ETV Bharat / state

सावन में भी खूंटी की कारो और छाता नदी में पर्याप्त पानी नहीं, नदियों से बालू दोहन का दुष्परिणाम - Illegal Sand Mining - ILLEGAL SAND MINING

Illegal lifting of sand in Khunti. खूंटी की नदियों से बालू के अवैध उठाव के कारण नदियां नाले में तब्दील हो रही हैं. सावन के महीने में भी नदियों में पर्याप्त पानी नहीं है. इस कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है.

Illegal Sand Mining
खूंटी में नदी की स्थिति. (फोटो-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 2, 2024, 3:03 PM IST

खूंटीः जिले में पर्याप्त बारिश नहीं होने से नदियों में पानी कम है. इस कारण कई नदियों का अस्तित्व ही समाप्त होने के कगार पर है. यह आने वाले भविष्य के लिए खतरे का संकेत हैं. जानकार बताते हैं कि जंगल, पहाड़ों और नदियों से बालू के अवैध उठाव के कारण मौसम का रुख बदल गया है. जंगलों की कटाई लकड़ी तस्कर कर रहे हैं, पहाड़ों की कटाई खनन माफिया और नदियों की कटाई बालू तस्कर कर रहे हैं. ऐसे में पर्यावरण के संतुलन पर गंभीर संकट पैदा हो गया है.

खूंटी में नदियों की स्थिति पर रिपोर्ट और जानकारी देते कृषि पदाधिकारी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सावन में भी नदियों में पर्याप्त पानी नहीं

पर्यावरण संकट के कारण सावन के महीने में भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. वहीं प्रकृति की बेरुखी की मार अब गरीब किसान और आम ग्रामीण झेलने को विवश हैं. नदियों में लगातार घटता जलस्तर भविष्य के जलसंकट का प्रमुख कारण बनता जा रहा है. नदियों में पानी की कमी के कारण सिर्फ खरीफ ही नहीं, रबी फसल की खेती पर संकट हो सकता है.

बालू के दोहन से नदियां हो रही नाले में तब्दील

नदियों में पानी रहे और नदियां नाले में तब्दील न हो इसके लिए शासन-प्रशासन के साथ साथ आम ग्रामीण को भी सजग होने की आवश्यकता है. अधिकारी भी मानते हैं कि वनों की कटाई और बालू का दोहन इसका मुख्य कारण है. बालू के दोहन के कारण नदियों में जल धारण की क्षमता कम हो जाती है और भू जल स्तर में कमी आ जाती है. इसके कारण गर्मियों में पानी जल्दी सूखने लगता है.

नदियों की स्थिति देख किसानों की चिंता बढ़ी

मानसून की बेरुखी और नदियों की स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. मानसून के दौरान भी अच्छी बारिश नहीं होने से नदियों में पर्याप्त पानी नहीं है. इसके अलावा भी कई कारक हैं, जो नदियों के सूखने की वजह बनी है.वहीं जिले के कारो और छाता नदी में भी पर्याप्त पानी नहीं है.

नदियों से अवैध बालू का उठाव रोकना जरूरीः कृषि पदाधिकारी

इस संबंध में खूंटी के कृषि पदाधिकारी संतोष लकड़ा बताते हैं कि जिले में पेड़ों की कटाई और नदियों में अवैध बालू का दोहन होने के कारण नदियां सूख रही हैं. लकड़ी तस्कर पेड़ काट ले गए तो बालू तस्करों ने नदियों को खोखला कर दिया.

इस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है. प्रकृति संतुलन को बनाए रखने के लिए बालू दोहन और पेड़ों की कटाई रोकनी पड़ेगी.उन्होंने किसान भाइयों से अपील की है कि बालू का दोहन न होने दें. साथ ही पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए आगे आएं और अधिक से अधिक पौधरोपण करें.

