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बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट पर हुई चर्चा, देशभर के विशेषज्ञ जुटे जयपुर में - Biomedical Equipment Management

Experts Gathered in Jaipur, बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट पर हुई चर्चा. इस दौरान शुक्रवार को जयपुर में देशभर के विशेषज्ञ जुटे. यहां जानिए इस कार्यक्रम के बारे में...

Biomedical Equipment Management
बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट पर हुई चर्चा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 13, 2024, 4:32 PM IST

नेहा गिरि ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजधानी जयपुर में बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट प्रोग्राम बूस्ट एलिवेटिंग हॉस्पिटल सर्विसेज विद् सीमलेस रिपेयर एण्ड मेंटीनेंस एक्सीलेंस विषय पर नेशनल सिम्पोजियम का आयोजन किया गया. इस मौके पर राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने कहा कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जांच एवं उपचार उपलब्ध कराने तथा स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए बायोमेडिकल उपकरणों का उचित प्रबंधन आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश में बायोमेडिकल उपकरण मरम्मत और रखरखाव कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में सभी हितधारकों के साथ परामर्श कर बायोमेडिकल उपकरणों के प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार किया जाएगा. हमारा प्रयास है कि बायोमेडिकल उपकरणों के क्षेत्र में रिसर्च एवं प्रबंधन की गुणवत्ता में सुधार हो, उपकरणों का डाउनटाइम कम हो तथा स्वास्थ्य सेवाओं की समय पर डिलीवरी हो.

पढ़ें : कर्रा रोग का कहर : जिम्मेदार आए हरकत में, 32 गांवों में कैंप, 17 मोबाइल वेटनरी टीमें तैनात - Karra Disease

1 लाख से अधिक शिकायतों का निस्तारण : प्रबंध निदेशक ने बताया कि आरएमएससीएल दवाओं, सर्जिकल एवं सूचर्स तथा जांच उपकरणों की खरीद में अग्रणी रहा है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रैंकिंग में आरएमएससीएल अग्रणी रहा है. उन्होंने कहा कि बीईएमपी कार्यक्रम के तहत पिछले महीने तक कुल 1 लाख 43 हजार 631 उपकरणों को ई-उपकरण सॉफ्टवेयर में मैप किया गया है. इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से पंजीकृत ऑनलाइन शिकायतों 1 लाख 44 हजार 465 में से 1 लाख 44 हजार 234 का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है.

वहीं, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम अरूण गर्ग ने कहा कि बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट लागू करने से उपकरणों की मेंटीनेंस लागत में कमी आती है और महंगे बायोमेडिकल उपकरणों के उपयोग की अवधि को बढ़ाया जा सकता है. इससे उपकरणों को बार-बार बदलने की आवश्यकता भी कम हो जाती है.

नेहा गिरि ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजधानी जयपुर में बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट प्रोग्राम बूस्ट एलिवेटिंग हॉस्पिटल सर्विसेज विद् सीमलेस रिपेयर एण्ड मेंटीनेंस एक्सीलेंस विषय पर नेशनल सिम्पोजियम का आयोजन किया गया. इस मौके पर राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने कहा कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जांच एवं उपचार उपलब्ध कराने तथा स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए बायोमेडिकल उपकरणों का उचित प्रबंधन आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश में बायोमेडिकल उपकरण मरम्मत और रखरखाव कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में सभी हितधारकों के साथ परामर्श कर बायोमेडिकल उपकरणों के प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार किया जाएगा. हमारा प्रयास है कि बायोमेडिकल उपकरणों के क्षेत्र में रिसर्च एवं प्रबंधन की गुणवत्ता में सुधार हो, उपकरणों का डाउनटाइम कम हो तथा स्वास्थ्य सेवाओं की समय पर डिलीवरी हो.

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1 लाख से अधिक शिकायतों का निस्तारण : प्रबंध निदेशक ने बताया कि आरएमएससीएल दवाओं, सर्जिकल एवं सूचर्स तथा जांच उपकरणों की खरीद में अग्रणी रहा है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रैंकिंग में आरएमएससीएल अग्रणी रहा है. उन्होंने कहा कि बीईएमपी कार्यक्रम के तहत पिछले महीने तक कुल 1 लाख 43 हजार 631 उपकरणों को ई-उपकरण सॉफ्टवेयर में मैप किया गया है. इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से पंजीकृत ऑनलाइन शिकायतों 1 लाख 44 हजार 465 में से 1 लाख 44 हजार 234 का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है.

वहीं, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम अरूण गर्ग ने कहा कि बायोमेडिकल इक्विपमेंट मैनेजमेंट लागू करने से उपकरणों की मेंटीनेंस लागत में कमी आती है और महंगे बायोमेडिकल उपकरणों के उपयोग की अवधि को बढ़ाया जा सकता है. इससे उपकरणों को बार-बार बदलने की आवश्यकता भी कम हो जाती है.

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