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चमोली में माता-पिता खो चुके खैनुरी गांव के तीन बच्चे, रुला देगी मासूमों की कहानी, अब पहुंचने लगी मदद - CHAMOLI ORPHAN CHILDREN HELP

चमोली में खैनुरी गांव में तीन बच्चों के सिर से उठ चुका माता-पिता का साया, अनाथ बच्चों तक पहुंचाई गई मदद

CHAMOLI ORPHAN CHILDREN HELP
खैनुरी गांव के अनाथ बच्चों की मदद (फोटो सोर्स- Information Department)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 15, 2024, 5:48 PM IST

Updated : Dec 16, 2024, 7:49 PM IST

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में माता-पिता का साया उठने के बाद परेशानियों में जीवन यापन करने को मजबूर तीन अनाथ बच्चों तक मदद पहुंच चुकी है. सीएम धामी के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने गांव पहुंचकर अनाथ बच्चों के भरण पोषण और सर्दी से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री सौंपी. वहीं, सीएम पुष्कर धामी ने अनाथ बच्चों को सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

माता-पिता की हो चुकी मौत: जानकारी के मुताबिक, चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के खैनुरी गांव निवासी नैन सिंह की इसी साल यानी 2024 को अक्टूबर महीने में बीमारी से मौत हो गई. जबकि, उनकी पत्नी कुसुम देवी की मौत साल 2020 में हो गई थी. ऐसे में उनकी दो बेटियां संजना और साक्षी के साथ ही एक बेटा आयुष बेसहारा हो गए.

खैनुरी गांव के बच्चों की पीड़ा (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

हालांकि, ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिंह के साथ ही ग्रामीणों की ओर से बच्चों का सहारा दिया जा रहा है, लेकिन मां-पिता का साया उठने के बाद बच्चों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. तीनों बच्चे स्कूल भी जाते हैं, लेकिन घर चलाना मुश्किल है. घर के काम से लेकर खेती बाड़ी भी इन्हें करना पड़ता है.

स्कूल जाते हैं तीनों बच्चे: संजना की उम्र 16 साल, साक्षी की उम्र 14 साल और आयुष 10 साल का है. संजना अभी गांव के ही सरकारी इंटर कॉलेज में दसवीं की छात्रा हैं. जबकि, उसकी छोटी बहन साक्षी कक्षा 9 में पढ़ती है. वहीं, उनका भाई आयुष गांव के ही प्राइमरी स्कूल की चौथी क्लास में पढ़ाई करता है.

Chamoli Orphan Children Help
माता-पिता का साया खो चुके बच्चे (फोटो सोर्स- Information Department)

सीएम धामी ने पहुंचाई मदद: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लिया. जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को बच्चों की त्वरित सहायता समेत अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए. जिस पर रविवार को राजस्व निरीक्षक अनुज बंडवाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने बच्चों के घर पहुंची.

प्रशासन की टीम ने सर्दी से बचाव के लिए बच्चों को कंबल, गर्म कपड़े, फल और पोषण की अन्य सामग्रियां सौंपी. इस दौरान राजस्व निरीक्षक अनुज बंडवाल ने उनके आवास के साथ ही शौचालय का भी निरीक्षण किया. उन्होंने सरकार और प्रशासन की ओर से अनाथ हो चुके बच्चों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है.

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माता-पिता की हो चुकी मौत: जानकारी के मुताबिक, चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के खैनुरी गांव निवासी नैन सिंह की इसी साल यानी 2024 को अक्टूबर महीने में बीमारी से मौत हो गई. जबकि, उनकी पत्नी कुसुम देवी की मौत साल 2020 में हो गई थी. ऐसे में उनकी दो बेटियां संजना और साक्षी के साथ ही एक बेटा आयुष बेसहारा हो गए.

खैनुरी गांव के बच्चों की पीड़ा (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

हालांकि, ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिंह के साथ ही ग्रामीणों की ओर से बच्चों का सहारा दिया जा रहा है, लेकिन मां-पिता का साया उठने के बाद बच्चों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. तीनों बच्चे स्कूल भी जाते हैं, लेकिन घर चलाना मुश्किल है. घर के काम से लेकर खेती बाड़ी भी इन्हें करना पड़ता है.

स्कूल जाते हैं तीनों बच्चे: संजना की उम्र 16 साल, साक्षी की उम्र 14 साल और आयुष 10 साल का है. संजना अभी गांव के ही सरकारी इंटर कॉलेज में दसवीं की छात्रा हैं. जबकि, उसकी छोटी बहन साक्षी कक्षा 9 में पढ़ती है. वहीं, उनका भाई आयुष गांव के ही प्राइमरी स्कूल की चौथी क्लास में पढ़ाई करता है.

Chamoli Orphan Children Help
माता-पिता का साया खो चुके बच्चे (फोटो सोर्स- Information Department)

सीएम धामी ने पहुंचाई मदद: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लिया. जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को बच्चों की त्वरित सहायता समेत अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए. जिस पर रविवार को राजस्व निरीक्षक अनुज बंडवाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने बच्चों के घर पहुंची.

प्रशासन की टीम ने सर्दी से बचाव के लिए बच्चों को कंबल, गर्म कपड़े, फल और पोषण की अन्य सामग्रियां सौंपी. इस दौरान राजस्व निरीक्षक अनुज बंडवाल ने उनके आवास के साथ ही शौचालय का भी निरीक्षण किया. उन्होंने सरकार और प्रशासन की ओर से अनाथ हो चुके बच्चों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है.

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Last Updated : Dec 16, 2024, 7:49 PM IST
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