जयपुर: जयपुर में दो दिवसीय आईसीसी डेयरी इनोवेशन समिट का चौथा संस्करण जयपुर में शुरू हुआ. इस समिट में विशेषज्ञों ने डेयरी में उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवाचारों पर अपने विचार साझा किए. समिट का आयोजन इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया गया है, जिसमें पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, केंद्र सरकार सहित कई अन्य संगठनों ने सहयोग किया है.
विशेषज्ञों ने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा डेयरी पशुधन है, जिसमें 300 मिलियन से अधिक गोजातीय पशु हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग 4.0 क्रांति के बाद, डेयरी 4.0 दूध उद्योग के लिए एक नया मानक बन गया है, जिसमें नई और उन्नत डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. इस मौके पर नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जीएस राजोरिया ने बताया कि भारत में विश्व का सबसे बड़ा डेयरी पशुधन है, जिसमें 300 मिलियन से अधिक गोजातीय पशु हैं. भारत विश्व में दूध का शीर्ष उत्पादक और उपभोक्ता है. अधिकांश दूध की खपत घरेलू स्तर पर की जाती है, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट में मिलावट के मामले पिछले कई सालों से बढ़ गए हैं. ऐसे में इन पर रोक लगाना एक सबसे बड़ी चुनौती है.
दूध का उत्पादन बड़ा: विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में दूध उत्पादन में 57.62% की वृद्धि हुई है, जो 2014-15 के दौरान 146.3 मिलियन टन से बढ़कर 2022-23 के दौरान 230.60 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है. वर्तमान में भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जो विश्व के दूध उत्पादन में 24.64% का योगदान देता है. उद्योग 4.0 क्रांति के बाद, डेयरी 4.0 दूध उद्योग के लिए एक नया मानक बन गया है. इसमें नई और उन्नत डिजिटल तकनीकों का विशेष रूप से उपयोग किया जा रहा है, जो इस क्षेत्र को पूरी तरह से मानव-प्रधान से प्रौद्योगिकी-प्रधान प्रणाली में बदल रहे हैं.