गढ़वाः कभी माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर रहा बूढ़ा पहाड़ अब नक्सलियों के चंगुल से आजाद हो चुका है. लेकिन एक बार फिर से बूढ़ा पहाड़ सुर्खियों में आ गया है. क्योंकि एक असरे के बाद इस इलाके से विस्फोटक बरामद हुआ है.
इस विस्फोटक को बूढ़ा पहाड़ में तराई में मौजूद थलिया इलाके से बरामद किया गया है. विस्फोटक बरामद होने के बाद सीआरपीएफ की टीम इलाके में सर्च अभियान चला रही है. सीआरपीएफ 172 बटालियन की टीम बूढ़ा पहाड़ के थालिया के इलाके में एंटी नक्सल सर्च अभियान चला रही थी. इसी सर्च अभियान में थलिया गांव में एक पेड़ के पास सीआरपीएफ के जवानों ने संदिग्ध सामग्री को देखा था.
इसके बाद में जब मौके पर सर्च अभियान चलाया गया तो वहां से विस्फोटक बरामद हुआ है. इसमें दो ग्रेनेड को दो पेड़ों के बीच लगाया गया था, जिसे आपस में जोड़ा गया था जबकि छह डेटोनेटर भी मौजूद थे. सीआरपीएफ के जवानों ने ग्रेनेड और डेटोनेटर को जब्त कर लिया है. इस संबंध में गढ़वा एसपी दीपक कुमार पांडेय ने बताया सीआरपीएफ के जवान सर्च अभियान पर निकले थे. इसी क्रम में रविवार को उन्हें थलिया गांव में विस्फोटक बरामद हुआ है. इसमें हैंड ग्रेनेड और डेटोनेटर शामिल है. विस्फोटक मिलने के बाद इलाके में सर्च अभियान जारी है और निगरानी रखी जा रही है.
बूढ़ा पहाड़ का थालिया इलाके में माओवादी रखते थे हथियार
तीन दशक तक बूढ़ा पहाड़ माओवादीयों का ट्रेनिंग सेंटर रहा. बूढ़ा पहाड़ के तराई में मौजूद थालिया के इलाके में माओवादी अपने हथियार को डंप करके रखते थे. बूढ़ा पहाड़ झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद है. 2022 में महावादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस शुरू किया गया था. जिसके बाद बूढ़ा पहाड़ पर फतह पाया गया. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सीआरपीएफ की छह से अधिक कंपनी मौजूद हैं.
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