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बोर्ड एग्जाम के दौरान क्या करें और क्या न करें? बच्चों और पैरेंट्स के लिए एक्सपर्ट की खास टिप्स - बोर्ड एग्जाम टिप्स

Board Exams Tips: बोर्ड एग्जाम के समय बच्चे तनाव में न आएं, इसके लिए जरूरी है उनका एक्स्ट्रा केयर करें. डॉक्टरों का कहना है कि इस समय बच्चों से बातचीत करना बेहद जरूरी है.

बोर्ड एग्जाम के दौरान क्या करें और क्या न करें?
बोर्ड एग्जाम के दौरान क्या करें और क्या न करें?
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 7:11 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है. इसमें बेहतरीन अंक हासिल करने के लिए विद्यार्थी तमाम प्रयास करते हैं. हर मां-बाप का ख्वाब होता है कि बोर्ड परीक्षाओं में उनके बच्चे अच्छे नंबर लेकर आए. वहीं, अपने मां-बाप के ख्वाब को पूरा करने के लिए बच्चे परीक्षाओं के इस दौर में हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ते हैं. चैप्टर को रिवाइज करना हो या फिर छूटे हुए टॉपिक्स को तैयार करना. कुल मिलाकर छात्रों का फोकस बेस्ट परफॉर्म करने पर होता है.

स्क्रीन टाइम का रखें ख्याल: डॉ त्यागी बताते हैं कि डिजिटल दौर में छात्र मोबाइल या लैपटॉप का पढ़ाई के दौरान इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान मोबाइल फोन या लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. खास कर मोबाइल का पढ़ाई के लिए प्रयोग ना करें. विशेष कर सोने से तकरीबन दो घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बना लें. ऐसा करने से अच्छी नींद आएगी. यदि एक विद्यार्थी की नींद अच्छी होती है तो उसकी रिटेनिंग पावर भी बेहतर हो जाती है.

ज्यादा सोचने से बचें: परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने का छात्रों पर काफी दबाव होता है. कई बार छात्र पढ़ाई के दौरान परिणाम के बारे में सोचने लगते हैं. ऐसा करने से छात्रों का सिर्फ तनाव बढ़ता है. परिणामों को लेकर ज्यादा सोचने से बचना चाहिए. पढ़ाई के दौरान मन का शांत होना बेहद आवश्यक है. परिजनों को भी अंकों को लेकर बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने से बचना चाहिए.

शरीर को हाइड्रेट रखें: परीक्षाओं की तैयारी के दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि आपका शरीर पूरी तरह से हाइड्रेट हो. हाइड्रेट रखने के लिए आप जूस पी सकते हैं. बॉडी हाइड्रेट रहेगी तो पढ़ाई में फोकस करने में आसानी होगी.

छात्रों के लिए सलाह:

  1. लगातार कई घंटे तक पढ़ाई करने से परहेज करना चाहिए. 45 मिनट से एक घंटे तक पढ़ाई करें, इसके बाद 5-10 मिनट का ब्रेक जरूर लें.
  2. अनावश्यक चीजों से खुद को दूर रखें. सोशल मीडिया से परीक्षाओं के दौरान दूरी बनाकर रखें. पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया सबसे बड़ा डिस्ट्रक्शन है.
  3. अपनी क्लासमेट या दोस्त से खुद को बिल्कुल भी कंपेयर ना करें. हर एक इंसान अपने आप में अलग होता है. प्रत्येक व्यक्ति की स्ट्रेंथ और वीकनेस भी अलग-अलग होती है.
  4. परीक्षाओं के दौरान शरीर को फिट रखना भी बेहद जरूरी है. सुबह शाम 10 मिनट की वॉक जरूर करें. हल्की एक्सरसाइज घर पर भी कर सकते हैं.
  5. रात को जाग कर पढ़ाई करने के लिए कॉफी आदि का सेवन न करें. नींद बेहद जरूरी है. पर्याप्त नींद को प्राथमिकता दें. नींद का सीधा असर आपकी परफॉर्मेंस पर पड़ेगा.

ये भी पढ़ें:दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज के 100 छात्रों पर निलंबन का खतरा, परीक्षा देने पर भी सस्पेंश

अभिभावकों के लिए सुझाव:

  1. बच्चे हर एक बात को बहुत गंभीरता से लेते हैं. ऐसे में खासकर परीक्षाओं के दौरान अंकों का बिल्कुल भी दबाव न बनाएं. परीक्षाओं के दौरान बच्चों से बातचीत जरूर करें.
  2. परीक्षाओं के दौरान अक्सर बच्चे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई शुरू कर देते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ सुबह उठे. जब बच्चे पढ़ाई करें तो कोशिश करें कि उनके साथ जरूर बैठे.
  3. अपने बच्चों को इस बात का एहसास कराएं कि हमारा काम केवल एफर्ट्स डालना और मेहनत करना है ना कि परिणाम के बारे में सोचना या फिर चिंता करना.
  4. बच्चे जब एग्जाम देकर घर लौटे तो उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें. एग्जाम देकर घर लौटने पर बच्चों से क्वेश्चन पेपर लेकर उसकी एनालिसिस करने या फिर बच्चों से पूछने से बचे.

