देहरादून: उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जिस पर लगाम लगाना वन महकमे के लिए चुनौती बना हुआ है. बीते रोज ही देहरादून के गल्जवाड़ी क्षेत्र के किमाड़ी के मराड़ी चक की गुर्जर बस्ती में गुलदार ने एक 10 साल के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया था. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि गुलदार को मारने के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं, टिहरी में कीर्तिनगर के मलेथा गांव क्षेत्र में गुलदार को वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से मारे जाने के मामले में भी जांच के आदेश किए गए हैं.
कीर्तिनगर क्षेत्र में गुलदार ने बरपाया था कहर: गौर हो कि टिहरी जिले के कीर्तिनगर विकास खंड के मलेथा क्षेत्र में 23 फरवरी को आतंक का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग की टीम ने मार दिया था. इस गुलदार ने दो दिनों के भीतर 9 लोगों पर हमला किया था. जिसमें 5 महिलाएं और 4 वनकर्मी शामिल थे. गुलदार ने नैथाणा और डांग गांव की मेघना चौहान, सुमित्रा चौहान, सम्पदा देवी, बसंत गिरि, प्रकाशी देवी पर हमला किया था. जबकि, वन विभाग के एसडीओ अनिल पैन्यूली, वनकर्मी महावीर, गुड्डू और तेज सिंह को भी हमले में घायल कर दिया था.
वन विभाग की गोली से मारा गया गुलदार: वहीं, वन कर्मियों ने इस गुलदार को मारने के लिए चार गोली चलाई थी. चौथी गोली गुलदार को लगी, जिसमें गुलदार ढेर हो गया. मामले में वन विभाग का कहना था कि आत्मरक्षा में गुलदार को मारा गया है. जिस पर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उन्होंने प्रकरण पर जांच की बात कहते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सिन्हा ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल को ये निर्देश दिए गए हैं कि वो इस पूरे घटनाक्रम के सभी बिंदुओं और सभी पक्षों का अध्ययन कर उसकी जानकारी देंगे.
कीर्तिनगर क्षेत्र में गुलदार को मारने के मामले में जांच के आदेश: गौर हो कि, क्षेत्र 11 के तहत चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को ही हिंसक वन्य जीव को लेकर पूरी पावर दी गई है. लेकिन जिस तरह से हमले के मामले बढ़ रहे हैं और वन विभाग की जन जागरूकता भी काम नहीं आ रही है, उससे गुलदारों की समस्या बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. मलेथा में गुलदार को वन कर्मियों ने जिस तरह गोली मारी उस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं और इसलिए मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से भी इस पर सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि गुलदार को मारने का वीडियो सामने आने के बाद ये कहा जा रहा है कि गुलदार काफी थका हुआ या बीमार था और उसे पकड़ा जा सकता था, लेकिन आरोप है कि वनकर्मियों ने उसे गोली मार दी. इस सवाल पर सिन्हा ने कहा कि वो जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. फैसला उनको लेना है इसलिए वो इसपर अभी टिप्पणी नहीं कर सकते.
दून के किमाड़ी में बच्चे पर हमला: उधर, दूसरी तरफ देहरादून के किमाड़ी क्षेत्र में 25 फरवरी की रात एक 10 साल के बच्चे को गुलदार ने निवाला बना लिया. बच्चा अपने दोस्तों के साथ बाहर खेल रहा था जब झाड़ियों में घात लगाए बैठे गुलदार ने उसपर हमला कर दिया. शोर मचने पर बच्चे और गुर्जर बस्ती के अन्य लोग बाहर आए और गुलदार से बच्चे को छुड़ाने का प्रयास किया. भीड़ लगने पर गुलदार बच्चे को वहीं छोड़कर भाग गया. हालांकि, बच्चे को बचाया नहीं जा सका. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद विभाग के अधिकारियों को तलब किया और इसके बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने गुलदार को मारने के आदेश दिए हैं. गुलदार की पकड़ के लिए क्षेत्र में वन विभाग की टीमों ने कैमरे और ट्रैप लगाए हैं.
दिसंबर में भी हुई थी घटना: वहीं, इससे पहले भी देहरादून में हुए एक घटनाक्रम में अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी से आगे एक गांव में चार साल के बच्चे को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया था. ये घटना 25 दिसंबर 2023 की रात को सिंगली गांव में घटित हुई थी. बच्चे को उसकी मां के सामने से गुलदार उठाकर ले गया था. अगल दिन सुबह बच्चे का शव जंगल में मिला था.
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