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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड; नए स्लिप लगे सिलेंडर मिलने से हड़कंप, हादसे की जांच करेंगी चार सदस्यीय टीम, प्राइवेट अस्पताल में भर्ती बच्चों का फ्री इलाज - JHANSI FIRE INCIDENT LATEST UPDATES

Jhansi Fire Incident Latest Updates : झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की जलकर हो गई थी मौत.

नए स्लिप लगे सिलेंडर मिलने पर मचा हड़कंप
नए स्लिप लगे सिलेंडर मिलने पर मचा हड़कंप (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 16, 2024, 6:01 PM IST

Updated : Nov 16, 2024, 9:38 PM IST

झांसी : यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में सबूतों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. अस्पताल में नए स्लिप लगे सिलेंडरों के मिलने से हड़कंप मच गया है. जिसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि आग को बुझाने के लिए वैध सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया गया था.

नए स्लिप लगे सिलेंडर मिलने पर मचा हड़कंप (Video credit: ETV Bharat)

स्थानीय मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था. देर रात आग लगने पर जब अग्नि सुरक्षा के लिए एनआईसीयू में रखे अग्निशमन यंत्रों से आग बुझाने का प्रयास किया गया तो वह यंत्र फेल हो गए, जिस कारण सही समय पर आग को बुझाया नहीं जा सका. इस मामले में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. परिजनों का आरोप था कि, अग्निशमन यंत्र काम ही नहीं किए, क्योंकि वह काफी पुराने थे और वह एक्सपायर भी हो चुके थे. सिलेंडरों पर जो स्लिप लगी थी उस पर 2019 और 2020 लिखा हुआ था, जिनको समय पर रिफिल न कराए जाने की बात सामने आई थी. जिसके बाद अब जो सिलेंडर रखे गए हैं, उन पर 2024 व 2025 अंकित है.

यह था मामला : झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था. इस भयानक अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी. चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया था. फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया था. कई थानों की पुलिस फोर्स भी मौके बुलानी पड़ी थी. अभी तक प्रशासन की ओर से 10 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई थी.

वहीं झांसी अग्निकांड में जान गंवाने वाले सभी 10 मृतकों की शिनाख्त कर प्रशासन ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई करते हुए सभी के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं. इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एनएस सेंगर ने बताया कि आग को बुझाने के लिए वैध सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया गया था, जो एक्सपायरी डेट के सिलेंडर वहां मिले थे वह रात को आग बुझाते समय स्टोर रूम से बाहर निकाले गए थे.

Photo Credit- ETV Bharat
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई (Photo Credit- ETV Bharat)

झांसी में हुए हादसे की जांच करेंगी चार सदस्यीय टीम : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना के बाद शनिवार को चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने तीन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जांच के निर्देश दिए हैं, इसमें आग लगने का प्राथमिक कारण क्या है, किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोष की पहचान (यदि कोई हो तो) आखिरी में भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं के बचाव के लिए इंतजाम हों.

झांसी में हुए अग्निकांड के बाद कमेटी गठित की गई है. इस कमेटी में चार सदस्य बनाए गए हैं, जिसमें एक अध्यक्ष और बाकी तीन सदस्य शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव की ओर से निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द कमेटी एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दें. यह जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होनी चाहिए. जांच कमेटी में महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को अध्यक्ष, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक (स्वास्थ्य) को सदस्य, अपर निदेशक, विद्युत, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं को सदस्य और अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी महानिदेशक को सदस्य बनाया गया है.

'शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की बात आ रही सामने' : झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड को लेकर जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे. 38 बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं, उनका इलाज चल रहा है. मृतकों में 7 बच्चों के शव परिजनों को सुपुर्द किए गए हैं. 3 बच्चों की शिनाख्त का प्रयास चल रहा है. एक बच्चा अभी मिसिंग है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है. डिटेल रिपोर्ट कमिश्नर व DIG सौंपेगे, तभी स्थिति स्पष्ट होगी.

जिला प्रशासन ने जारी की लिस्ट
जिला प्रशासन ने जारी की लिस्ट (Photo credit: Jhansi District Administration)

NHRC ने यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के एक मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत होने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है.

आयोग ने उनसे एक सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि रिपोर्ट में मामले में दर्ज एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को प्रदान किया जा रहा चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को मुआवजा आदि शामिल होना चाहिए.

यह भी पढ़ें : झांसी मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में आग, एक दिन से लेकर एक माह की उम्र के 10 बच्चों की मौत

यह भी पढ़ें : झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड; PM मोदी बोले- हृदयविदारक! योगी सरकार पीड़ित परिजनों को देगी 5-5 लाख

बच्चों का निःशुल्क इलाज : झांसी मेडिकल कॉलेज में घटित दुर्घटना में जिला प्रशासन के निर्देश पर सुरक्षित बच्चों को उपचार के लिए झांसी के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती किया गया, जहां पर प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों द्वारा भर्ती बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है. जिसके परीक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी शाम 07:00 बजे निजी अस्पताल में भर्ती किए गए बच्चों की स्थिति का जायज लिया गया.

