नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए आरोपी और केंद्रीय मंत्री दिलीप राय की सजा पर रोक की मांग करने वाली याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने सीबीआई को 5 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अब मामले की अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी. दिलीप राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो ओडिशा से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए वे सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं.
रोहतगी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) के प्रावधान के मुताबिक दिलीप राय चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. उन्होंने कहा कि दिलीप राय की उम्र 71 वर्ष है और ऐसे में सजा पर रोक लगनी चाहिए. सुनवाई के दौरान सीबीआई की और से पेश वकील आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा ने इस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की.
बता दें कि हाईकोर्ट ने 27 अक्टूबर, 2020 को दिलीप राय और इस मामले के तीन आरोपियों की सजा पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने जिन तीन आरोपियों की सजा पर रोक लगाया था उनमें महेंद्र कुमार अग्रवाल, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम भी शामिल हैं. 26 अक्टूबर, 2020 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिलीप राय समेत चारो आरोपियों को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिलीप राय के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम और कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी.
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कोर्ट ने दिलीप राय पर दस लाख रुपये, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम पर दो-दो लाख रुपये और महेन्द्र अग्रवाल पर साठ लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने दोषी कंपनी कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज पर साठ लाख रुपये और और कैस्ट्रॉन माईनिंग लिमिटेड पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है. यह कोयला ब्लॉक, कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित किया गया था. तब दिलीप राय, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री हुआ करते थे.
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