा रैंप - VARANASI NEWS

बनारस में बुजुर्गों के लिए सभी घाटों पर रैंप बनाया जाएगा, ताकि उनको तट पर पहुंचने में सहूलियत हो.

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बनारस घाट (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

Updated : 5 hours ago

वाराणसी: धर्मनगरी काशी के घाट अब नए कलेवर में नजर आएंगे. इस कलेवर में न सिर्फ घाटों की खूबसूरती को बढ़ाया जाएगा, बल्कि बुजुर्गों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी. बनारस के घाट विश्व प्रसिद्ध माने जाते हैं. यही वजह है कि देश दुनिया से लाखों की संख्या में लोग उनकी खूबसूरती को निहारने आते हैं.

इनमें बुजुर्गों की संख्या अधिक होती है. ऐसे में बनारस के घाट की चौड़ी और बड़ी सीढ़ियां बुजुर्गों को चढ़ने और उतरने में खासा तकलीफ देती हैं. उनके लिए लंबे समय से यहां पर रैंप बनाने की डिमांड हो रही थी, जिसे पूरा करने का काम पर्यटन विभाग कर रहा है.

वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आर रावत ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)
पर्यटन विभाग ने सुना बुजुर्गों का दर्द : अब पर्यटन विभाग बनारस के घाटों को नए स्वरूप में तैयार करेगा. इसके तहत न सिर्फ एक खास पाथवे से 84 घाटों को जोड़ा जाएगा, बल्कि बुजुर्गों के लिए हर घाट पर विशेष रैंप की व्यवस्था की जाएगी ताकि वह आसानी से घाट के किनारे पर पहुंच सकें. गंगा स्नान कर सकें और बनारस के घाट की खूबसूरती का दीदार कर सकें. इस बारे में वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आर रावत ने बताया कि बनारस के घाट बनारस की पहचान है. लेकिन, समय के साथ अभिनय संरक्षित कर पर्यटकों की सुविधा के अनुसार तैयार करने की जरूरत है. इसके तहत हम लोगों ने बनारस के घाटों को नये स्वरूप में तैयार करने का निर्णय लिया है. बनारस के घाटों को न सिर्फ संरक्षित किया जाएगा, बल्कि नई सुविधाओं से लैस किया जाएगा.

पहले फ्रिज में 10 घाटों पर बनेगा पाथ वे : उपनिदेशक आर रावत ने बताया कि इस योजना में घाटों के विस्तारीकरण और सौंदरीकरण किया जाएगा. इसमें घाटों की जो सीढ़ियां हैं, उनके समानांतर एक ट्रैक 84 घाटों पर बनाए जाने की योजना है. इससे एक विशेष पाथ वे से सभी घाटों को जोड़ा जायेगा. इसे एक प्लेटफार्म की तरह बनाया जाएगा. इस पर बुजुर्ग दिव्यांग व्यक्ति चलकर घाटों को देख सकेंगे. इसके साथ ही लाइट की व्यवस्था, बैठने के लिए बेंचेज की व्यवस्था पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. पहले पेज में बनारस के 10 प्रमुख घाटों को लिया गया है. इसमें अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, तुलसी घाट, हरिश्चंद्रघाट, राजघाट को शामिल किया गया है.

बुजुर्गों के लिए तैयार होगा रैंप : इन सभी घाटों पर एक रैंप भी बनाया जाएगा, ताकि जो बुजुर्ग व्यक्ति हैं, उनको घाटों की सीढ़ियां चढ़नी पड़ें. वह इस विशेष रैंप के जरिए बनारस में घाट किनारे तक पहुंच सकेंगे. इस रैंप के बन जाने से काशी आने वाले देश दुनिया के पर्यटकों को एक बड़ा लाभ मिलेगा क्योंकि, अब तक एक बड़ी समस्या आती है कि बुजुर्ग गंगा के तट पर नहीं पहुंच पाते हैं. अगर किसी तरह पहुंच जाते हैं, तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. घाट किनारे तैयार होने वाला यह पाथवे उनकी इस समस्या का समाधान कर देगा. वह भी गंगा के घाट पर टहल सकते हैं, नौकायन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए शासन स्तर से मंजूरी दे दी गई है. टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है. टेंडर आवंटन होने के साथ ही इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें - बनारस में गंगा किनारे के मकानों की मरम्मत के लिए नहीं लगाना होगा VDA का चक्कर, 30 दिनों के अंदर एप्लीकेशन का निस्तारण - VARANASI DEVELOPMENT AUTHORITY

