शिमला: हिमाचल में बीती रात पांच जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई है. जिसमें मूसलाधार बारिश से नालों में आए पानी के प्रवाह ने लोगों को कभी न भूलने वाले जख्म दिए हैं. छोटे पहाड़ी राज्य में बारिश से मची तबाही के बाद लोगों की नम आंखे मलबे के ढेरों में अपनों को जीवित होने की उम्मीद से तलाश रही है. बादल फटने के बाद आई भीषण बाढ़ ने किसी ने अपने माता-पिता तो किसी ने अपने भाई और बहन को खोया है. ऐसे में लोग भगवान से अपनों के सही सलामत होने की दुआ मांग रहे हैं. बादल फटने की घटना से सबसे अधिक तबाही शिमला जिले के तहत झाकड़ी का समेज क्षेत्र में मचाई है. इस घटना के बाद हिमाचल सरकार की आगे की क्या तैयारी है? इसको लेकर ईटीवी भारत ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की.
जीवन बचाना पहली प्राथमिकता: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बादल फटने के बाद पैदा हुए हालातों से निपटना बड़ी चुनौती है. प्रदेश में पांच जगहों पर बादल फटने की घटना घटी है. जिसमें अभी तक 50 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. वहीं, अभी तक 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. लापता लोगों को ढूंढने का प्रयास लगातार जारी है. अभी सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों के जीवन को बचाने की है. इसके बाद आपदा को लेकर केंद्र से मामला उठाया जाएगा. जिसमें हिमाचल में मची तबाही को लेकर सहायता का आग्रह किया जाएगा.
अकेले रामपुर ने 36 लोगों के लापता होने की सूचना: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बादल फटने की घटना से एक ही जगह पर अधिक पानी का बहाव आ जाता है, जिस गांव में ये घटना घटती है, वहां पर सबसे अधिक नुकसान होता है. प्रदेश में बीती रात को बादल फटने की पांच घटनाएं हुई है, जिसमें सबसे अधिक नुकसान रामपुर में हुआ है. जहां पर पानी के तेज बहाव के साथ 36 लोगों के लापता होने की खबर है. ये घटना सुबह 4:30 से 5 बजे के बीच की है. जिसके बाद संबंधित जिला के डीसी घटनास्थल पर पहुंचे. स्थानीय विधायक भी मौके पर राहत कार्य का जायजा के रहे हैं. सरकार आपदा के बाद पैदा हुए हालातों की चुनौतियों से निपटने का पूरा प्रयास कर रही है.
सीएम ने अमित शाह से की बात: बता दें कि सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य एवं जिला स्तर पर आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं. इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं. ये केंद्र रात-दिन कार्यशील रहेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में भारी वर्षा और बादल फटने के कारण उत्पन्न स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से उनकी फोन पर बात हुई है. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के हालातों से सभी को अवगत कराया है.
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