पटना: बिहार में बेरोजगारी और पलायन हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है. केंद्र के अनुसार 2.90 करोड़ बिहार के लोग दूसरे राज्यों में नौकरी रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं. चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा भी बन रहा है. वहीं बिहार के युवाओं को रोजगार देने के लिए अब बड़ी संख्या में कंपनियों की सोच भी बदली है.
36000 करोड़, लाखों को रोजगार: बिहार बदल रहा है, इसकी इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले साल दिसंबर में 278 कंपनियों ने 50530 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किया था. 236 कंपनियों द्वारा 36000 करोड़ के निवेश की प्रक्रिया अभी चल रही है. राज्य में 85 इंडस्ट्रियल एरिया और नौ क्लस्टर है जिसे एक्टिव किया जा रहा है. गया में 1670 एकड़ भूमि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनेगा यह बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा. इसमें 28000 करोड़ का निवेश होगा और 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
बिहार में लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार: 10 साल पहले नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर इक्का-दुक्का कंपनी बिहार के युवाओं को रोजगार देने के लिए रजिस्ट्रेशन करती थी, लेकिन अभी यह बढ़कर सवा लाख से अधिक हो गया है. इसमें देश की बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. रोजगार मेले में भी अब अदानी टाटा से लेकर देश की बड़ी कंपनियां रोजगार देने पहुंच रही हैं.
NCS में सवा लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन: नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर बिहार के युवाओं को रोजगार देने के लिए नामी गिरामी कंपनियों के साथ एक लाख 28000 से अधिक कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. यह कंपनियां बिहार के युवाओं को रोजगार देना चाहती हैं. ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट इंस्टीच्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है कि रोजगार देने के लिए कंपनियों का इतनी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराना बिहार के लिए यह एक पॉजिटिव संकेत है.
"यह भी देखना पड़ेगा कि जो कंपनियां रजिस्ट्रेशन कराई है, बिहार में कितने लोगों को रोजगार देती है.उनका सैलेरी स्ट्रक्चर क्या रहता है. आने वाले समय में जब आंकड़ा आएगा तभी सही स्थिति पता चलेगी, लेकिन इतनी संख्या में कंपनियों का आना एक अच्छा संकेत है."- प्रोफेसर विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट
सबसे अधिक महाराष्ट्र के लिए रजिस्ट्रेशन: ऐसे पूरे देश में 29 लाख 53932 कंपनियों ने नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर रोजगार देने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. उसमें सबसे अधिक महाराष्ट्र के लिए 5 लाख 26817 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उत्तर प्रदेश के लिए 2 लाख 74000 , तमिलनाडु के लिए 2 लाख 12000, राजस्थान के लिए 1 लाख 86000, पश्चिम बंगाल के लिए 1 लाख 73000 , मध्य प्रदेश के लिए 152000, कर्नाटक के लिए 158728, गुजरात के लिए 1 लाख 72049, तेलंगाना के लिए 1 लाख 16000 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
बिहार में सवा लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन: 2015-16 में बिहार के युवाओं को रोजगार देने के लिए मात्र दो कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन पिछले 2 साल में स्थितियां पूरी तरह से बदल गई है. बिहार में रोजगार देने के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर अब 128000 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है. वित्तीय वर्ष 2024 -25 में 18000 से अधिक कंपनियों ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है.
"बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है. बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है. सड़क निर्माण हो रहा है. निवेश भी बढ़ा है और इसीलिए कंपनियां भी आगे आ रही हैं. बिहार में रोजगार की जरूरत भी है और यह सही ढंग से हो जाता है तो बिहार के युवाओं के लिए सोने पर सुहागा होगा."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ
"बिहार को लेकर एक परसेप्शन बना हुआ था कि यहां उद्योग धंधा नहीं लग सकता है, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से मैं खुद जुड़ा रहा हूं. पिछले साल इन्वेस्टर मीट में 30000 करोड़ के इन्वेस्टमेंट को लेकर एमओयू की बात हो रही थी. एमओयू 50000 करोड़ तक का हुआ है और अब आगे की प्रक्रिया चल रही है. कंपनियों को भी मैनपॉवर चाहिए तो यह भी एक बड़ा कारण है की अधिक संख्या में रोजगार के लिए कंपनियां रजिस्ट्रेशन कर रही हैं."- सुनील कुमार पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
'निवेश का बन रहा माहौल': उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा के अनुसार बिहार में निवेश का एक माहौल बनना शुरू हुआ है. बिहार में अदानी , जी के लक्ष्मी सीमेंट, ब्रिटानिया, न्यूजिंल, एसएलएमजी, टाइगर एनालिटिक्स, HCL जैसी बड़ी कंपनियों ने हाल में निवेश किया है. उद्योगपतियों के साथ लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं और आने वाले समय में बड़ी संख्या में बिहार में लोग निवेश करेंगे.
"ऐसे में कंपनियों को बड़ी संख्या में मैनपावर की जरूरत पड़ेगी .बिहार में स्किल्ड युवाओं की संख्या भी बढ़ी है. यह बिहार के लिए अच्छी बात है क्योंकि कंपनियों को यहीं जब स्किल वाले लोग मिल जाएंगे तो उन्हें बाहर से लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन जरूरत है कि जो माहौल बन रहा है उसे आगे भी बनाएं रखना होगा."- नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री, बिहार
देश के कुल निर्यात में बिहार की भागीदारी बहुत ही कम: बिहार से मखाना, लीची, आम सहित कई कृषि उत्पाद दूसरे देशों में भेजे जाते हैं, लेकिन जहां औद्योगिक उत्पादन के निर्यात की बात करें तो वह बहुत ही कम है. भारत के कुल निर्यात में बिहार की भागीदारी अभी 0.52 फीसदी है जिसे बढ़ाकर पांच फीसदी करने का सरकार ने लक्ष्य रखा है.बिहार को पूर्वी भारत में निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बनाने की योजना पर नीतीश सरकार काम कर रही है. विशेषज्ञों की मानें तो केंद्र और बिहार में डबल इंजन की सरकार होने से प्रदेश को लाभ मिल रहा है . हाल में केंद्र सरकार की तरफ से कई बड़ी घोषणा भी हुई है जिसका असर आने वाले दिनों में होगा.
बिहार में पलायन बड़ी समस्या: बिहार से नौकरी रोजगार के लिए बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं. अभी हाल ही में केंद्रीय श्रम रोजगार मंत्री ने एक आंकड़ा पेश किया जिसमें उन्होंने बताया कि बिहार से 2 करोड़ 90 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए पलायन कर चुके हैं. यह केवल वही संख्या है जिन्होंने अपना नाम ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर कराया है . पूरे देश में 30 करोड़ लोग दूसरे राज्यों में नौकरी करने जाते हैं. उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 10 करोड़ लोग दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बाद बिहार का स्थान है.
बिहार को करना होगा इन बातों पर फोकस: बिहार में आईआईटी और इंजीनियरिंग संस्थान की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है. आधुनिक बनाया गया है और इसके कारण बिहार के युवा भी अब तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होने लगे हैं. सरकार की ओर से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 2696 करोड़ की मदद 3441 लाभार्थियों को दी गई है. इससे उद्योग क्षेत्र में एक माहौल बन रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद विशेषज्ञों की मानें तो बिहार में अभी बहुत कुछ काम करना है. कानून व्यवस्था से लेकर आधुनिक आधारभूत संरचना को विकसित करने की और जरूरत है और सिंगल विंडो सिस्टम ऐसा हो कि बाहर से आने वाले उद्यमी को परेशानी न झेलना पड़े. देश के विकसित राज्यों में जो सुविधा उन्हें मुहैया कराई जा रही है वह यहां भी उपलब्ध करायी जाए.
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