इसे भी पढ़ें - Varanasi News : अब आउटर में भी लोग घाटों का ले सकेंगे आनंद, जल्द मिलेगी यह सौगात - अस्सी घाट

वाराणसी: धर्मनगरी काशी के घाट अब नए कलेवर में नजर आएंगे. इस कलेवर में न सिर्फ घाटों की खूबसूरती को बढ़ाया जाएगा, बल्कि बुजुर्गों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी. बनारस के घाट विश्व प्रसिद्ध माने जाते हैं. यही वजह है कि देश दुनिया से लाखों की संख्या में लोग उनकी खूबसूरती को निहारने आते हैं.

इनमें बुजुर्गों की संख्या अधिक होती है. ऐसे में बनारस के घाट की चौड़ी और बड़ी सीढ़ियां बुजुर्गों को चढ़ने और उतरने में खासा तकलीफ देती हैं. उनके लिए लंबे समय से यहां पर रैंप बनाने की डिमांड हो रही थी, जिसे पूरा करने का काम पर्यटन विभाग कर रहा है.

वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आर रावत ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)
पर्यटन विभाग ने सुना बुजुर्गों का दर्द : अब पर्यटन विभाग बनारस के घाटों को नए स्वरूप में तैयार करेगा. इसके तहत न सिर्फ एक खास पाथवे से 84 घाटों को जोड़ा जाएगा, बल्कि बुजुर्गों के लिए हर घाट पर विशेष रैंप की व्यवस्था की जाएगी ताकि वह आसानी से घाट के किनारे पर पहुंच सकें. गंगा स्नान कर सकें और बनारस के घाट की खूबसूरती का दीदार कर सकें. इस बारे में वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आर रावत ने बताया कि बनारस के घाट बनारस की पहचान है. लेकिन, समय के साथ अभिनय संरक्षित कर पर्यटकों की सुविधा के अनुसार तैयार करने की जरूरत है. इसके तहत हम लोगों ने बनारस के घाटों को नये स्वरूप में तैयार करने का निर्णय लिया है. बनारस के घाटों को न सिर्फ संरक्षित किया जाएगा, बल्कि नई सुविधाओं से लैस किया जाएगा.

पहले फ्रिज में 10 घाटों पर बनेगा पाथ वे : उपनिदेशक आर रावत ने बताया कि इस योजना में घाटों के विस्तारीकरण और सौंदरीकरण किया जाएगा. इसमें घाटों की जो सीढ़ियां हैं, उनके समानांतर एक ट्रैक 84 घाटों पर बनाए जाने की योजना है. इससे एक विशेष पाथ वे से सभी घाटों को जोड़ा जायेगा. इसे एक प्लेटफार्म की तरह बनाया जाएगा. इस पर बुजुर्ग दिव्यांग व्यक्ति चलकर घाटों को देख सकेंगे. इसके साथ ही लाइट की व्यवस्था, बैठने के लिए बेंचेज की व्यवस्था पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. पहले पेज में बनारस के 10 प्रमुख घाटों को लिया गया है. इसमें अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, तुलसी घाट, हरिश्चंद्रघाट, राजघाट को शामिल किया गया है.

बुजुर्गों के लिए तैयार होगा रैंप : इन सभी घाटों पर एक रैंप भी बनाया जाएगा, ताकि जो बुजुर्ग व्यक्ति हैं, उनको घाटों की सीढ़ियां चढ़नी पड़ें. वह इस विशेष रैंप के जरिए बनारस में घाट किनारे तक पहुंच सकेंगे. इस रैंप के बन जाने से काशी आने वाले देश दुनिया के पर्यटकों को एक बड़ा लाभ मिलेगा क्योंकि, अब तक एक बड़ी समस्या आती है कि बुजुर्ग गंगा के तट पर नहीं पहुंच पाते हैं. अगर किसी तरह पहुंच जाते हैं, तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. घाट किनारे तैयार होने वाला यह पाथवे उनकी इस समस्या का समाधान कर देगा. वह भी गंगा के घाट पर टहल सकते हैं, नौकायन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए शासन स्तर से मंजूरी दे दी गई है. टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है. टेंडर आवंटन होने के साथ ही इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा.

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