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इकलौती बेटी की मौत के बाद जीवन में आया नया मोड़, गोपालगंज के पर्यावरण प्रेमी शिक्षक ने लगाए 1 लाख से ज्यादा पेड़-पौधे

गोपालगंज के एक शिक्षक पर्यावरण को लेकर मिसाल पेश कर रहे हैं. इकलौती बेटी की मौत के बाद अबतक लगाया एक लाख से ज्यादा पेड़.

Environment Loving Teacher
गोपालगंज के पर्यवारण प्रेमी शिक्षक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 26, 2024, 4:17 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ प्रखंड के बरवा कपरपुरा गांव निवासी डॉ. सत्य प्रकाश एक ऐसे शिक्षक है, जो बच्चों के साथ साथ पेड़-पौधों का भी ख्याल रखते हैं. एक ओर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनका जीवन संवार रहे हैं, तो दूसरी ओर पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. उनकी इस यात्रा के पीछे एक मार्मिक कहानी छिपी है.

बेटी की मौत के बाद जीवन में नया मोड़: सत्य प्रकाश ने अब तक एक लाख से अधिक पेड़-पौधे लगाकर एक अनूठी मिसाल पेश की है. उन्होंने इकलौती बेटी की मौत के बाद पेड़ को ही अपनी संतान बना ली. सत्य प्रकाश ने 'पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ' के नारे को सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि अपने जीवन का मिशन बना लिया है. दरअसल सत्य प्रकाश की इकलौती बेटी की मौत ने उनके जीवन में एक ऐसा मोड़ ला दिया जिससे उन्होंने पेड़ों के प्रति अपने प्रेम को समर्पित कर दिया.

गोपालगंज में पर्यवारण प्रेमी शिक्षक (ETV Bharat)

कैसे हुई थी मौत ? : पर्यावरण प्रेमी सत्यप्रकाश ने बताया कि उनकी बेटी जब एक साल चार माह की थी, तभी वह खेलने के दौरान 20 अक्टूबर 2021 को पानी भरे टब में गिर गई थी. जब तक उसे कोई देख पाता तब तक उसकी स्थिति काफी खराब हो गई. कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.

बेटी की मौत के बाद पर्यावरण से प्यार: सत्य प्रकाश बताते हैं कि बेटी के निधन के गम को उन्होंने पेड़ों की सेवा में लगा दिया. उन्होंने महसूस किया कि पेड़ भी इंसानों की तरह ही जीवन देते हैं. वे ऑक्सीजन देते हैं, मिट्टी को बांधते हैं और पर्यावरण को संतुलित रखते हैं. जिसके बाद उन्होंने पेड़ लगाने का बीड़ा उठाया और धीरे-धीरे यह उनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया. उन्होंने अपने गांव के लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया है.

"मैं पहले ट्यूशन पढ़ा कर परिवार का भरण पोषण करता था. उस वक्त भी अपनी कमाई से मैं दस प्रतिशत पर्यावरण के लिए निकाल देता था. जो भी काम किया उससे प्राप्त होने वाले आमदनी का दस प्रतिशत निकालकर पेड़-पौधे लगाता था, ताकि यह अभियान रुके नहीं. बेटी की मौत के बाद पर्यावरण के ज्यादा करीब आ गया और पेड़-पौधे लगाने लगा."-सत्य प्रकाश, पर्यावरण प्रेमी शिक्षक

Environment Loving Teacher
शिक्षक का पर्यवारण के प्रति अटूट प्रेम (ETV Bharat)

20 सालों से लगा रहे पेड़-पौधे: सत्य प्रकाश पर्यावरण के प्रति गांव से लेकर शहर के लोगों को जागरूक करने में पिछले 20 वर्षों से लगे हुए हैं. वहीं सत्य प्रकाश को लोग ग्रीनमैन, युवा पेड़ प्रेमी, पर्यावरण मित्र सहित कई उपनामों से जानते हैं. पौधरोपण में उनकी इतनी निष्ठा व लगन है कि उन्होंने कई बंजर भूमि पर भी हरियाली ला दी. इनके लगाए पौधों से हथुआ प्रखंड सहित जिले के सबेया, बड़कागांव रोड, मीरगंज हथुआ मार्ग, ऊचकागांव, विजयीपुर, फुलवरिया, बैकुंठपुर सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी हरियाली छा गई है.

