शिमला: देशभर में 1 जून को सातवें और अंतिम चरण के लिए लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई. हिमाचल में भी अंतिम चरण में 4 लोकसभा सीटों सहित विधानसभा की छह सीटों पर उप-चुनाव हुआ. इसी के साथ लोकसभा सहित विधानसभा के चुनावी समर में कूदे 62 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया जिसका ताला अब 4 जून को मतों की गिनती के साथ ही खुलेगा. इसके लिए अब 36 घंटे शेष बचे हैं.
चुनावी नतीजे घोषित होने से पहले सामने आए एग्जिट पोल के आंकड़ों से हिमाचल का सियासी माहौल गर्मा गया है. कई एजेंसियों के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक चार लोकसभा सीटों में से इस बार किसी एक सीट पर हाथ मजबूत हो सकता है. वहीं, तीन सीटों पर कमल खिलने का दावा किया गया है.
हालांकि कौन सी सीट पर कमल खिलेगा और किस सीट पर हाथ को जनता का साथ मिलेगा. एग्जिट पोल में ऐसा कोई भी स्पष्ट दावा नहीं किया गया है, लेकिन चारों लोकसभा सीटों पर नेता और लोग अपनी-अपनी सीट पर जीत के समीकरण बिठा रहे हैं.
एग्जिट पोल में ये दावा:
हिमाचल में विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, देश में एनडीए जीत की हैट्रिक लगा रही है और नरेंद्र मोदी तीसरी बाद केंद्र की सत्ता पर राज करने वाले हैं. प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में 1 या 2 सीट कांग्रेस के खाते में जाने वाली हैं. वहीं, भाजपा 4-0 की हैट्रिक के दावे के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी. प्रदेश में सत्ता का लाभ मिलने की संभावना को देखते हुए कांग्रेस भी इस बार 2014 और 2019 के मुकाबले नतीजों में बदलाव का दावा कर रही है लेकिन भाजपा और कांग्रेस में से किसका दावा सही साबित होगा ये 4 जून को सामने आने वाले चुनाव के नतीजे बताएंगे. नेताओं के चुनावी मैदान में पसीना बहाने वाले कार्यकर्ता अपने हिसाब से जीत का दावा कर रहे हैं जिसको हम सिलसिले बार आपको बताने जा रहे हैं.
मंडी सीट पर कांग्रेस की जीत के पीछे ये वजह:
देश भर की हॉट सीटों में शुमार मंडी संसदीय सीट पर कांग्रेस की जीत का सबसे अधिक दावा किया जा रहा है. ये इसलिए की भाजपा उम्मीदवार बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत के मुकाबले में कांग्रेस ने यहां से प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री और मंडी सीट से तीन बार सांसद रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह को चुनावी रण में उतारा है. युवा नेता होने के साथ विक्रमादित्य सिंह सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. वह बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए भी जाने जाते हैं. वहीं विक्रमादित्य सिंह की माता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह वर्तमान में मंडी से सांसद भी हैं. ऐसे में राज परिवार का मंडी सीट पर लंबे समय से प्रभाव रहा है जिसको लेकर कांग्रेस मंडी सीट पर जीत को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रही है.
शिमला कांग्रेस का गढ़ इसलिए जीत का दावा:
एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस शिमला सीट पर जीत का दावा कर रही है. इसके पीछे की वजह है कि शिमला संसदीय सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. इस सीट पर लगातार जीत का छक्का लगाने वाले केडी सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी को इस बार शिमला सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया है. ऐसे में कांग्रेस उम्मीद लगा रही है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका फायदा हो सकता है. हालांकि 2009 से भाजपा लगातार शिमला सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है, लेकिन धरातल पर मोदी लहर नजर न आने से कांग्रेस शिमला सीट पर जीत का दावा कर रही है.
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सीएम और डिप्टी सीएम हमीरपुर से इसलिए जीतेंगे सीट:
हमीरपुर संसदीय सीट को भाजपा लगातार पांच चुनावों से जीत रही है. बीजेपी ने इस बार फिर अनुराग ठाकुर को दिया है. कांग्रेस ने अनुराग ठाकुर के मुकाबले में पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का हमीरपुर गृह संसदीय क्षेत्र है. ऐसे में कांग्रेस को इस बात का लाभ मिलने की उम्मीद है. सीएम सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री लगातार हमीरपुर संसदीय सीट पर चुनाव प्रचार में डटे रहे. ऐसे में इस हिसाब से कांग्रेस हमीरपुर सीट पर जीत का दावा कर रही है.
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कांगड़ा में बड़े चेहरे पर कांग्रेस का दांव:
एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस कांगड़ा संसदीय सीट पर भी जीत का दावा कर रही है. इसके पीछे चुनावी मैदान में उतारा गया बड़ा चेहरा है. भाजपा ने कांगड़ा सीट पर संगठन से जुड़े व्यक्ति डॉ. राजीव भारद्वाज को टिकट दिया है. ये उनका पहला चुनाव है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है जो कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं. ऐसे में कांग्रेस को इस बार लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिलने की उम्मीद है जिसको देखते हुए कांग्रेस कांगड़ा सीट पर जीत का दावा कर रही है. राजनीति के जानकार अनिल ठाकुर का कहना है कि मतदाता अपनी सोच के मुताबिक वोट देते हैं. इस दौरान वे कई तरह के समीकरणों को सामने रख कर मतदान करते हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस के हर सीट पर अपने समीकरण हैं. ऐसे में जनता के मूड का पता 4 जून को ईवीएम खुलने के बाद चलेगा.