जोधपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बड़ी बहन विमला देवी का मंगलवार को निधन हो गया. वे 93 वर्ष की थीं. गहलोत हर बड़े मौके पर उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलते थे. इसके अलावा राखी बंधवाने के लिए जरूर उनके पास आते थे. पूर्व सीएम उन्हें अपनी मां की तरह मानते थे और वो भी उन्हें बेटे की तरह रखती थीं.
मंगलवार को उनके निधन के बाद पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बड़ी बहन श्रीमती विमला देवी कच्छवाहा का हमारे बीच से जाना मेरे लिए हमेशा के लिए एक रिक्त स्थान छोड़ गया है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा. बाईजी मेरे लिए मां के समान थीं. उनकी कमी मेरे जीवन में हमेशा खलती रहेगी. अपने 93 वर्ष के जीवन में उन्होंने सभी को बेहद स्नेह और आशीर्वाद दिया. मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें."
सीएम भजनलाल ने जताया दुख : अशोक गहलोत की बड़ी बहन विमला देवी के निधन पर सीएम भजनलाल ने संवेदना व्यक्त की है. 'एक्स' पर अपने पोस्ट के जरिए भजनलाल शर्मा ने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी की बहन श्रीमती विमला देवी जी के देवलोकगमन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं. प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें."
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परिवार के साथ लेते थे आशीर्वाद : अशोक गहलोत राजनीति में सक्रिय होने से पहले और उसके बाद से हर बड़े मौके पर विमला देवी से आशीर्वाद देना नहीं भूलते थे. इस दौरान उनकी पत्नी सुनीता गहलोत, पुत्र वैभव पुत्र वधु हिमांशी और पौत्री भी साथ होती थी. उनके स्वास्थ्य को लेकर भी ध्यान रखते थे. गहलोत के भांजे रणवीर सिंह और जसवंत सिंह से भी उनका गहरा लगाव है.
मंडोर स्वर्गाश्रम में अंतिम संस्कार : विमला देवी का बुधवार को मंडोर स्वर्ग आश्रम में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य और कांग्रेस के नेता भी शामिल हुए.
बड़ी बहन को किया अंतिम प्रणाम : पूर्व सीएम अशोक गहलोत बुधवार केा अपनी बड़ी बहन विमला देवी कच्छवाह के अंतिम संस्कार में शामिल होने जोधपुर पहुंचे. लाल सागर आवास पर उन्होंने अपनी बहन को अंतिम प्रणाम किया. अंतिम यात्रा में अर्थी को उन्होंने कंधा दिया. इसके बाद अंत्येष्टि स्थल पर बहन को विदाई दी. इस दौरान गहलोत काफी भावुक नजर आए. 93 वर्षीय विमला देवी की अंतिम यात्रा बाजे-गाजे से निकाली गई, जिसमें पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ सहित कई अन्य कांग्रेसी शामिल हुए. गहलोत ने भांजों को भी ढांढस बंधाया.