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नागौर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की उम्मीदें: मध्यमवर्ग को ध्यान में रखकर बनें नीतियां - loksabha election 2024

देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण के चुनाव 19 अप्रैल को होंगे. नागौर लोकसभा क्षेत्र में भी लोकसभा चुनाव पहले चरण में ही होंगे. इस बीच आम नागरिकों से जनप्रितिनिधियों से उनकी उम्मीदों को लेकर बात की. आम नागरिकोंन ने ईटीवी भारत से खुलकर अपनी बात रखी.

Expectations of Nagaur loksabha seat voters
नागौर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की उम्मीदें
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 2, 2024, 6:28 PM IST

नागौर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की उम्मीदें

कुचामनसिटी. राजस्थान में प्रथम चरण के नामांकन का काम पूरा होने के साथ ही यहां प्रचार कार्य जोर पकड़ने लगा है. नागौर लोकसभा क्षेत्र में भी चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है. इसके साथ ही आम नागरिकों की भी जनप्रतिनिधियों से कुछ उम्मीदें हैं. लोगों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को आम आदमी की बात सरकार तक पहुंचाने में कड़ी का काम करना चाहिए. मध्यम वर्ग की जरूरतों और समस्याओं को केन्द्र में रखकर नीतियां बनाई जानी चाहिए.

मतदाताओं का कहना है कि सरकार जब भी कोई योजना लाती है तो वह या तो निम्न वर्ग के लिए होती है या फिर उच्च वर्ग के लिए. सरकार की ओर से मध्यम वर्ग के लिए कभी कोई योजना जारी नहीं की जाती. ऐसे में आने वाले जनप्रतिनिधि और सरकार से मतदाताओं ने उम्मीद जताई है कि वह नई सरकार बनने के बाद मध्यम वर्ग के लिए भी कोई विशेष योजना शुरू करेंगे. शिक्षाविद बंसीलाल कांसोटिया सहित कुछ मतदाताओं ने देश में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की कल्पना करते हुए मांग की. साथ ही कहा कि शिक्षा नीति में बदलाव कुछ इस तरह हो कि शिक्षा हासिल करने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े.

पढ़ें: पीएम मोदी का विपक्षी दलों पर कड़ा प्रहार, कहा- सारे भ्रष्टाचारी मिलकर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई रोकने के लिए रैली कर रहे

महिला वर्ग से जुड़ी ललिता वर्मा पारीक का कहना है कि सरकार कुछ ऐसे सख्त कानून बनाए कि पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहे महिला उत्पीड़न और महिलाओं पर अपराध की वारदातों में कमी आ सके और महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. कमल कुमार गौड़ ने बताया कि सरकार को मध्य वर्ग के लोगों के लिए भी कुछ विशेष योजना बनानी चाहिए, सबसे ज्यादा बेरोजगार मध्यवर्ग के लोग हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है.आने वाली नई सरकार और आने वाले नागौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद से हमारी यही उम्मीद है कि जनता की समस्या के लिए आगे तक बात रखें.

नागौर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की उम्मीदें

कुचामनसिटी. राजस्थान में प्रथम चरण के नामांकन का काम पूरा होने के साथ ही यहां प्रचार कार्य जोर पकड़ने लगा है. नागौर लोकसभा क्षेत्र में भी चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है. इसके साथ ही आम नागरिकों की भी जनप्रतिनिधियों से कुछ उम्मीदें हैं. लोगों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को आम आदमी की बात सरकार तक पहुंचाने में कड़ी का काम करना चाहिए. मध्यम वर्ग की जरूरतों और समस्याओं को केन्द्र में रखकर नीतियां बनाई जानी चाहिए.

मतदाताओं का कहना है कि सरकार जब भी कोई योजना लाती है तो वह या तो निम्न वर्ग के लिए होती है या फिर उच्च वर्ग के लिए. सरकार की ओर से मध्यम वर्ग के लिए कभी कोई योजना जारी नहीं की जाती. ऐसे में आने वाले जनप्रतिनिधि और सरकार से मतदाताओं ने उम्मीद जताई है कि वह नई सरकार बनने के बाद मध्यम वर्ग के लिए भी कोई विशेष योजना शुरू करेंगे. शिक्षाविद बंसीलाल कांसोटिया सहित कुछ मतदाताओं ने देश में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की कल्पना करते हुए मांग की. साथ ही कहा कि शिक्षा नीति में बदलाव कुछ इस तरह हो कि शिक्षा हासिल करने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े.

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महिला वर्ग से जुड़ी ललिता वर्मा पारीक का कहना है कि सरकार कुछ ऐसे सख्त कानून बनाए कि पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहे महिला उत्पीड़न और महिलाओं पर अपराध की वारदातों में कमी आ सके और महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. कमल कुमार गौड़ ने बताया कि सरकार को मध्य वर्ग के लोगों के लिए भी कुछ विशेष योजना बनानी चाहिए, सबसे ज्यादा बेरोजगार मध्यवर्ग के लोग हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है.आने वाली नई सरकार और आने वाले नागौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद से हमारी यही उम्मीद है कि जनता की समस्या के लिए आगे तक बात रखें.

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