लखनऊ: विपक्षी दल अक्सर भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा धोखेबाज है. अपने सहयोगियों से काम निकालने के बाद उन्हें ही ठिकाने लगा देती है. देखा जाए तो विपक्षी दलों के आरोप राजा भैया के साथ सही साबित हो रहे हैं.
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि राजा भैया ने लोकसभा चुनाव में प्रतापगढ़ और कौशांबी सीट पर इसीलिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन देने का मैसेज अपने समर्थकों को भेजा क्योंकि, उनकी भारतीय जनता पार्टी से डील नहीं हो पाई.
राजा भैया अब तक तीन बार भाजपा से धोखा खा चुके हैं. अब उन्हें और धोखा बर्दाश्त नहीं है. ध्यान देने वाली बात यह है कि राजा भैया ने यह कदम तब उठाया है, जब वह हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं.
माना जाने लगा था कि इस मुलाकात के बाद उनका समर्थन बीजेपी के प्रत्याशियों के साथ होगा. लेकिन, बीजेपी से धोखा खाने वाले राजा भैया ने इस बार बीजेपी को ही धोखा दे दिया.
भाजपा ने 2018 में राजा भैया से पहली बार मांगा समर्थन: सूत्रों की मानें तो 2018 में राज्यसभा चुनाव के समय राजा भैया से कहा गया था कि समर्थन के बाद उनको सम्मान मिलेगा. सरकार के स्तर पर सहयोग और भागीदारी दी जाएगी. इसके बाद राजा की तरफ से लगातार भाजपा की नीतियों को सराहने का काम भी जारी रहा. फिर विधान परिषद चुनाव में राजा का समर्थन मांगा गया. कहा गया कि आपको पूरा सम्मान दिया जाएगा. लेकिन, फिर कुछ नहीं किया गया.
राज्यसभा चुनाव 2024 में भी राजा भैया से समर्थन लिया: राज्यसभा चुनाव 2024 के समय एक बार फिर से भाजपा को राजा भैया के समर्थन की जरूरत महसूस हुई. भरोसा दिलाया गया था कि समर्थन की सख्त जरूरत है, इस बार कोई चूक नहीं होगी. वहीं सपा नेतृत्व की तरफ से नरेश उत्तम पटेल को भी भेजकर राजा भैया का समर्थन मांगा गया लेकिन, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को वोट किया. बावजूद इसके राजा को कोई सम्मान नहीं दिया गया. इससे लगातार राजा अंदरखाने नाराज रहे.
राजा भैया करते रहे मोदी-योगी की तारीफ: राजा भैया कई मौके पर पीएम मोदी, भाजपा सरकार की नीतियों और सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते रहे हैं. कुछ दिन पहले बेंगलुरु में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात में राजा ने अपनी सारी बातें और पूर्व में किए गए वादे भी गिनाए.
अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में समर्थन के लिए कहा: सूत्रों का दावा है कि राजा भैया से बातचीत में कहा गया कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार में हिस्सेदारी दी जाएगी. अभी तीनों सीटों पर भाजपा को समर्थन दीजिये. इसके बाद राजा भैया ने कुंडा में अपनी पार्टी और करीबी लोगों की बैठक बुलाई और उनके साथ बातचीत की.
समर्थन के बाद भी कुछ नहीं मिलने पर राजा भैया अलग हो गए: बैठक में पूर्व में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा हुई बातचीत, वादे और भरोसा के बावजूद कुछ न किए जाने और धोखा मिलने को लेकर चर्चा की गई. राजा भैया ने कहा कि जिस दल के प्रत्याशी को आप कसौटी पर खरा पाते हों, उसको वोट देने का फैसला करें, स्वतंत्र रूप से आपको जो प्रत्याशी पंसद हो, उसे वोट कर सकते हैं.
सूत्र बताते हैं कि राजा की महत्वपूर्ण बैठक में ही सहमति बनी कि राजा और उनके लोगों का समर्थन भाजपा को नहीं दिया जाएगा. इसी बैठक में उन्होंने सबसे अपनी इच्छा के अनुसार मतदान करने की बात भी कही. बैठक के बाद कुछ महत्वपूर्ण लोगों से राजा भैया ने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की बात कही.
डील नहीं हो पाने पर राजा भैया ने सपा को समर्थन देने का गुपचुप तरीके से किया ऐलान: इसके बाद राजा से जुड़े सभी लोगों तक राजा का समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का मैसेज भिजवा दिया गया. उन्होंने अपने समर्थकों को यह मैसेज भिजवा दिया कि वह कौशांबी व प्रतापगढ़ में सपा के प्रत्याशियों का समर्थन करें. हालांकि इस पूरे मामले में राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक व खुद राजा की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के साथ कौशांबी से भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर ने राजा भैया से उनके कुंडा आवास पर जाकर मुलाकात की और उनसे समर्थन मांगा था. इसके अलावा सपा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज ने भी राजा से मुलाकात की थी.
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