लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसान आंदोलन के बीच में बड़ा फैसला लिया है. राज्य में अगले छह महीने के लिए किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है. हड़ताल करने की दशा में एस्मा कानून के तहत बिना वारंट के गिरफ्तारी की जा सकेगी. सरकार के इसकड़े फैसले के बाद सभी विभागों और संबंधित यूनियनों को पत्र जारी किए जा रहे हैं कि अगले 6 महीने तक भी हड़ताल से दूर रहें. इन छह महीने में से करीब साढ़े तीन महीने चुनावी अधिसूचना का दौर रहेगा. सरकार के इस फैसले को लेकर निकट भविष्य में खासतौर से कर्मचारी यूनियनों की ओर से बड़ी प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं.
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि छह महीने की इस रोक को लगाने के लिए सरकार ने एस्मा कानून की मदद ली है. कुछ समय पहले बिजली विभाग में जब कर्मचारी हड़ताल पर गए थे तब भी इसी तरह की व्यवस्था को उत्तर प्रदेश में लागू किया गया था. सरकार की ओर से सभी विभागों को इस संबंध में सूचित किया जा रहा है कि अपने-अपने कर्मचारियों को इस बात के स्पष्ट निर्देश दे दिए जाएं कि इस दौरान में किसी भी हड़ताल पर न जाएं. अगस्त महीने तक यह व्यवस्था कायम रहेगी. सरकारी विभागों के अतिरिक्त पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन, ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन, बस यूनियन, टेंपो टैक्सी यूनियन एवं अन्य आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आने वाले संगठन और यूनियन को इस संबंध में हिदायत दी गई है कि वह किसी भी हाल में इस नियम को न तोड़े अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कि चुनावी माहौल को देखते हुए सरकार ने हड़ताल पर रोक लगाई है ताकि अपनी बजा मांगों को मनवाने के लिए यूनियन हड़तालों पर न उतर आएं. गौरतलब है कि कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुक्रवार को थी जिसे कुछ खास असर विभागों में नजर नहीं आया. आगे भी इस तरह की हड़ताल असरदार न हो सके. इसलिए सरकार ने सख्त नियम लागू कर दिया है. आमतौर से चावन के वक्त हड़ताल करके विभिन्न यूनियन सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं. ऐसे में आम आदमी को बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है. इसीलिए सरकार ने हड़ताल पर रोक लगा दी है.
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