श्रीनगर: उत्तराखंड के श्रीनगर का हादसा जिसने भी देखा, वो सहम गया. होटल के बाहर बैठीं महिलाओं को जरा भी अंदाजा नहीं था कि अगले ही पल क्या होने वाला है. जहां एक बेकाबू टैंकर आता है और उन्हें बुरी तरह से कुचल देता है. जिसमें दो महिलाओं की जान चली गई तो तीन अन्य महिलाएं बुरी तरह से जख्मी हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो यह हादसा इतना भयानक था कि महिलाओं को संभलने तक का मौका नहीं मिल पाया.
प्रत्यक्षदर्शी अर्चना राठी बाल-बाल बची: प्रत्यक्षदर्शी अर्चना राठी भी टैंकर की चपेट में आई पांच महिलाओं के साथ बैठी थी. उन्होंने बताया कि अचानक से टैंकर फुटपाथ पर चढ़ गया और उनके साथ बैठी पांचों महिलाओं को कुचल दिया. जिसमें वो बाल-बाल बच गई. अर्चना ने बेस अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवाल उठाए.
वहीं, ओम प्रकाश चांडक ने आरोप लगाया कि बेस अस्पताल में ठीक उपचार न मिलने के कारण उन्होंने एंबुलेंस बुक कर घायलों को देहरादून पहुंचाया. जहां से हवाई जहाज के जरिए दिल्ली गए, फिर वहां से नागपुर पहुंचाया गया. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि रेस्क्यू अभियान में काफी समय जाया किया गया.
काफी समय तक पानी मांगती रही गौरी: इस हादसे में सरिता उर्फ गौरी और ललिता ताउरी की मौत हो गई. ललिता ताउरी की मौके पर ही जान चली गई थी, लेकिन गौरी को जब टैंकर ने कुचला तो वो काफी समय तक पानी मांगती रही. इस बीच जब उसे भी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया.
गौरी के पति नरेश बोले- उनकी पत्नी ने हेलीकॉप्टर से किए थे बाबा के दर्शन: गौरी के पति नरेश ने बताया कि वो अपनी पत्नी के साथ चारधाम यात्रा पर निकले थे. वो महाराष्ट्र से एक ग्रुप के साथ उत्तराखंड पहुंचे थे. उनका ग्रुप 125 लोगों का था. जो गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन करने के बाद केदारनाथ पहुंचा, लेकिन यहां आई आपदा के कारण केवल 17 लोग ही हेलीकॉप्टर से बाबा के दर्शन कर पाए. जिसमें उनकी पत्नी गौरी भी शामिल थी.
नरेश बोले- हादसे में उनकी पत्नी हमेशा के लिए हो गई दूर: इसके बाद सभी बदरीनाथ गए. जहां से दर्शन कर वापस लौटते वक्त वो श्रीकोट में रुके, लेकिन यहां हादसे में उनकी पत्नी हमेशा के लिए उनसे दूर हो गई. नम आंखों और रुंधे गले से नरेश कहते हैं कि गौरी उन्हें और दो बच्चों को छोड़ चली गई है. उन्होंने बताया कि उनका बड़ा बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. जबकि, छोटा अभी हाईस्कूल में है.
हरिद्वार में किया जाएगा अंतिम संस्कार: हादसे में जान गंवाने वाले सरिता उर्फ गौरी और ललिता ताउरी के परिजनों ने बताया कि शव को घर ले जाना संभव नहीं है. ऐसे में वो अंतिम संस्कार हरिद्वार में ही करेंगे. महाराष्ट्र से भी परिजन हरिद्वार पहुंच गए हैं. जहां पर अंतिम संस्कार की कार्रवाई की जाएगी.
क्या था हादसा: दरअसल, बीती 13 अगस्त को बदरीनाथ हाईवे पर श्रीकोट गंगानाली में महाराष्ट्र की महिला श्रद्धालुओं का दल होटल मे रुका हुआ था. देर रात सभी महिलाएं होटल के बाहर बैठकर आपस में बातें कर रही थी. तभी अनियंत्रित टैंकर ने उन्हें कुचल दिया. इस हादसे में सरिता उर्फ गौरी पत्नी नरेश (उम्र 50 वर्ष) निवासी तिजकरा, जिला अकोला (महाराष्ट्र) और ललिता ताउरी पत्नी हरीश ताउरी (उम्र 50 वर्ष) निवासी गोपालजिन, जिला अकोला (महाराष्ट्र) की मौत हो गई.
वहीं, इस हादसे में सारिका राजेश राठी पत्नी राजेश राठी (उम्र 46 वर्ष) निवासी मोधा, तहसील दरैपुर, जिला अमरावती (महाराष्ट्र), संतोषी धनराज राठी पत्नी धनराज बालकृष्ण राठी (उम्र 45 वर्ष) निवासी तालुका भोतमार, जिला भोतमार (महाराष्ट्र) और मधुबाला राजेंद्र कुमार पत्नी राजेंद्र कुमार (उम्र 54 वर्ष) निवासी किथोरखैत, जिला अकोला (महाराष्ट्र) गंभीर रूप से घायल हो गए. ये सभी महिलाएं बदरीनाथ धाम की यात्रा कर वापस लौट रहीं थीं, लेकिन हादसे का शिकार हो गई.
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