कोरबा: जिले के वनांचल क्षेत्र में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा आदिवासी रहते हैं. लाख प्रयास के बाद भी उनका जीवन स्तर नहीं सुधरा है. जिले के कोरबा विकासखंड में गांव अजगरबहार के समय पहाड़ी कोरवाओं का एक गांव बाघमारा है. यहां के कोरवा आज भी बरसाती नाले के पास मौजूद ढोढ़ी के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया. फिलहाल इस गांव का हैंडपंप ठीक कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों के चेहरे खिल गए हैं.
एक साल से खराब था हैडपंप: इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बाघमारा गांव के ग्रामीण समय दास ने कहा कि, "गांव का हैंडपंप 1 साल से भी अधिक समय से खराब था. अब जाकर हैंडपंप से पानी आना शुरू हुआ है. कुछ दिन पहले आप लोगों ने इसकी खबर बनाई थी, गांव के ग्रामीणों ने इस बारे में बताया था कि कैसे वह ढोडी से पानी लाकर इसका उपयोग करते हैं. इसके बाद हैंडपंप को ठीक कर दिया गया है. अब इसमें से हमें बर्तन धोने, नहाने जैसी रोजमर्रा की जरूरत के लिए पानी मिल रहा है. हालांकि इसका पानी अभी लाल है और पीने योग्य नहीं है. लेकिन धीरे-धीरे वह साफ हो जाएगा. ग्रामीणों की नदी किनारे स्थित ढोढ़ी पर जो निर्भरता थी. वह कम हुई है. अब हम इस हैंडपंप से निकले पानी का उपयोग कर रहे हैं. काफी राहत मिली है."
गांव बाघमार में हैंडपंप खराब होने की जानकारी हमें मिली थी. अधिकारियों के माध्यम से गांव के हैंडपंप को ठीक कर दिया गया है, जिससे कि ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मिल सके. -अजीत वसंत, कलेक्टर
जल जीवन मिशन के नल शुरू होने से मिलेगी पूरी सुविधा: ग्रामीणों की मानें तो गांव में जल जीवन मिशन के तहत जो नल लगे हैं. उनमें फिलहाल पानी नहीं आ रहा है, जिसके शुरू होते ही गांव में पानी की पूरी तरह से सुविधा मिल जाएगी. ढोढ़ी जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. इस बारे में पूर्व में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन अभियंता अनिल कुमार ने बताया था कि, "गांव में जल जीवन मिशन के तहत नल लगा दिए गए हैं. तकनीकी दिक्कतों की वजह से अभी पानी नहीं पहुंचाया जा सकता है. आचार संहिता के बाद इस पर काम शुरू होगा." 7 मई को कोरबा लोकसभा में मतदान हो चुके हैं. देखना होगा कि अब विभाग कितने तेजी से जल जीवन मिशन के काम को पूरा करवाता है.