ये भी पढ़ें: CBSE बोर्ड परीक्षा 2024: परीक्षा देकर उत्साह से बाहर निकले छात्र-छात्राएं, कहा- नंबर अच्छे आएंगे

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है. इसमें बेहतरीन अंक हासिल करने के लिए विद्यार्थी तमाम प्रयास करते हैं. हर मां-बाप का ख्वाब होता है कि बोर्ड परीक्षाओं में उनके बच्चे अच्छे नंबर लेकर आए. वहीं, अपने मां-बाप के ख्वाब को पूरा करने के लिए बच्चे परीक्षाओं के इस दौर में हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ते हैं. चैप्टर को रिवाइज करना हो या फिर छूटे हुए टॉपिक्स को तैयार करना. कुल मिलाकर छात्रों का फोकस बेस्ट परफॉर्म करने पर होता है.

स्क्रीन टाइम का रखें ख्याल: डॉ त्यागी बताते हैं कि डिजिटल दौर में छात्र मोबाइल या लैपटॉप का पढ़ाई के दौरान इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान मोबाइल फोन या लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. खास कर मोबाइल का पढ़ाई के लिए प्रयोग ना करें. विशेष कर सोने से तकरीबन दो घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बना लें. ऐसा करने से अच्छी नींद आएगी. यदि एक विद्यार्थी की नींद अच्छी होती है तो उसकी रिटेनिंग पावर भी बेहतर हो जाती है.

ज्यादा सोचने से बचें: परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने का छात्रों पर काफी दबाव होता है. कई बार छात्र पढ़ाई के दौरान परिणाम के बारे में सोचने लगते हैं. ऐसा करने से छात्रों का सिर्फ तनाव बढ़ता है. परिणामों को लेकर ज्यादा सोचने से बचना चाहिए. पढ़ाई के दौरान मन का शांत होना बेहद आवश्यक है. परिजनों को भी अंकों को लेकर बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने से बचना चाहिए.

शरीर को हाइड्रेट रखें: परीक्षाओं की तैयारी के दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि आपका शरीर पूरी तरह से हाइड्रेट हो. हाइड्रेट रखने के लिए आप जूस पी सकते हैं. बॉडी हाइड्रेट रहेगी तो पढ़ाई में फोकस करने में आसानी होगी.

छात्रों के लिए सलाह:

  1. लगातार कई घंटे तक पढ़ाई करने से परहेज करना चाहिए. 45 मिनट से एक घंटे तक पढ़ाई करें, इसके बाद 5-10 मिनट का ब्रेक जरूर लें.
  2. अनावश्यक चीजों से खुद को दूर रखें. सोशल मीडिया से परीक्षाओं के दौरान दूरी बनाकर रखें. पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया सबसे बड़ा डिस्ट्रक्शन है.
  3. अपनी क्लासमेट या दोस्त से खुद को बिल्कुल भी कंपेयर ना करें. हर एक इंसान अपने आप में अलग होता है. प्रत्येक व्यक्ति की स्ट्रेंथ और वीकनेस भी अलग-अलग होती है.
  4. परीक्षाओं के दौरान शरीर को फिट रखना भी बेहद जरूरी है. सुबह शाम 10 मिनट की वॉक जरूर करें. हल्की एक्सरसाइज घर पर भी कर सकते हैं.
  5. रात को जाग कर पढ़ाई करने के लिए कॉफी आदि का सेवन न करें. नींद बेहद जरूरी है. पर्याप्त नींद को प्राथमिकता दें. नींद का सीधा असर आपकी परफॉर्मेंस पर पड़ेगा.

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अभिभावकों के लिए सुझाव:

  1. बच्चे हर एक बात को बहुत गंभीरता से लेते हैं. ऐसे में खासकर परीक्षाओं के दौरान अंकों का बिल्कुल भी दबाव न बनाएं. परीक्षाओं के दौरान बच्चों से बातचीत जरूर करें.
  2. परीक्षाओं के दौरान अक्सर बच्चे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई शुरू कर देते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ सुबह उठे. जब बच्चे पढ़ाई करें तो कोशिश करें कि उनके साथ जरूर बैठे.
  3. अपने बच्चों को इस बात का एहसास कराएं कि हमारा काम केवल एफर्ट्स डालना और मेहनत करना है ना कि परिणाम के बारे में सोचना या फिर चिंता करना.
  4. बच्चे जब एग्जाम देकर घर लौटे तो उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें. एग्जाम देकर घर लौटने पर बच्चों से क्वेश्चन पेपर लेकर उसकी एनालिसिस करने या फिर बच्चों से पूछने से बचे.

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