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सुरकंडा डॉप्लर रडार में आई तकनीकी खराबी, हैदराबाद से ठीक करने पहुंचे इंजीनियर - Surkanda Doppler Radar

Surkanda Doppler radar out of order, Surkanda Doppler Radar सुरकंडा में लगे डॉप्लर रडार को ठीक करने के लिए इंजीनियर पहुंच गये हैं. हैदराबाद से आज 2 सदस्यीय इंजीनियरों की टीम सुरकंडा मंदिर पहुंची. इंजीनियरों ने बताया कल तक डॉप्लर रडार की दिक्कत को दूर कर दिया जाएगा.

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सुरकंडा डॉप्लर रडार में आई तकनीकी खराबी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 16, 2024, 9:53 PM IST

टिहरी: हिमालयी क्षेत्रों में मौसम में आ रहे परिवर्तनों का सटीक पूर्वानुमान लगाया जाने के लिए डॉप्लर रडार का इस्तेमाल किया जाता है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में तीन डॉप्लर रडार लगाये गये थे. इनमें से एक डॉप्लर रडार टिहरी जिले के सुरकंडा में लगाया गया था. कुछ दिन पहले इस डॉप्लर रडार में खराबी आ गई. जिसके कारण इसने काम करना बंद कर दिया. आज डॉप्लर को सही करने के लिये इंजीनियर मौके पर पहुंचे.

बता दें मौसम विभाग द्वारा उत्तराखंड में तीन डॉप्लर लगाए गए हैं. जिसमें एक टिहरी, दूसरा मुक्तेश्वर, तीसरा लैंसडाउन में लगाया गया है. 2 दिन पहले सुरकंडा में लगाये गये डॉप्लर रडार में कुछ खराबी आ गई. जिसे ठीक करने के लिए हैदराबाद से आज 2 सदस्यीय इंजीनियरों की टीम सुरकंडा मंदिर पहुंची. हैदराबाद से आये इंजीनियर ने बताया डॉप्लर में तकनीकी खराबी आई है. जिसे कल तक ठीक कर दिया जाएगा.

क्या होता डॉप्लर रडार: डॉप्लर वेदर रडार मौसम की अतिसूक्ष्म तरंगों को भी कैच कर लेता है. जब अतिसूक्ष्म तरंगें किसी भी वस्तु से टकराकर लौटती हैं, तो यह रडार उनकी दिशा को आसानी से पहचान लेता है. ये रडार तरंगों को भांपकर मौसम संबंधी भविष्यवाणी करता है. इस रडार के जरिए 100 किमी तक की मौसम गतिविधियों की जानकारी मिल सकती है.

टिहरी: हिमालयी क्षेत्रों में मौसम में आ रहे परिवर्तनों का सटीक पूर्वानुमान लगाया जाने के लिए डॉप्लर रडार का इस्तेमाल किया जाता है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में तीन डॉप्लर रडार लगाये गये थे. इनमें से एक डॉप्लर रडार टिहरी जिले के सुरकंडा में लगाया गया था. कुछ दिन पहले इस डॉप्लर रडार में खराबी आ गई. जिसके कारण इसने काम करना बंद कर दिया. आज डॉप्लर को सही करने के लिये इंजीनियर मौके पर पहुंचे.

बता दें मौसम विभाग द्वारा उत्तराखंड में तीन डॉप्लर लगाए गए हैं. जिसमें एक टिहरी, दूसरा मुक्तेश्वर, तीसरा लैंसडाउन में लगाया गया है. 2 दिन पहले सुरकंडा में लगाये गये डॉप्लर रडार में कुछ खराबी आ गई. जिसे ठीक करने के लिए हैदराबाद से आज 2 सदस्यीय इंजीनियरों की टीम सुरकंडा मंदिर पहुंची. हैदराबाद से आये इंजीनियर ने बताया डॉप्लर में तकनीकी खराबी आई है. जिसे कल तक ठीक कर दिया जाएगा.

क्या होता डॉप्लर रडार: डॉप्लर वेदर रडार मौसम की अतिसूक्ष्म तरंगों को भी कैच कर लेता है. जब अतिसूक्ष्म तरंगें किसी भी वस्तु से टकराकर लौटती हैं, तो यह रडार उनकी दिशा को आसानी से पहचान लेता है. ये रडार तरंगों को भांपकर मौसम संबंधी भविष्यवाणी करता है. इस रडार के जरिए 100 किमी तक की मौसम गतिविधियों की जानकारी मिल सकती है.

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