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Air Pollution Issue : बीकानेर में POP फैक्ट्रियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का उद्यमियों ने किया विरोध - POP FACTORIES IN BIKANER

बीकानेर की खारा औद्योगिक क्षेत्र में पीओपी फैक्ट्रियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के आदेश का उद्यमियों ने विरोध किया है.

POP Factories in Bikaner
बीकानेर में POP फैक्ट्रियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का विरोध (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 4, 2024, 8:01 PM IST

बीकानेर: यहां खारा औद्योगिक क्षेत्र में गांव से सटे मिनरल जोन में संचालित पीओपी फैक्ट्रियों को प्रदूषण के मद्देनजर अन्यत्र स्थानांतरित करने के फैसले का उद्यमियों ने विरोध शुरू कर दिया है. पीओपी फैक्ट्री संचालकों ने बुधवार को कलेक्टेट पर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियां स्थानांतरित करना संभव नहीं है. हालांकि, फैक्ट्री संचालक प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर सहमत हैं.

बता दें कि खारा औद्योगिक क्षेत्र एक गांव के समीप है. वह बीकानेर से महज 20 किलोमीटर दूर है. यहां वाहन प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इसे लेकर जयपुर से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम में तीन दिन तक जांच की थी. जांच के बाद फै​क्ट्रियों को अन्यत्र स्थापित करने को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी. ग्रामीण भी बढ़ते प्रदूषण से परेशान हैं.

पढ़ें: प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर देश में दूसरे नंबर पर, दीपावली के बाद बढ़ गया स्तर

उद्यमी बोले- रीको जिम्मेदार: खारा औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि 30 साल पहले रीको ने इस क्षेत्र को मिनरल जोन बनाया था, तब रीको को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि यह गांव से सटा हुआ इलाका है. उन्होंने कहा कि रीको ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया और केवल पीओपी फैक्ट्री संचालकों को ही प्रदूषण का जिम्मेदार बताया जा रहा है. यह पूरी तरह गलत है.

इतनी जल्दी सम्भव नहीं: ऑल राजस्थान जिप्सम प्लास्टर संगठन के अध्यक्ष गोपीकिशन गहलोत ने कहा कि फैक्ट्री को दूसरी जगह स्थापित करना संभव नहीं है, क्योंकि एक फैक्ट्री की स्थापना में करोड़ों रुपए खर्च होता है और दूसरी जगह इतना सब कुछ करना इतना आसान नहीं है. हालांकि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए फैक्ट्री संचालक अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसके लिए कम से कम 6 माह का समय चाहिए.

रीको को पाबंद किया जाएगा: गहलोत ने कहा कि पूरे क्षेत्र में सड़क, सीवरेज और सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि रीको हर साल करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में व्यापारियों से वसूलता है. ऐसे में सरकार को इस मामले में रीको को पाबंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण और ग्रामीणों को हो रही परेशानी को लेकर उद्यमी भी चिंतित हैं, लेकिन एक तरफा कार्रवाई करके उद्यमियों को परेशान करना सही नहीं है. इस अन्याय को सहन नहीं किया जाएगा.

बीकानेर: यहां खारा औद्योगिक क्षेत्र में गांव से सटे मिनरल जोन में संचालित पीओपी फैक्ट्रियों को प्रदूषण के मद्देनजर अन्यत्र स्थानांतरित करने के फैसले का उद्यमियों ने विरोध शुरू कर दिया है. पीओपी फैक्ट्री संचालकों ने बुधवार को कलेक्टेट पर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियां स्थानांतरित करना संभव नहीं है. हालांकि, फैक्ट्री संचालक प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर सहमत हैं.

बता दें कि खारा औद्योगिक क्षेत्र एक गांव के समीप है. वह बीकानेर से महज 20 किलोमीटर दूर है. यहां वाहन प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इसे लेकर जयपुर से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम में तीन दिन तक जांच की थी. जांच के बाद फै​क्ट्रियों को अन्यत्र स्थापित करने को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी. ग्रामीण भी बढ़ते प्रदूषण से परेशान हैं.

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उद्यमी बोले- रीको जिम्मेदार: खारा औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि 30 साल पहले रीको ने इस क्षेत्र को मिनरल जोन बनाया था, तब रीको को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि यह गांव से सटा हुआ इलाका है. उन्होंने कहा कि रीको ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया और केवल पीओपी फैक्ट्री संचालकों को ही प्रदूषण का जिम्मेदार बताया जा रहा है. यह पूरी तरह गलत है.

इतनी जल्दी सम्भव नहीं: ऑल राजस्थान जिप्सम प्लास्टर संगठन के अध्यक्ष गोपीकिशन गहलोत ने कहा कि फैक्ट्री को दूसरी जगह स्थापित करना संभव नहीं है, क्योंकि एक फैक्ट्री की स्थापना में करोड़ों रुपए खर्च होता है और दूसरी जगह इतना सब कुछ करना इतना आसान नहीं है. हालांकि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए फैक्ट्री संचालक अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसके लिए कम से कम 6 माह का समय चाहिए.

रीको को पाबंद किया जाएगा: गहलोत ने कहा कि पूरे क्षेत्र में सड़क, सीवरेज और सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि रीको हर साल करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में व्यापारियों से वसूलता है. ऐसे में सरकार को इस मामले में रीको को पाबंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण और ग्रामीणों को हो रही परेशानी को लेकर उद्यमी भी चिंतित हैं, लेकिन एक तरफा कार्रवाई करके उद्यमियों को परेशान करना सही नहीं है. इस अन्याय को सहन नहीं किया जाएगा.

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