मौका चाहे कोई भी हो, भेंट करते हैं पौधा: छात्रों ने बताया कि सत्य प्रकाश कोई भी उत्सव हो पहले पौधा लगाकर ही कार्य की शुरुआत करते हैं. शादी उत्सव, जन्मोत्सव या महापुरुषों की पुण्य तिथि हो, वो उपहार के रूप में पौधा भेंट करते हैं. वर-वधू इनके दिए गए पौधे का जतन बड़े लगाव के साथ करते हैं, ताकि शादी यादगार बनी रहे. कई शादियों में वर वधू का स्वागत पौधा देकर करने के लिए लोग इनको विशेष रूप से आमंत्रित करते रहे हैं. इनकी पहल से लोग अपने सभी उत्सवों पर पौधा लगाना नहीं भूल रहे हैं.

Environment Loving Teacher
बच्चों को देते है पर्यवारण बचाने की सलाह (ETV Bharat)

बच्चों के साथ पेड़-पौधों कीं देख-भाल: स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि सत्य प्रकाश शहर के डीएवी उच्च विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात है. स्कूल में उनके योगदान देने के बाद पूरा स्कूल हरा-भरा हो गया. उन्होंने अपने खुद के आमदनी से स्कूल में कई गमला खरीद कर पौधे लगाये, जिससे चारों ओर हरियाली दिखाई देने लगी है.

"सत्य प्रकाश शहर के डीएवी उच्च विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात है. वो पीरे स्कूल में कई तरह के पेड़-पौधे लगाते रहते हैं, जिससे स्कूल हरा-भरा हो गया है. बच्चे भी उनसे पर्यावरण को बचाना सीख रहे हैं."-प्रधानाचार्य

पढ़ें-कमाई का आधा हिस्सा पेड़ लगाने पर करते हैं खर्च, प्रकृति प्रेमियों के लिए मिशाल बने दिलशाद - Environmental Protection

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ प्रखंड के बरवा कपरपुरा गांव निवासी डॉ. सत्य प्रकाश एक ऐसे शिक्षक है, जो बच्चों के साथ साथ पेड़-पौधों का भी ख्याल रखते हैं. एक ओर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनका जीवन संवार रहे हैं, तो दूसरी ओर पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. उनकी इस यात्रा के पीछे एक मार्मिक कहानी छिपी है.

बेटी की मौत के बाद जीवन में नया मोड़: सत्य प्रकाश ने अब तक एक लाख से अधिक पेड़-पौधे लगाकर एक अनूठी मिसाल पेश की है. उन्होंने इकलौती बेटी की मौत के बाद पेड़ को ही अपनी संतान बना ली. सत्य प्रकाश ने 'पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ' के नारे को सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि अपने जीवन का मिशन बना लिया है. दरअसल सत्य प्रकाश की इकलौती बेटी की मौत ने उनके जीवन में एक ऐसा मोड़ ला दिया जिससे उन्होंने पेड़ों के प्रति अपने प्रेम को समर्पित कर दिया.

गोपालगंज में पर्यवारण प्रेमी शिक्षक (ETV Bharat)

कैसे हुई थी मौत ? : पर्यावरण प्रेमी सत्यप्रकाश ने बताया कि उनकी बेटी जब एक साल चार माह की थी, तभी वह खेलने के दौरान 20 अक्टूबर 2021 को पानी भरे टब में गिर गई थी. जब तक उसे कोई देख पाता तब तक उसकी स्थिति काफी खराब हो गई. कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.

