अलवर: बाघ परियोजना सरिस्का में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा. तमिलनाडु की सेवा प्रदाता कम्पनी की ओर से सरिस्का में इलेक्ट्रिक बैटरी आपरेटेड वातानुकूलित मिनी बस का परीक्षण के तौर पर ट्रायल लिया गया. इसका सदर गेट सरिस्का से पांडुपोल तक संचालन संतोषप्रद रहा. अब कम्पनी की ओर से सरिस्का में बसों के संचालन एवं किराए आदि की रिपोर्ट सौंपी जानी है. इसके बाद सरिस्का में इलेक्टिक बसों का संचालन शुरू हो सकेगा.
सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण में बाघ परियोजना सरिस्का में पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है. इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए सरिस्का में गत 10 दिसम्बर को तमिलनाडु की कम्पनी के प्रतिनिधि विनोद ओसवाल की ओर से एक इलेक्ट्रिक बेटरी आपरेटेड वातानुकूलित मिनी बस 14 सीटर सरिस्का मुख्यालय लाई गई.
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3 घंटे का समय लगा: इस इलेक्टिक मिनी बस का परीक्षण के तौर पर सरिस्का डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने भौतिक निरीक्षण किया और सदर गेट सरिस्का से पांडुपोल तक स्थानीय स्टाफ के साथ इलेक्टिक बस में सफर किया. करीब 20 किलोमीटर का यह सफर संतोषप्रद रहा. डीएफओ सहारण ने बताया कि मिनी इलेक्टिक बस से सफर में करीब 3 घंटे का समय लगा. इलेक्टिक मिनी बस को एक बार चार्ज करने पर 60 से 70 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है.
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दर्शनार्थियों के लिए होगा ईवी बसों का संचालन: सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि आगामी समय में पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए इलेक्ट्रिक बैटरी आपरेटेड वातानुकूुलित बस, मिनी बस का संचालन सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम आदेशानुसार किया जाएगा. फर्म की ओर से इलेक्ट्रिक बसों के लिए गए ट्रायल के बाद लागत एवं किराया निर्धारण करने के लिए रिपोर्ट दी जाएगी. इसके बाद ही सरिस्का में इलेक्टिक वाहनों के संचालन के लिए अग्रिम निर्णय किया जाएगा.