रांची: झारखंड पुलिस में स्वान दस्ते को मजबूत करने के लिए पहली बार एक साथ आठ स्वान को भर्ती किया गया है. सभी आठ स्वान उच्च कोटि के लैब्राडोर नस्ल के हैं, सबसे खास बात यह है कि सभी स्वान झारखंड के ही हैं. पहली बार विशुद्ध रूप से यह झारखंड का अपना स्वान दस्ता होगा.
रिटायरमेंट और शहीद होने के बाद जरूरी थे नए स्वान
झारखंड पुलिस के पास एक साल पूर्व तक बेहतरीन स्वान दस्ता था, लेकिन कुछ के रिटायर होने और एक स्वान के नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद होने के बाद झारखंड पुलिस के पास प्रशिक्षित स्वानों की कमी हो गई थी, लेकिन अब इस कमी को दूर कर लिया गया है. पहले झारखंड में बाहर के राज्यों से स्वान मंगाए जाते थे, लेकिन पहली बार झारखंड में ऐसे आठ स्वानों को भर्ती किया गया है जो पूरी तरह से झारखंड के हैं. झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि डॉग स्क्वायड में स्वानों की भारी कमी हो गई थी. इसे देखते हुए इसमे चार मादा और चार नर स्वानों को बहाल किया गया है. सभी का चयन पुलिस के द्वारा तय क्राइटेरिया के अनुसार किया गया है.
सीआईएसएफ में होंगे ट्रेंड
झारखंड सीआईडी के स्वान दस्ते के कैंप में आजकल लियो, एलेक्स, बाबू, बारु, सैंडी, हनी, रूबी और किटी की चहल कदमी है. ये स्वान दस्ते के नए सिपाही हैं जिन्हे तैयार किया जाना हैं. इनकी ट्रेनिंग सीआईएसएफ के एक मात्र वर्ल्ड क्लास कैंप में कराई जाएगी, सबसे खास बात यह है कि ये ट्रेनिंग कैंप रांची में ही है. स्वान दस्ते के सभी 08 स्वानों को 06 माह की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होगा जिसके बाद उन्हें स्वान दस्ते में शामिल किया जाएगा.
पहले अडॉप्ट किए गए
सबसे खास बात यह है कि झारखंड में पहली बार डॉग स्कॉड की टीम के लिए स्वानों को खरीदना नहीं पड़ा है. इससे पहले आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से स्वान आते थे. लेकिन किसी ने किसी वजह से स्वान की कमी के बावजूद उनकी खरीदारी नहीं हो पा रही थी, इसी बीच झारखंड पुलिस के डॉग स्कॉड के प्रमुख जोसेफ फ्रांसिस के घर मे पल रही एक मादा लैब्राडोर में आठ बच्चों को जन्म दिया. मादा लैब्राडोर हाइब्रिड की थी ऐसे में उन्होंने पुलिस को ये ऑफर दिया कि वे अपने सभी स्वान को पुलिस को गोद देना चाहते हैं. जिसके बाद स्वान के एडॉप्शन को लेकर एक कमेटी बनाई गई, कमेटी के द्वारा स्वान के सभी मानकों को बारीकी से परखा गया. जिसके बाद ही इन स्वान को अडॉप्ट किया गया है.
सीआईडी डीजी ने बताया कि सभी स्वान को एक्सप्लोसिव ट्रेनिंग के लिए भेजा रहा है, जिसके बाद इसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में पुलिस के द्वारा किया जाएगा. डीजी सीआईडी ने बताया की आने वाले दिनों में झारखंड पुलिस के जिम्मे कई एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलनी है. वहां पर इन स्वान की विशेष जरूरत होगी. इसके साथ ही एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान लैंड माइंस, वीआईपी सुरक्षा सहित अन्य कार्यों में भी इन स्वान की भूमिका देखने को मिलेगी.
चार क्षेत्रो में होता है स्वान दस्ता का उपयोग
सीआईडी डीजी के अनुसार पुलिस को चार क्षेत्रों के लिए डॉग स्क्वायड की जरूरत होती है. पहला एयरपोर्ट सुरक्षा, दूसरा वीआईपी सुरक्षा, तीसरा पब्लिक प्लेस में और चौथा नक्सल क्षेत्र में जहां लैंड माइंस बिछा कर रखे जाते है.
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