धनबाद: नेत्रदान महादान, जीवन का अमूल्य वरदान नेत्रहीन को करें नेत्रदान, कुछ ऐसे नारों के साथ एसएनएमएमसीएच के जीएनएम छात्र-छात्राओं और अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले एक साल से नेत्रदान की कोई व्यवस्था नहीं है. नेत्रदान के लिए रजिस्ट्रेशन पिछले एक साल से बंद है.
एसएनएमएमसीएच के जीएनएम द्वितीय वर्ष के छात्र दीपेश कुमार दा ने कहा कि आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जो लोग देख नहीं सकते, उन्हें नेत्रदान के माध्यम से आंखों की रोशनी दी जा सकती है. ऐसे लोग दुनिया देख सकते हैं. लोगों से अपील की जा रही है कि वे मरणोपरांत अपनी आंखें दान करें.
ऑप्थेमिक असिस्टेंट रमेश प्रसाद ने कहा कि 25 से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है. इसके तहत लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक किया जाता है. उन्होंने कहा कि एसएनएमएमसीएच में एक नेत्र अधिकोष है. यह 2015 से चल रहा है. फिलहाल पिछले एक साल से नेत्रदान के लिए रजिस्ट्रेशन बंद है.
वहीं एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य सह अधीक्षक डॉ. ज्योति रंजन प्रसाद ने बताया कि पिछले एक साल से यहां नेत्रदान की व्यवस्था नहीं है. व्यवस्था को फिर से दुरुस्त किया जा रहा है. बहुत जल्द नेत्रदान की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी. आपको बता दें कि वर्ष 2014 में यहां आई बैंक खोला गया था, जिसके बाद 160 लोगों ने नेत्रदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. वहीं 55 लोग रौशनी की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
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