निरीक्षण में अस्पताल के चिकित्सक डॉ प्रमोद कुमार गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में गठित घटना में सुरक्षित बच्चों में से 06 बच्चों का निःशुल्क उपचार निजी अस्पताल में किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर बच्चों को निःशुल्क इलाज के साथ ही बच्चों के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाएं भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.

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झांसी : यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में सबूतों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. अस्पताल में नए स्लिप लगे सिलेंडरों के मिलने से हड़कंप मच गया है. जिसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि आग को बुझाने के लिए वैध सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया गया था.

नए स्लिप लगे सिलेंडर मिलने पर मचा हड़कंप (Video credit: ETV Bharat)

स्थानीय मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था. देर रात आग लगने पर जब अग्नि सुरक्षा के लिए एनआईसीयू में रखे अग्निशमन यंत्रों से आग बुझाने का प्रयास किया गया तो वह यंत्र फेल हो गए, जिस कारण सही समय पर आग को बुझाया नहीं जा सका. इस मामले में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. परिजनों का आरोप था कि, अग्निशमन यंत्र काम ही नहीं किए, क्योंकि वह काफी पुराने थे और वह एक्सपायर भी हो चुके थे. सिलेंडरों पर जो स्लिप लगी थी उस पर 2019 और 2020 लिखा हुआ था, जिनको समय पर रिफिल न कराए जाने की बात सामने आई थी. जिसके बाद अब जो सिलेंडर रखे गए हैं, उन पर 2024 व 2025 अंकित है.

यह था मामला : झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था. इस भयानक अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी. चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया था. फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया था. कई थानों की पुलिस फोर्स भी मौके बुलानी पड़ी थी. अभी तक प्रशासन की ओर से 10 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई थी.

वहीं झांसी अग्निकांड में जान गंवाने वाले सभी 10 मृतकों की शिनाख्त कर प्रशासन ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई करते हुए सभी के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं. इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एनएस सेंगर ने बताया कि आग को बुझाने के लिए वैध सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया गया था, जो एक्सपायरी डेट के सिलेंडर वहां मिले थे वह रात को आग बुझाते समय स्टोर रूम से बाहर निकाले गए थे.

Photo Credit- ETV Bharat
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई (Photo Credit- ETV Bharat)

झांसी में हुए हादसे की जांच करेंगी चार सदस्यीय टीम : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना के बाद शनिवार को चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने तीन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जांच के निर्देश दिए हैं, इसमें आग लगने का प्राथमिक कारण क्या है, किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोष की पहचान (यदि कोई हो तो) आखिरी में भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं के बचाव के लिए इंतजाम हों.

झांसी में हुए अग्निकांड के बाद कमेटी गठित की गई है. इस कमेटी में चार सदस्य बनाए गए हैं, जिसमें एक अध्यक्ष और बाकी तीन सदस्य शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव की ओर से निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द कमेटी एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दें. यह जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होनी चाहिए. जांच कमेटी में महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को अध्यक्ष, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक (स्वास्थ्य) को सदस्य, अपर निदेशक, विद्युत, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं को सदस्य और अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी महानिदेशक को सदस्य बनाया गया है.

'शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की बात आ रही सामने' : झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड को लेकर जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे. 38 बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं, उनका इलाज चल रहा है. मृतकों में 7 बच्चों के शव परिजनों को सुपुर्द किए गए हैं. 3 बच्चों की शिनाख्त का प्रयास चल रहा है. एक बच्चा अभी मिसिंग है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है. डिटेल रिपोर्ट कमिश्नर व DIG सौंपेगे, तभी स्थिति स्पष्ट होगी.

जिला प्रशासन ने जारी की लिस्ट
जिला प्रशासन ने जारी की लिस्ट (Photo credit: Jhansi District Administration)

NHRC ने यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के एक मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत होने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है.

आयोग ने उनसे एक सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि रिपोर्ट में मामले में दर्ज एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को प्रदान किया जा रहा चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को मुआवजा आदि शामिल होना चाहिए.

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बच्चों का निःशुल्क इलाज : झांसी मेडिकल कॉलेज में घटित दुर्घटना में जिला प्रशासन के निर्देश पर सुरक्षित बच्चों को उपचार के लिए झांसी के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती किया गया, जहां पर प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों द्वारा भर्ती बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है. जिसके परीक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी शाम 07:00 बजे निजी अस्पताल में भर्ती किए गए बच्चों की स्थिति का जायज लिया गया.

निरीक्षण में अस्पताल के चिकित्सक डॉ प्रमोद कुमार गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में गठित घटना में सुरक्षित बच्चों में से 06 बच्चों का निःशुल्क उपचार निजी अस्पताल में किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर बच्चों को निःशुल्क इलाज के साथ ही बच्चों के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाएं भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.

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Last Updated : Nov 16, 2024, 9:38 PM IST
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