गिरिडीह: समाहरणालय के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के देर से आने के कारण उन्हें कार्यालय में प्रवेश नहीं मिला. डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर कर्मियों को वापस लौटना पड़ा. इस मामले को लेकर मंगलवार की शाम कर्मचारी नेता अशोक सिंह के नेतृत्व में कर्मचारियों ने समाहरणालय परिसर में धरना शुरू कर दिया. इस बीच कर्मचारी नेता और डीसी के बीच वार्ता हुई.
बैठक के बाद कर्मचारी नेता ने कहा कि मंगलवार को विभिन्न विभागों के कुछ कर्मचारियों को कार्यालय आने में देर हो गयी तो डीसी के आदेश पर मुख्य द्वार बंद कर दिया गया. इसके चलते कर्मचारी बाहर ही रह गए. उन्होंने कहा कि अगर कर्मी देर से आ रहे थे तो विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए थी, न कि मुख्य गेट बंद करना चाहिए था. इस मामले को लेकर डीसी से बातचीत हुई. बातचीत के दौरान उनके द्वारा मुख्य द्वार बंद करने पर आपत्ति जताई गई.
दो घंटे तक बाहर खड़े रहे सभी कर्मी
यहां बता दें कि मंगलवार सुबह 9 बजे डीसी ने एक अहम बैठक की थी. इस बैठक के मद्देनजर डीसी नमन प्रियेश लकड़ा तो समय पर समाहरणालय पहुंच गये, लेकिन अधिकांश कर्मी नहीं पहुंचे. डीसी कार्यालय कक्ष का ताला भी नहीं खुला. डीसी ने देखा कि समय के बाद भी कई विभागों के कार्यालयों में ताला लटका हुआ है. इससे डीसी नाराज हो गये. उन्होंने समाहरणालय के मुख्य द्वार को बंद करने का निर्देश दिया. डीसी के निर्देश पर दोनों गेट बंद कर दिये गये. कर्मचारी पहुंचे तो बाहर ही खड़े रहे. इसी बीच बारिश होने लगी और मजदूरों को दो घंटे तक बाहर खड़ा रहना पड़ा. डीसी की इस कार्रवाई की चर्चा पूरे जिले में हुई.
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