झांसी : यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में सबूतों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. अस्पताल में नए स्लिप लगे सिलेंडरों के मिलने से हड़कंप मच गया है. माना जा रहा है कि जांच के डर से एक्सपायरी सिलेंडरों को बदला गया है. जिसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि आग को बुझाने के लिए वैध सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया गया था.
स्थानीय मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था. देर रात आग लगने पर जब अग्नि सुरक्षा के लिए एनआईसीयू में रखे अग्निशमन यंत्रों से आग बुझाने का प्रयास किया गया तो वह यंत्र फेल हो गए, जिस कारण सही समय पर आग को बुझाया नहीं जा सका. इस मामले में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. परिजनों का आरोप था कि, अग्निशमन यंत्र काम ही नहीं किए, क्योंकि वह काफी पुराने थे और वह एक्सपायर भी हो चुके थे. सिलेंडरों पर जो स्लिप लगी थी उस पर 2019 और 2020 लिखा हुआ था, जिनको समय पर रिफिल न कराए जाने की बात सामने आई थी. जिसके बाद अब जो सिलेंडर रखे गए हैं, उन पर 2024 व 2025 अंकित है.
यह था मामला : झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था. इस भयानक अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी. चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया था. फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया था. कई थानों की पुलिस फोर्स भी मौके बुलानी पड़ी थी. अभी तक प्रशासन की ओर से 10 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई थी.
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एनएस सेंगर ने बताया कि आग को बुझाने के लिए वैध सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया गया था, जो एक्सपायरी डेट के सिलेंडर वहां मिले थे वह रात को आग बुझाते समय स्टोर रूम से बाहर निकाले गए थे.
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बनाई जांच कमेटी : झांसी मामले पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जांच कमेटी बनाई है. महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. निदेशक स्वास्थ्य एवं अग्निशमन से नामित अधिकारी व एक अपर निदेशक विद्युत विभाग के सदस्य होंगे. अध्यक्ष के साथ तीन सदस्य भी नामित हुए है. 7 दिन में जांच रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी.
'शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की बात आर रही सामने' : झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड को लेकर जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे. 38 बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं, उनका इलाज चल रहा है. मृतकों में 7 बच्चों के शव परिजनों को सुपुर्द किए गए हैं. 3 बच्चों की शिनाख्त का प्रयास चल रहा है. एक बच्चा अभी मिसिंग है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में शाॅर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है. डिटेल रिपोर्ट कमिश्नर व DIG सौंपेगे, तभी स्थिति स्पष्ट होगी.
NHRC ने यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के एक मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत होने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है. आयोग ने उनसे एक सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि रिपोर्ट में मामले में दर्ज एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को प्रदान किया जा रहा चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को मुआवजा आदि शामिल होना चाहिए.