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जिला सहकारी बैंक में 25 करोड़ का घोटाला, महिला बैंक मैनेजर समेत 2 अन्य गिरफ्तार, अन्य आरोपी भी पुलिस के रडार पर - District Cooperative Bank scam - DISTRICT COOPERATIVE BANK SCAM

इटावा जिला सहकारी बैंक में 25 करोड़ का घोटाला हुआ था. 5 साल तक ये घोटाला चलता रहा. जांच के बाद कई लोगों पर गाज गिरी. पुलिस की जांच जारी है. कई अन्य आरोपी भी पुलिस के रडार पर हैं.

पुलिस कई अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है.
पुलिस कई अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 11:02 AM IST

इटावा : जिला सहकारी बैंक में हुए 25 करोड़ रुपये के के घोटाले में पुलिस ने महिला बैंक मैनेजर और पूर्व प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले भी अलग-अलग दिनों में करीब 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पूर्व प्रधान के खाते में 2.28 करोड़ रुपए भेजे गए थे. पुलिस की छानबीन के बाद यह कार्रवाई की. घोटाले की शिकायत पर लंबे समय से चली जांच के बाद महाप्रबंधक उमेश कुमार व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक राजीव त्रिपाठी ने 17 जुलाई को 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. घोटाले में शामिल अन्य आरोपी पुलिस के रडार पर हैं. जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है.

शुक्रवार को पुलिस ने बैंक की शाखा प्रबंधक रहीं सुनीता और कुनैठी भरथना के पूर्व प्रधान प्रभात कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया. दोनों को कोर्ट में पेश किया गया. यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. घोटाले में सुनीता की आईडी इस्तेमाल की गई थी. इसके चलते एफआईआर में उनका नाम था. पुलिस को जांच में पता चला कि प्रभात कुमार के खाते में भी घोटाले की रकम से 2.28 करोड़ रुपए भेजे गए थे. बाद में इसे निकाल लिया गया था. अन पुलिस अन्य आरोपियों को भी सलाखों के पीछे भेजने की जुगत में जुट गई है.

एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि मामले में कई आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं. छानबीन अभी जारी है और अभी और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है. इससे पहले इटावा पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था. घोटाले में जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और उनके पिता भी शामिल थे. एसएसपी के अनुसार जिला सहकारी बैंक के निलंबित शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी ने अपने पिता शैलेंद्र चतुर्वेदी, मां ऊषा चतुर्वेदी, पत्नी मालती चतुर्वेदी और शहर के मशहूर सर्राफा कारोबारी उज्जवल पोरवाल के खाते में मोटी रकम जमा कराई थी. इसके आधार पर इनकी गिरफ्तारी हुई थी.

बैंक में घोटाले का यह मामला साल 2018 से लेकर 2023 तक का है. दिसंबर 2023 में आई शिकायत पर पहले प्राथमिक जांच कराएगी गई थी. इसमें मामला सही पाए जाने पर दो कर्मचारी वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और कैशियर नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की जांच कराई गई. अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें : हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाला; पूर्व IAS मोहिंदर सिंह को ED ने फिर से भेजा नोटिस, 5 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया

इटावा : जिला सहकारी बैंक में हुए 25 करोड़ रुपये के के घोटाले में पुलिस ने महिला बैंक मैनेजर और पूर्व प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले भी अलग-अलग दिनों में करीब 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पूर्व प्रधान के खाते में 2.28 करोड़ रुपए भेजे गए थे. पुलिस की छानबीन के बाद यह कार्रवाई की. घोटाले की शिकायत पर लंबे समय से चली जांच के बाद महाप्रबंधक उमेश कुमार व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक राजीव त्रिपाठी ने 17 जुलाई को 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. घोटाले में शामिल अन्य आरोपी पुलिस के रडार पर हैं. जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है.

शुक्रवार को पुलिस ने बैंक की शाखा प्रबंधक रहीं सुनीता और कुनैठी भरथना के पूर्व प्रधान प्रभात कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया. दोनों को कोर्ट में पेश किया गया. यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. घोटाले में सुनीता की आईडी इस्तेमाल की गई थी. इसके चलते एफआईआर में उनका नाम था. पुलिस को जांच में पता चला कि प्रभात कुमार के खाते में भी घोटाले की रकम से 2.28 करोड़ रुपए भेजे गए थे. बाद में इसे निकाल लिया गया था. अन पुलिस अन्य आरोपियों को भी सलाखों के पीछे भेजने की जुगत में जुट गई है.

एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि मामले में कई आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं. छानबीन अभी जारी है और अभी और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है. इससे पहले इटावा पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था. घोटाले में जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और उनके पिता भी शामिल थे. एसएसपी के अनुसार जिला सहकारी बैंक के निलंबित शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी ने अपने पिता शैलेंद्र चतुर्वेदी, मां ऊषा चतुर्वेदी, पत्नी मालती चतुर्वेदी और शहर के मशहूर सर्राफा कारोबारी उज्जवल पोरवाल के खाते में मोटी रकम जमा कराई थी. इसके आधार पर इनकी गिरफ्तारी हुई थी.

बैंक में घोटाले का यह मामला साल 2018 से लेकर 2023 तक का है. दिसंबर 2023 में आई शिकायत पर पहले प्राथमिक जांच कराएगी गई थी. इसमें मामला सही पाए जाने पर दो कर्मचारी वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और कैशियर नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की जांच कराई गई. अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया था.

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