रांची/खूंटीः झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा का गांव हमेशा राजनीति के केंद्र में रहा है. उलिहातू जिस तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है वहां के मौजूदा विधायक के लिए इस बार राह आसान नहीं है. क्योंकि इस बार यहां का सियासी समीकरण घर से निकल रहा है.
उलिहातू से राजनीति की शुरुआत कर नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले तमाड़ से झामुमो विधायक विकास सिंह मुंडा के सामने चुनौतियां काफी हैं. एक तरफ उनके पिता सह पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के आरोपी रहे गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर चुनावी मैदान में होंगे. दूसरी तरफ विकास सिंह मुंडा के भाई राजकुमार मुंडा अपने भाई के खिलाफ झापा से चुनाव लड़ेंगे.
ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में विकास सिंह मुंडा ने चुनावी चुनौती के साथ-साथ क्षेत्र में किये विकास कार्यों और नक्सलवाद के सफाए को लेकर दिए बयान में कई खुलासे किए हैं. इस बातचीत में उन्होंने दावा किया है कि पहले जैसी चुनौतियां अब नहीं रहीं. जितनी परेशानी हमने पहले झेली है उस परेशानियों के सामने यह बहुत छोटा है. उन्होंने कहा कि हमने डर के माहौल में राजनीति शुरू की थी, तब जाकर आज थोड़ा सा माहौल बदला है.
10 साल में खूब हुआ विकास
विधायक विकास सिंह मुंडा ने दावा किया है कि अपने विधानसभा क्षेत्र में 10 साल में उन्होंने विकास की गंगा बहा दी है. भगवान बिरसा मुंडा के गांव कभी विकास की बाट जोह रहा था वहां से लेकर तमाड़ और बुंडू क्षेत्रों में कई बड़े योजनाओं से क्षेत्र के लोगों को लाभान्वित किया है. उलिहातू में पेयजलापूर्ति योजना की शुरुआत की और आज वहां के लोगों को समय पर पानी उपलब्ध हो रहा है. गर्मी के दिनों में होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने का काम जारी है जल्द ही पूर्ण हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कई योजनाएं किसी कारणवश पूरा नहीं हो सका, जिसका उन्हें मलाल है.
नक्सलवाद के आगे हर चुनौती छोटी
नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई के दौरान बड़ी चुनौतियां थी तो वक्त जीत गया आज उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है. भाजपा, आजसू और जदयू के समर्थन से जदयू के राजा पीटर उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है. उन्होंने बताया कि दो बार के चुनाव में विरोधियों को बड़े अंतरों से हराकर उन्होंने जीत हासिल की. पहली बार 26 हजार और दूसरी बार 31000 वोटों से चुनाव जीते, ये चुनाव भी बड़े अंतरों से जीतेंगे. तीनो दलों के गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए विकास सिंह मुंडा ने कहा कि 2019 के चुनाव के बाद राज्य में जितने उपचुनाव हुए थे उसमें इंडिया गठबंधन जीता, भाजपा के सहयोगी दल जब अलग-अलग होते है तो कहते हैं कि अलग अलग थे इसलिए जीत गए. लेकिन जब साथ में रहकर हार जाते है तब उनका कोई जवाब नहीं आता है.
भाजपा पर साधा निशाना
विधायक विकास सिंह मुंडा ने भाजपा के सहयोगी दलों पर कई आरोप भी लगाए. उन्होनें कहा कि भाजपा, आजसू और जदयू किसी भी तरह का गठजोड़ कर लें, यह लोग चुनाव जीतने के लिए किसी का भी सहारा ले सकते हैं. वो चाहे वह हत्यारा हो, दुष्कर्मी हो या कितने भी बड़े अपराध करके क्यों नहीं आया हो उसे भाजपा के वॉशिंग मशीन से दाग धब्बे धूल जाएंगे. भाजपा की चाल और चरित्र को समझती है और ऐसे लोगों को जनता ने नकारा है, चाहे वह कुंदन पहान हो या राजा पीटर. उन्होंने दावा किया है कि इस बार भी जनता ऐसा ही प्रदर्शन करके दिखाएगी.
विधायक विकास मुंडा के भाई राजकुमार मुंडा के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि चुनाव लड़ना सबका अधिकार है, कोई भी चुनाव लड़ सकता है और जनता अपने कसौटी पर सबको आंकती है. इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है, राजनीति में कई ऐसे उदाहरण है कि एक ही परिवार में कई लोग अलग अलग पार्टियों में रहते हैं. उन्होंने कहा कि हमने उस चुनौती का दौर देखा है जहां डर के माहौल में राजनीतिक शुरू की, उस वक्त राजनीति करने के लिए हजार बार लोग सोचते थे कि राजनीति करना है या नहीं. एक समय ऐसा था कि कोई बाहर निकलता नहीं था, नेता और कार्यकर्ता ढूंढने पड़ते थे. इसलिए जितनी परेशानी हमने झेली है उस परेशानियों के सामने बहुत छोटी है.
नक्सलवाद से राज्य और देश बर्बाद हुआ
विधायक विकास सिंह मुंडा ने कहा कि वे हमेशा नक्सलवाद के खिलाफ लड़ते रहे हैं, नक्सलवाद से सिर्फ हमें नुकसान नहीं हुआ है. नक्सलवाद से राज्य और देश भी बर्बाद हुआ है. इस नक्सल से सिर्फ हमने अपने पिता को ही नहीं खोया बल्कि पूरा समाज इससे प्रभावित हुआ. एक समय था जब इस क्षेत्र के लोगों को गलत नजरिए देखते थे. एक समय मे बुंडू और तमाड़ के निवासी जानने के बाद कोई बात नहीं करता था और किसी तरह का काम नहीं देता था. उसी नकारात्मक छवि को धोने का काम हम लोगों ने किया है जिसका नतीजा है कि क्षेत्र में आज नक्सलवाद में कमी आई है और क्षेत्र नक्सल के भय से भयमुक्त हुआ है. सिर्फ क्षेत्र से नहीं बल्कि पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा होना जरूरी है.
विकास सिंह मुंडा का सियासी सफर
विकास सिंह मुंडा, झारखंड के सरकार के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा के पुत्र हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में तमाड़ सीट से आजसू की टिकट पर विकास सिंह मुंडा ने जीत दर्ज की थी. हालांकि वर्तमान में विकास झामुमो से विधायक हैं. लेकिन उसके बाद से इस सीट पर आजसू का कैंडिडेट नहीं जीत पाया. 2019 के चुनाव में आजसू से राम दुर्लभ सिंह मुंडा चुनाव लड़े थे, लेकिन झामुमो के उम्मीदवार विकास मुंडा ने उन्हें हरा दिया था.
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