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पटना में कार्यपालक पदाधिकारी की पिटाई मामले में आरोपी की गिरफ्तारी पर लगी रोक, सेक्शन कोर्ट ने सुनाया फैसला - कार्यपालक पदाधिकारी की पिटाई

Executive Officer Beating Case: पटना में कार्यपालक पदाधिकारी की पिटाई मामले में कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. बताया जा रहा कि दोनों आरोपी ने सेक्शन कोर्ट में अग्रित जमानत के लिए याचिता दायर किया था. जिसपर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया गया है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 6, 2024, 2:42 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में कार्यपालक पदाधिकारी की पिटाई की गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जबकि अन्य की तलाश की जा रही थी. इस बीच मुख्य आरोपियों द्वारा सेक्शन कोर्ट में अग्रित जमानत के लिए याचिता दायर कर दिया गया. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 22 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है.

अग्रित जमानत की याचिका दायर की: मिली जानकारी के अनुसार, पटना के रूपसपुर थाने के गोला रोड में 16 जनवरी की रात नप के ईओ अरविंद कुमार सिंह की पिटाई की गई थी. इस मामले में पुलिस ने दो सप्ताह पूर्व ही कोर्ट से तनुज यादव और नयन यादव के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट और इश्तेहार निर्गत कराया था. लेकिन इस बीच मुख्य आरोपी तनुज यादव और नयन यादव ने सेक्शन कोर्ट में अग्रित जमानत के लिए याचिता दायर कर दिया. जिसपर कोर्ट ने 22 फरवरी तक दोनों की गिरफ्तारी पर तत्काल रोका लगाया दिया है.

भाई ने करवाया था मामला दर्ज: बता दें कि 16 जनवरी को अरविंद पार्टी के बाद अपनी कार से घर लौट रहा था. तभी गोला रोड में राजद नेता नागेंद्र राय के पुत्र तनुज यादव और नयन यादव समेत उसके साथियों ने अरविंद को खीचकर गाड़ी से बाहर निकाला फिर उसकी जमकर पिटाई कर दी. जख्मी अरविंद के चचेरे भाई विजय कुमार सिंह ने स्थानीय थाना में नयन और तनुज यादव समेत उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

22 फरवरी तक लगी रोक: वहीं, रुपशपुर थानाध्यक्ष रणविजय कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट से पिछले 20 जनवरी को गिरफ्तारी वारंट निर्गत जारी किया गया था. लगातार छापेमारी के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट से इश्तेहार निर्गत कराया गया था. पिछले दिनों मुख्य आरोपियों के घर पर इश्तेहार भी चिपकाया गया था. इस बीच आरोपियों ने सेक्शन कोर्ट में याचिका दायकर कर दिया. जिसके बाद 22 फरवरी तक गिफ्तारी पर रोक लगा दिया गया है.

"22 फरवरी के बाद मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी की जाएगी. साथ ही कोर्ट में कुर्की जब्ती के लिए भी आवेदन दिया जायेगा. इस मामले में एक अपराधी को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है." - रणविजय कुमार, रुपशपुर थानाध्यक्ष

इसे भी पढ़े- पटना में कार्यपालक पदाधिकारी से मारपीट मामले में एक गिरफ्तार, दो अन्य की तलाश जारी

पटना: बिहार की राजधानी पटना में कार्यपालक पदाधिकारी की पिटाई की गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जबकि अन्य की तलाश की जा रही थी. इस बीच मुख्य आरोपियों द्वारा सेक्शन कोर्ट में अग्रित जमानत के लिए याचिता दायर कर दिया गया. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 22 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है.

अग्रित जमानत की याचिका दायर की: मिली जानकारी के अनुसार, पटना के रूपसपुर थाने के गोला रोड में 16 जनवरी की रात नप के ईओ अरविंद कुमार सिंह की पिटाई की गई थी. इस मामले में पुलिस ने दो सप्ताह पूर्व ही कोर्ट से तनुज यादव और नयन यादव के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट और इश्तेहार निर्गत कराया था. लेकिन इस बीच मुख्य आरोपी तनुज यादव और नयन यादव ने सेक्शन कोर्ट में अग्रित जमानत के लिए याचिता दायर कर दिया. जिसपर कोर्ट ने 22 फरवरी तक दोनों की गिरफ्तारी पर तत्काल रोका लगाया दिया है.

भाई ने करवाया था मामला दर्ज: बता दें कि 16 जनवरी को अरविंद पार्टी के बाद अपनी कार से घर लौट रहा था. तभी गोला रोड में राजद नेता नागेंद्र राय के पुत्र तनुज यादव और नयन यादव समेत उसके साथियों ने अरविंद को खीचकर गाड़ी से बाहर निकाला फिर उसकी जमकर पिटाई कर दी. जख्मी अरविंद के चचेरे भाई विजय कुमार सिंह ने स्थानीय थाना में नयन और तनुज यादव समेत उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

22 फरवरी तक लगी रोक: वहीं, रुपशपुर थानाध्यक्ष रणविजय कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट से पिछले 20 जनवरी को गिरफ्तारी वारंट निर्गत जारी किया गया था. लगातार छापेमारी के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट से इश्तेहार निर्गत कराया गया था. पिछले दिनों मुख्य आरोपियों के घर पर इश्तेहार भी चिपकाया गया था. इस बीच आरोपियों ने सेक्शन कोर्ट में याचिका दायकर कर दिया. जिसके बाद 22 फरवरी तक गिफ्तारी पर रोक लगा दिया गया है.

"22 फरवरी के बाद मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी की जाएगी. साथ ही कोर्ट में कुर्की जब्ती के लिए भी आवेदन दिया जायेगा. इस मामले में एक अपराधी को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है." - रणविजय कुमार, रुपशपुर थानाध्यक्ष

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