ETV Bharat / state

पैगंबर हजरत मोहम्मद की बेटी की याद में छोटे इमामबाड़े में लगी प्रदर्शनी, इंसानियत का संदेश - EXHIBITION ON FATIMA ZEHRA

लखनऊ में फातिमा जहरा की याद में 7 से 10 दिसंबर तक किया गया विशेष आयोजन. साधारण जीवन शैली और सेवा भाव को दर्शाया गया.

फातिमा जहरा की साधारण जीवनशैली पर लगी प्रदर्शनी
फातिमा जहरा की साधारण जीवनशैली पर लगी प्रदर्शनी (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 10:30 AM IST

लखनऊ: राजधानी के ऐतिहासिक छोटे इमामबाड़े में पैगंबर हजरत मोहम्मद की बेटी फातिमा जहरा की याद में 7 से 10 दिसंबर तक एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में उनके जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं को जीवंत तरीके से दर्शाया गया.

प्रदर्शनी में वह दरवाजे भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्हें उनके घर पर हमला करते हुए आग के हवाले कर दिया गया था. उनके मिट्टी के घर जहां वे शादी के बाद अपने पति हजरत अली के साथ रहती थीं को भी दर्शाया गया. इसके साथ ही उनके दहेज में मिले सिर्फ पांच मिट्टी के बर्तन और एक चटाई को भी प्रदर्शित किया गया. यह प्रदर्शनी उनके साधारण रहन-सहन और सेवा भाव को उजागर करती है.

हजरत फातिमा जहरा के आखिरी आरामगाह जन्नतुल बकी को भी इस प्रदर्शनी में दर्शाया गया था. उनकी कब्र के ऊपर कोई साया या इमारत न होने को प्रमुखता से दिखाया गया. पैगंबर की बेटी का जीवन न केवल सादा था, बल्कि उनके जीवन का हर पहलू सेवा और इंसानियत के प्रति समर्पित था.

फातिमा जहरा की साधारण जीवनशैली पर लगी प्रदर्शनी (Video Credit; ETV Bharat)
शिया धर्मगुरु मौलाना मोहम्मद आबदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में इस्लाम धर्म के अनुयायी फातिमा जहरा की शहादत दिवस पर उन्हें याद कर रहे हैं. उनके जीवन के आदर्श और पैगंबर के घराने की मदद करने की परंपरा को अपनाने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने फातिमा जहरा की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार फातिमा जहरा तीन दिन से भूखी थीं, लेकिन जब एक भूखे शख्स ने उनसे भोजन मांगा तो उन्होंने अपनी एकमात्र रोटी उसे दे दी. यह पैगंबर के घराने की विशेषता थी कि कोई भी भूखा उनके दरवाजे से खाली हाथ नहीं जाता था.मौलाना मोहम्मद आबदी ने कहा कि छोटे इमामबाड़े में लगी इस प्रदर्शनी के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि फातिमा जहरा की तरह सादगी और सेवा भाव को अपनाकर समाज में इंसानियत और भाईचारे को बढ़ावा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन में सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित फातिमा जहरा के मिट्टी के घर का प्रतिरूप भी दर्शाया गया है. हालांकि, अब वह घर वास्तविक रूप में मौजूद नहीं है, लेकिन इस प्रदर्शनी के जरिए उसकी झलक लोगों तक पहुंचाई गई है.यह भी पढ़ें: मौलाना कल्बे जवाद बोले- हजरत फातिमा जहरा का जीवन महिलाओं के लिए सर्वोत्तम आदर्श

यह भी पढ़ें: हजरत फातिमा जहरा की शहादत पर मजलिसों का आयोजन

लखनऊ: राजधानी के ऐतिहासिक छोटे इमामबाड़े में पैगंबर हजरत मोहम्मद की बेटी फातिमा जहरा की याद में 7 से 10 दिसंबर तक एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में उनके जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं को जीवंत तरीके से दर्शाया गया.

प्रदर्शनी में वह दरवाजे भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्हें उनके घर पर हमला करते हुए आग के हवाले कर दिया गया था. उनके मिट्टी के घर जहां वे शादी के बाद अपने पति हजरत अली के साथ रहती थीं को भी दर्शाया गया. इसके साथ ही उनके दहेज में मिले सिर्फ पांच मिट्टी के बर्तन और एक चटाई को भी प्रदर्शित किया गया. यह प्रदर्शनी उनके साधारण रहन-सहन और सेवा भाव को उजागर करती है.

हजरत फातिमा जहरा के आखिरी आरामगाह जन्नतुल बकी को भी इस प्रदर्शनी में दर्शाया गया था. उनकी कब्र के ऊपर कोई साया या इमारत न होने को प्रमुखता से दिखाया गया. पैगंबर की बेटी का जीवन न केवल सादा था, बल्कि उनके जीवन का हर पहलू सेवा और इंसानियत के प्रति समर्पित था.

फातिमा जहरा की साधारण जीवनशैली पर लगी प्रदर्शनी (Video Credit; ETV Bharat)
शिया धर्मगुरु मौलाना मोहम्मद आबदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में इस्लाम धर्म के अनुयायी फातिमा जहरा की शहादत दिवस पर उन्हें याद कर रहे हैं. उनके जीवन के आदर्श और पैगंबर के घराने की मदद करने की परंपरा को अपनाने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने फातिमा जहरा की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार फातिमा जहरा तीन दिन से भूखी थीं, लेकिन जब एक भूखे शख्स ने उनसे भोजन मांगा तो उन्होंने अपनी एकमात्र रोटी उसे दे दी. यह पैगंबर के घराने की विशेषता थी कि कोई भी भूखा उनके दरवाजे से खाली हाथ नहीं जाता था.मौलाना मोहम्मद आबदी ने कहा कि छोटे इमामबाड़े में लगी इस प्रदर्शनी के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि फातिमा जहरा की तरह सादगी और सेवा भाव को अपनाकर समाज में इंसानियत और भाईचारे को बढ़ावा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन में सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित फातिमा जहरा के मिट्टी के घर का प्रतिरूप भी दर्शाया गया है. हालांकि, अब वह घर वास्तविक रूप में मौजूद नहीं है, लेकिन इस प्रदर्शनी के जरिए उसकी झलक लोगों तक पहुंचाई गई है.यह भी पढ़ें: मौलाना कल्बे जवाद बोले- हजरत फातिमा जहरा का जीवन महिलाओं के लिए सर्वोत्तम आदर्श

यह भी पढ़ें: हजरत फातिमा जहरा की शहादत पर मजलिसों का आयोजन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.