पटना: मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए भले ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा कड़े कानून बनाए गए हैं, लेकिन इसका सही ढंग से अनुपालन नहीं हो रहा है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में इन दिनों दवा माफिया का सेफ जोन बन गया है, जो सड़कों के किनारे एक्सपायरी दवाओं को न केवल फेंक रहे हैं बल्कि उसे जला दे रहे हैं.
दवा माफियाओं की करतूत: इसके कारण न केवल आसपास के इलाकों के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि वातावरण भी प्रभावित हो रहा है. वहीं घास चरने वाले पशु के लिए भी यह नुकसानदेह है. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए आईजीआईएमएस में प्रबंधन की व्यवस्था की गई है.
"एक्सपायरी दवा या फिर अन्य जो मेडिकल वेस्ट होते हैं उनको इधर-उधर नहीं फेंकना होता है. ना जलाना होता है ना मिट्टी खोदकर डालना होता है. वातावरण प्रभावित होती है मिट्टी भी प्रभावित होती है. ऐसे में आम जन के सेहत पर पूरा असर पड़ता है."-डॉ सुधीर कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर
एक्सपायरी दवाओं को जलाया: मसौढ़ी थाना क्षेत्र के मलमाचक गांव के समीप सड़क के किनारे दवा माफिया एक्सपायरी दवा को फेंक रहे हैं. ऐसी ही तस्वीर शनिवार को देखने को मिली.अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में कहीं ना कहीं कोई गंभीर बीमारी का यह संकेत दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
IGIMS में मेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था: सभी दवा कारोबारी और अस्पतालों को सख्त निर्देश दिया गया है कि मेडिकल वेस्ट और एक्सपायरी दवाओं को इधर-उधर न फेंफे के और ना ही उसे जलाएं.आईजीआईएमएस में मेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था की गई है. ससमय में प्रबंध करने का निर्देश भी है.
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