अजमेर : गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के विवादस्पद बयान के विरोध में शुक्रवार को अजमेर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान अंजुमन कमेटी के सदर सैयद सरवर चिश्ती ने इन विवादास्पद बयान को लेकर यूपी सीएम और केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
इस दौरान लोगों ने महंत यति नृसिंहानंद के बयान का विरोध किया. साथ ही महंत यति नृसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी की मांग की. अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. साथ ही अन्य दरगाहों के गद्दीनशीन पर भी हमला बोला. चिश्ती ने कहा कि नूपुर शर्मा से लेकर अभी तक कई एफआईआर विभिन्न लोगों के खिलाफ दर्ज हो चुकी है, लेकिन अभी तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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उन्होंने यूपी के सीएम और पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का काम राजधर्म निभाना है, क्या देश में राजधर्म निभाया जा रहा है ? ऐसे में हम सरकार से क्या उम्मीद रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में 30 करोड़ मुसलमान हैं और अमन चैन से रहना चाहते हैं. चिश्ती ने कहा कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हर धर्म के लोग आते हैं. यहां हर धर्म के लोगों का सम्मान होता है.
अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के लिए भी कहा जाता है कि यहां मंदिर है, लेकिन उन लोगों की आवाज मुंह से नही निकलती है. चिश्ती ने यह भी कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज के करोड़ों चाहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि देश का नाम बदनाम ना करें. यह देश बहुत खूबसूरत है.
अंजुमन कमेटी के सदर सैयद गुलाम किबरिया ने कहा कि केंद्र सरकार से गुजारिश है कि जल्द से जल्द ऐसे लोगों पर कानूनी शिकंजा कसें और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. ऐसे विवादित बयान देने वालों पर अंकुश लग सके.