कुचामनसिटी. राजस्थान में प्रथम चरण के नामांकन का काम पूरा होने के साथ ही यहां प्रचार कार्य जोर पकड़ने लगा है. नागौर लोकसभा क्षेत्र में भी चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है. इसके साथ ही आम नागरिकों की भी जनप्रतिनिधियों से कुछ उम्मीदें हैं. लोगों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को आम आदमी की बात सरकार तक पहुंचाने में कड़ी का काम करना चाहिए. मध्यम वर्ग की जरूरतों और समस्याओं को केन्द्र में रखकर नीतियां बनाई जानी चाहिए.
मतदाताओं का कहना है कि सरकार जब भी कोई योजना लाती है तो वह या तो निम्न वर्ग के लिए होती है या फिर उच्च वर्ग के लिए. सरकार की ओर से मध्यम वर्ग के लिए कभी कोई योजना जारी नहीं की जाती. ऐसे में आने वाले जनप्रतिनिधि और सरकार से मतदाताओं ने उम्मीद जताई है कि वह नई सरकार बनने के बाद मध्यम वर्ग के लिए भी कोई विशेष योजना शुरू करेंगे. शिक्षाविद बंसीलाल कांसोटिया सहित कुछ मतदाताओं ने देश में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की कल्पना करते हुए मांग की. साथ ही कहा कि शिक्षा नीति में बदलाव कुछ इस तरह हो कि शिक्षा हासिल करने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े.
महिला वर्ग से जुड़ी ललिता वर्मा पारीक का कहना है कि सरकार कुछ ऐसे सख्त कानून बनाए कि पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहे महिला उत्पीड़न और महिलाओं पर अपराध की वारदातों में कमी आ सके और महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. कमल कुमार गौड़ ने बताया कि सरकार को मध्य वर्ग के लोगों के लिए भी कुछ विशेष योजना बनानी चाहिए, सबसे ज्यादा बेरोजगार मध्यवर्ग के लोग हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है.आने वाली नई सरकार और आने वाले नागौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद से हमारी यही उम्मीद है कि जनता की समस्या के लिए आगे तक बात रखें.