ये भी पढ़ें-

सुखाड़ की ओर बढ़ता खूंटी! उम्मीद से बहुत कम हो रही धान रोपाई - Fear of drought due to lack of rain

अवैध बालू लदे 12 हाइवा को ग्रामीणों ने पकड़ा, किया पुलिस के हवाले

बेफिक्र और बेधड़क बालू माफियाः दिनदहाड़े नदियों से हो रहा बालू का अवैध उठाव, प्रशासन मौन! - Illegal Sand Mining

खूंटीः जिले में पर्याप्त बारिश नहीं होने से नदियों में पानी कम है. इस कारण कई नदियों का अस्तित्व ही समाप्त होने के कगार पर है. यह आने वाले भविष्य के लिए खतरे का संकेत हैं. जानकार बताते हैं कि जंगल, पहाड़ों और नदियों से बालू के अवैध उठाव के कारण मौसम का रुख बदल गया है. जंगलों की कटाई लकड़ी तस्कर कर रहे हैं, पहाड़ों की कटाई खनन माफिया और नदियों की कटाई बालू तस्कर कर रहे हैं. ऐसे में पर्यावरण के संतुलन पर गंभीर संकट पैदा हो गया है.

खूंटी में नदियों की स्थिति पर रिपोर्ट और जानकारी देते कृषि पदाधिकारी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सावन में भी नदियों में पर्याप्त पानी नहीं

पर्यावरण संकट के कारण सावन के महीने में भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. वहीं प्रकृति की बेरुखी की मार अब गरीब किसान और आम ग्रामीण झेलने को विवश हैं. नदियों में लगातार घटता जलस्तर भविष्य के जलसंकट का प्रमुख कारण बनता जा रहा है. नदियों में पानी की कमी के कारण सिर्फ खरीफ ही नहीं, रबी फसल की खेती पर संकट हो सकता है.

बालू के दोहन से नदियां हो रही नाले में तब्दील

नदियों में पानी रहे और नदियां नाले में तब्दील न हो इसके लिए शासन-प्रशासन के साथ साथ आम ग्रामीण को भी सजग होने की आवश्यकता है. अधिकारी भी मानते हैं कि वनों की कटाई और बालू का दोहन इसका मुख्य कारण है. बालू के दोहन के कारण नदियों में जल धारण की क्षमता कम हो जाती है और भू जल स्तर में कमी आ जाती है. इसके कारण गर्मियों में पानी जल्दी सूखने लगता है.

नदियों की स्थिति देख किसानों की चिंता बढ़ी

मानसून की बेरुखी और नदियों की स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. मानसून के दौरान भी अच्छी बारिश नहीं होने से नदियों में पर्याप्त पानी नहीं है. इसके अलावा भी कई कारक हैं, जो नदियों के सूखने की वजह बनी है.वहीं जिले के कारो और छाता नदी में भी पर्याप्त पानी नहीं है.

नदियों से अवैध बालू का उठाव रोकना जरूरीः कृषि पदाधिकारी

इस संबंध में खूंटी के कृषि पदाधिकारी संतोष लकड़ा बताते हैं कि जिले में पेड़ों की कटाई और नदियों में अवैध बालू का दोहन होने के कारण नदियां सूख रही हैं. लकड़ी तस्कर पेड़ काट ले गए तो बालू तस्करों ने नदियों को खोखला कर दिया.

इस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है. प्रकृति संतुलन को बनाए रखने के लिए बालू दोहन और पेड़ों की कटाई रोकनी पड़ेगी.उन्होंने किसान भाइयों से अपील की है कि बालू का दोहन न होने दें. साथ ही पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए आगे आएं और अधिक से अधिक पौधरोपण करें.

ये भी पढ़ें-

सुखाड़ की ओर बढ़ता खूंटी! उम्मीद से बहुत कम हो रही धान रोपाई - Fear of drought due to lack of rain

अवैध बालू लदे 12 हाइवा को ग्रामीणों ने पकड़ा, किया पुलिस के हवाले

बेफिक्र और बेधड़क बालू माफियाः दिनदहाड़े नदियों से हो रहा बालू का अवैध उठाव, प्रशासन मौन! - Illegal Sand Mining

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.