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ज्यादा बारिश और जलभराव से मौसमी बीमारियों का कहर, अलर्ट पर राजस्थान - Seasonal diseases in Rajasthan

राजस्थान में मानसून की बारिश का दौर लगातार जारी है. इस बीच मौसमी बीमारियों में मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. डेंगू और स्क्रब टायफस के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने राजस्थान समेत कई राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है.

SEASONAL DISEASES IN RAJASTHAN
जलभराव से मौसमी बीमारियों का कहर (ETV bharat gfx Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 22, 2024, 6:04 PM IST

जलभराव से मौसमी बीमारियों का कहर (Video : ETV Bharat)

जयपुर. राजस्थान में मानसून में जमकर बारिश हुई है. प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश का दौर लगातार जारी है. इस बीच प्रदेश में मौसमी बीमारियों के मामले भी तेजी से अब बढ़ने लगे हैं. खासकर डेंगू और स्क्रब टायफस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में केंद्र सरकार ने मौसमी बीमारियों को लेकर राजस्थान समेत अन्य राज्यों के लिए एक अलर्ट भी जारी किया है. आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अभी तक डेंगू के एक हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि स्क्रब टायफस के 500 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं. चिकित्सा विभाग ने भी प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारियों के लिए अलर्ट जारी किया है और मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

मरीजों की संख्या में इजाफा होने की आशंका : आमतौर पर प्रदेश में बारिश के बाद मौसमी बीमारियों का कहर देखने को मिलता है, लेकिन इस बार ज्यादा बारिश होने के कारण मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. मौसमी बीमारियों की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होने की भी आशंका जताई जा रही है. मौजूदा समय की बात करें तो प्रदेश में स्क्रब टायफस के 511 मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इस बीमारी से अभी तक प्रदेश में किसी मरीज की मौत दर्ज नहीं हुई है. स्क्रब टायफस के सबसे ज्यादा 120 मामले उदयपुर में सामने आए हैं, जबकि 77 मामले जयपुर में और 54 मामले कोटा में सामने आए हैं.

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के ये हैं हालात : मानसून की बारिश के बीच प्रदेश में डेंगू के अभी तक 1440 मामले सामने आ चुके हैं. डेंगू के सबसे अधिक मामले बीकानेर से 218, जयपुर शहर से 113, जयपुर ग्रामीण से 142 और उदयपुर में 121 मामले देखने को मिले हैं. इसके अलावा मलेरिया के 604 मामले सामने आए हैं, जबकि चिकनगुनिया के 95 केस अभी तक देखने को मिले हैं.

इसे भी पढ़ें : मंकीपॉक्स को लेकर राजस्थान में अलर्ट, जानिए क्या है इस बीमारी के लक्षण और बचाव - Monkeypox Virus

लापरवाही पर कार्रवाई के निर्देश : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि बारिश से उत्पन्न स्थितियों और मौसमी बीमारियों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. प्रदेशभर में बारिश का दौर चल रहा है. कई स्थानों पर अधिक बारिश होने से जलभराव आदि की समस्याएं भी उत्पन्न हुई हैं. साथ ही, इससे मौसमी बीमारियों के बढ़ने का भी खतरा है. इसे देखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश जारी किए गए हैं. चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मौसमी बीमारियों के प्रबंध में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कार्मिकों को 17 सीसीए के तहत नोटिस देने के निर्देश दिए हैं.

मंकी पॉक्स को लेकर भी अलर्ट : दुनियाभर में मंकी पॉक्स के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसके बाद WHO ने इस बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. इसके चलते राजस्थान में भी चिकित्सा विभाग की ओर से इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. हालांकि, भारत में अभी तक इस बीमारी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. चिकित्सकों का कहना है कि मंकी पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है. दावा किया जा रहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस बीमारी के कुछ मामले सामने आए हैं.

जलभराव से मौसमी बीमारियों का कहर (Video : ETV Bharat)

जयपुर. राजस्थान में मानसून में जमकर बारिश हुई है. प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश का दौर लगातार जारी है. इस बीच प्रदेश में मौसमी बीमारियों के मामले भी तेजी से अब बढ़ने लगे हैं. खासकर डेंगू और स्क्रब टायफस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में केंद्र सरकार ने मौसमी बीमारियों को लेकर राजस्थान समेत अन्य राज्यों के लिए एक अलर्ट भी जारी किया है. आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अभी तक डेंगू के एक हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि स्क्रब टायफस के 500 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं. चिकित्सा विभाग ने भी प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारियों के लिए अलर्ट जारी किया है और मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

मरीजों की संख्या में इजाफा होने की आशंका : आमतौर पर प्रदेश में बारिश के बाद मौसमी बीमारियों का कहर देखने को मिलता है, लेकिन इस बार ज्यादा बारिश होने के कारण मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. मौसमी बीमारियों की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होने की भी आशंका जताई जा रही है. मौजूदा समय की बात करें तो प्रदेश में स्क्रब टायफस के 511 मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इस बीमारी से अभी तक प्रदेश में किसी मरीज की मौत दर्ज नहीं हुई है. स्क्रब टायफस के सबसे ज्यादा 120 मामले उदयपुर में सामने आए हैं, जबकि 77 मामले जयपुर में और 54 मामले कोटा में सामने आए हैं.

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के ये हैं हालात : मानसून की बारिश के बीच प्रदेश में डेंगू के अभी तक 1440 मामले सामने आ चुके हैं. डेंगू के सबसे अधिक मामले बीकानेर से 218, जयपुर शहर से 113, जयपुर ग्रामीण से 142 और उदयपुर में 121 मामले देखने को मिले हैं. इसके अलावा मलेरिया के 604 मामले सामने आए हैं, जबकि चिकनगुनिया के 95 केस अभी तक देखने को मिले हैं.

इसे भी पढ़ें : मंकीपॉक्स को लेकर राजस्थान में अलर्ट, जानिए क्या है इस बीमारी के लक्षण और बचाव - Monkeypox Virus

लापरवाही पर कार्रवाई के निर्देश : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि बारिश से उत्पन्न स्थितियों और मौसमी बीमारियों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. प्रदेशभर में बारिश का दौर चल रहा है. कई स्थानों पर अधिक बारिश होने से जलभराव आदि की समस्याएं भी उत्पन्न हुई हैं. साथ ही, इससे मौसमी बीमारियों के बढ़ने का भी खतरा है. इसे देखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश जारी किए गए हैं. चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मौसमी बीमारियों के प्रबंध में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कार्मिकों को 17 सीसीए के तहत नोटिस देने के निर्देश दिए हैं.

मंकी पॉक्स को लेकर भी अलर्ट : दुनियाभर में मंकी पॉक्स के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसके बाद WHO ने इस बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. इसके चलते राजस्थान में भी चिकित्सा विभाग की ओर से इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. हालांकि, भारत में अभी तक इस बीमारी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. चिकित्सकों का कहना है कि मंकी पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है. दावा किया जा रहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस बीमारी के कुछ मामले सामने आए हैं.

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