बेटी की मौत के बाद पर्यावरण से प्यार: सत्य प्रकाश बताते हैं कि बेटी के निधन के गम को उन्होंने पेड़ों की सेवा में लगा दिया. उन्होंने महसूस किया कि पेड़ भी इंसानों की तरह ही जीवन देते हैं. वे ऑक्सीजन देते हैं, मिट्टी को बांधते हैं और पर्यावरण को संतुलित रखते हैं. जिसके बाद उन्होंने पेड़ लगाने का बीड़ा उठाया और धीरे-धीरे यह उनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया. उन्होंने अपने गांव के लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया है.

"मैं पहले ट्यूशन पढ़ा कर परिवार का भरण पोषण करता था. उस वक्त भी अपनी कमाई से मैं दस प्रतिशत पर्यावरण के लिए निकाल देता था. जो भी काम किया उससे प्राप्त होने वाले आमदनी का दस प्रतिशत निकालकर पेड़-पौधे लगाता था, ताकि यह अभियान रुके नहीं. बेटी की मौत के बाद पर्यावरण के ज्यादा करीब आ गया और पेड़-पौधे लगाने लगा."-सत्य प्रकाश, पर्यावरण प्रेमी शिक्षक

Environment Loving Teacher
शिक्षक का पर्यवारण के प्रति अटूट प्रेम (ETV Bharat)

20 सालों से लगा रहे पेड़-पौधे: सत्य प्रकाश पर्यावरण के प्रति गांव से लेकर शहर के लोगों को जागरूक करने में पिछले 20 वर्षों से लगे हुए हैं. वहीं सत्य प्रकाश को लोग ग्रीनमैन, युवा पेड़ प्रेमी, पर्यावरण मित्र सहित कई उपनामों से जानते हैं. पौधरोपण में उनकी इतनी निष्ठा व लगन है कि उन्होंने कई बंजर भूमि पर भी हरियाली ला दी. इनके लगाए पौधों से हथुआ प्रखंड सहित जिले के सबेया, बड़कागांव रोड, मीरगंज हथुआ मार्ग, ऊचकागांव, विजयीपुर, फुलवरिया, बैकुंठपुर सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी हरियाली छा गई है.

मौका चाहे कोई भी हो, भेंट करते हैं पौधा: छात्रों ने बताया कि सत्य प्रकाश कोई भी उत्सव हो पहले पौधा लगाकर ही कार्य की शुरुआत करते हैं. शादी उत्सव, जन्मोत्सव या महापुरुषों की पुण्य तिथि हो, वो उपहार के रूप में पौधा भेंट करते हैं. वर-वधू इनके दिए गए पौधे का जतन बड़े लगाव के साथ करते हैं, ताकि शादी यादगार बनी रहे. कई शादियों में वर वधू का स्वागत पौधा देकर करने के लिए लोग इनको विशेष रूप से आमंत्रित करते रहे हैं. इनकी पहल से लोग अपने सभी उत्सवों पर पौधा लगाना नहीं भूल रहे हैं.

Environment Loving Teacher
बच्चों को देते है पर्यवारण बचाने की सलाह (ETV Bharat)

बच्चों के साथ पेड़-पौधों कीं देख-भाल: स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि सत्य प्रकाश शहर के डीएवी उच्च विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात है. स्कूल में उनके योगदान देने के बाद पूरा स्कूल हरा-भरा हो गया. उन्होंने अपने खुद के आमदनी से स्कूल में कई गमला खरीद कर पौधे लगाये, जिससे चारों ओर हरियाली दिखाई देने लगी है.

"सत्य प्रकाश शहर के डीएवी उच्च विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात है. वो पीरे स्कूल में कई तरह के पेड़-पौधे लगाते रहते हैं, जिससे स्कूल हरा-भरा हो गया है. बच्चे भी उनसे पर्यावरण को बचाना सीख रहे हैं."-प्रधानाचार्य

पढ़ें-कमाई का आधा हिस्सा पेड़ लगाने पर करते हैं खर्च, प्रकृति प्रेमियों के लिए मिशाल बने दिलशाद - Environmental Protection

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