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यह छोटी सी डिवाइस बताएगी सही CPR दे रहे हैं या गलत, हार्ट के मरीजों के लिए है बेहद कारगर - IIT Kanpur created Prayas device

माना जाता है कि हार्ट अटैक आने के 30 सेकेंड से दो मिनट के अंदर अगर मरीज को सही ढंग से सीपीआर दे दी जाए तो उसकी जान बच सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए एक डिवाइस 'प्रयास' तैयार की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 5:23 PM IST

Updated : Aug 5, 2024, 7:43 PM IST

IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने तैयार की सीपीआर डिवाइस.
IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने तैयार की सीपीआर डिवाइस. (Photo Credit; ETV Bharat)

कानपुर: माना जाता है कि हार्ट अटैक आने के 30 सेकेंड से दो मिनट के अंदर अगर मरीज को सही ढंग से सीपीआर दे दी जाए तो उसकी जान बच सकती है. खुद चिकित्सक भी सीपीआर के महत्व को बताते हैं. हालांकि इसमें खास बात यह है कि सीपीआर देने का तरीका सही हो. ऐसा न हो तो हार्ट अटैक आने पर मरीज की जान भी जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईटी कानपुर में इंटरनेशनल बायो डिजाइन प्रोग्राम के तहत 'प्रयास' नाम की डिवाइस तैयार की गई है. हार्ट के मरीजों की जान बचाने में यह डिवाइस बेहद कारगर भूमिका निभा सकती है. IIT के विशेषज्ञों का मानना है कि हार्ट अटैक के बाद अगर मरीज को समय से 'प्रयास' की मदद से CPR दी गई तो उसकी जान बच जाएगी. यह डिवाइस सही सीपीआर देने का तरीका बताएगी. जानिए कैसे काम करती है यह डिवाइस और क्या हैं इसकी खूबियां.

सही सीपीआर देने पर जलेगी नीली बत्ती, गलत पर लाल: इस डिवाइस को लेकर आईआईटी कानपुर में वरिष्ठ प्रोफेसर जे रामकुमार ने बताया कि आईआईटी कानपुर में एसआईबी शाइन फैलोशिप प्रोग्राम के तहत जिन रिसर्च फैलो को देशभर से चयनित किया गया, उनमें आदित्य राज भाटिया ने केजीएमयू के चिकित्सक डा. ऋषि सेठी व आईआईटी कानपुुर के एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर 'प्रयास' डिवाइस बनाई. इस डिवाइस की मदद से सीपीआर देने का सही तरीका सभी को पता लग सकेगा. इसे चेस्ट के पास लगाकर मरीज को सीपीआर देना होगा. सही सीपीआर देने पर नीली और गलत ढंग से सीपीआर देने पर लाल रंग की बत्ती जल जाएगी.

चार्जेबल है बनाई गई डिवाइस: उन्होंने बताया कि बहुत जल्द अब यह डिवाइस भारतीय बाजार में उपलब्ध होगी. इसके लिए केंद्र सरकार से डिवाइस को पेटेंट मिल चुका है. यह डिवाइस चार्जेबल है. हार्ट के मरीजों की जान बचाने में यह काफी सहायता देगी. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसान होगा. यह एक लोगों को सीपीआर का सही तरीका भी बताएगी. इसका वजन और दाम भी बेहद कम रखा गया है.

डिवाइस की यह हैं खासियतें

  • डिवाइस का महज 100 ग्राम से भी कम है.
  • स्मार्टफोन की तरह यह डिवाइस चार्जेबल है, इसे एक बार चार्ज करने पर आठ घंटे का बैकअप मिलता है.
  • डिवाइस को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.
  • मौजूदा समय में डिवाइस की कीमत 10 हजार रुपये से कम है, हालांकि अधिक उत्पादन पर डिवाइस पांच हजार रुपये से कम में मिलेगी.

यह भी पढ़ें : UP में Transfer-Posting: 8 PPS-PCS का तबादला; अभय पांडेय कानपुर विकास प्राधिकरण के नए सचिव, एक हफ्ते में बदल दिए गए 40 अफसर - TRANSFER OF IAS PPS PCS IN UP

कानपुर: माना जाता है कि हार्ट अटैक आने के 30 सेकेंड से दो मिनट के अंदर अगर मरीज को सही ढंग से सीपीआर दे दी जाए तो उसकी जान बच सकती है. खुद चिकित्सक भी सीपीआर के महत्व को बताते हैं. हालांकि इसमें खास बात यह है कि सीपीआर देने का तरीका सही हो. ऐसा न हो तो हार्ट अटैक आने पर मरीज की जान भी जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईटी कानपुर में इंटरनेशनल बायो डिजाइन प्रोग्राम के तहत 'प्रयास' नाम की डिवाइस तैयार की गई है. हार्ट के मरीजों की जान बचाने में यह डिवाइस बेहद कारगर भूमिका निभा सकती है. IIT के विशेषज्ञों का मानना है कि हार्ट अटैक के बाद अगर मरीज को समय से 'प्रयास' की मदद से CPR दी गई तो उसकी जान बच जाएगी. यह डिवाइस सही सीपीआर देने का तरीका बताएगी. जानिए कैसे काम करती है यह डिवाइस और क्या हैं इसकी खूबियां.

सही सीपीआर देने पर जलेगी नीली बत्ती, गलत पर लाल: इस डिवाइस को लेकर आईआईटी कानपुर में वरिष्ठ प्रोफेसर जे रामकुमार ने बताया कि आईआईटी कानपुर में एसआईबी शाइन फैलोशिप प्रोग्राम के तहत जिन रिसर्च फैलो को देशभर से चयनित किया गया, उनमें आदित्य राज भाटिया ने केजीएमयू के चिकित्सक डा. ऋषि सेठी व आईआईटी कानपुुर के एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर 'प्रयास' डिवाइस बनाई. इस डिवाइस की मदद से सीपीआर देने का सही तरीका सभी को पता लग सकेगा. इसे चेस्ट के पास लगाकर मरीज को सीपीआर देना होगा. सही सीपीआर देने पर नीली और गलत ढंग से सीपीआर देने पर लाल रंग की बत्ती जल जाएगी.

चार्जेबल है बनाई गई डिवाइस: उन्होंने बताया कि बहुत जल्द अब यह डिवाइस भारतीय बाजार में उपलब्ध होगी. इसके लिए केंद्र सरकार से डिवाइस को पेटेंट मिल चुका है. यह डिवाइस चार्जेबल है. हार्ट के मरीजों की जान बचाने में यह काफी सहायता देगी. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसान होगा. यह एक लोगों को सीपीआर का सही तरीका भी बताएगी. इसका वजन और दाम भी बेहद कम रखा गया है.

डिवाइस की यह हैं खासियतें

  • डिवाइस का महज 100 ग्राम से भी कम है.
  • स्मार्टफोन की तरह यह डिवाइस चार्जेबल है, इसे एक बार चार्ज करने पर आठ घंटे का बैकअप मिलता है.
  • डिवाइस को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.
  • मौजूदा समय में डिवाइस की कीमत 10 हजार रुपये से कम है, हालांकि अधिक उत्पादन पर डिवाइस पांच हजार रुपये से कम में मिलेगी.

यह भी पढ़ें : UP में Transfer-Posting: 8 PPS-PCS का तबादला; अभय पांडेय कानपुर विकास प्राधिकरण के नए सचिव, एक हफ्ते में बदल दिए गए 40 अफसर - TRANSFER OF IAS PPS PCS IN UP

Last Updated : Aug 5, 2024, 7:43 PM IST
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