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खेमराज समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किए बिना लागू होने पर कर्मचारियों में आक्रोश, सीएम से रखी ये मांग - EMPLOYEES ANGRY AT GOVERNMENT

खेमराज समिति की रिपोर्ट जारी किए बिना वित्त विभाग के आदेश से कर्मचारी संगठनों में आक्रोश है. 25 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई गई है.

Employees angry at Government
सरकार से नाराज कर्मचारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

जयपुर: कर्मचारी संगठनों की मांग के बाद भी खेमराज समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किए बिना भजनलाल सरकार ने सिफारिशों को लागू करना शुरू कर दिया. वित्त विभाग की ओर से आदेश जारी होने के साथ अब कर्मचारी संगठनों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने सरकार के इस कदम की कड़े शब्दों में निदा की और आगामी 25 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है. महासंघ की नाराजगी है कि कर्मचारी संगठनों की मांग के बावजूद सरकार कमेटी की कुछ सिफारिशों लागू कर रही है, लेकिन कर्मचारियों को इस बात का पता नहीं है कि रिपोर्ट में क्या सिफारिशें की गई हैं.

रिपोर्ट सार्वजनिक हो: महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार की ओर से खेमराज समिति की रिपोर्ट को अपने हिसाब से लागू किया गया है. जिससे कमेटी के गठन से विश्वास उठ गया है. सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी ने लगभग 400 संगठनों की सुनवाई के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की थी और लाखों कर्मचारी खेमराज समिति से आशा लगाए हुए थे, लेकिन सरकार के एक तरफा निर्णय से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को झटका लगा है.

पढ़ें: सरकार की वर्षगांठ पर कर्मचारियों ने उठाई मांग, कहा-लागू होने से पहले सार्वजनिक करें खेमराज कमेटी की सिफारिशें

राठौड़ ने कहा ​कि सरकार ने जिन संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया है, उसका महासंघ स्वागत करता है, लेकिन खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को उजागर किए बिना सरकार के एक तरफा निर्णय का कड़े शब्दों में विरोध करता है. खेमराज समिति सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों और पदोन्नति की अवसरों की असमानता को दूर करने के लिए बनाई गई थी, किन्तु अभी तक ये समझ नहीं आ रहा सरकार किस तरह से सिफारिशों को लागू करना चाह रही है.

पढ़ें: विधानसभा चुनाव से पहले फिर कर्मचारियों ने दिखाई आंख, कहा खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार - महासंघ एकीकृत प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़

25 दिसंबर को आपात बैठक: राठौड़ ने मुख्यमंत्री से खेमराज कमेटी की मूल रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को यह जानने का हक है कि उनकी समस्याओं पर खेमराज कमेटी ने क्या सुझाव दिए हैं? मंत्रालयिक कर्मचारियों की दूसरी पदोन्नति पर सचिवालय तथा अन्य संवर्गों के समान 4200 ग्रेड पे नहीं दिया जाना और छोटे विभाग के कर्मचारियों को प्रमोशन के कम अवसर होना ये बहुत बड़ी विसंगतियां है.

पढ़ें: कर्मचारी संगठनों की मांग, इस बार कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार, वार्ता से हो समाधान - खेमराज चौधरी कमेटी

उन्होंने खेमराज कमेटी की मूल रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक कर उसे शीघ्र लागू करने की मांग की है. राठौड़ ने कहा कि सरकार के समक्ष इससे पहले भी रिपोर्ट को सार्वजिनक करने की मांग हो चुकी है, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. महासंघ एकीकृत ने 25 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में कर्मचारियों की वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति पर मंथन होगा.

जयपुर: कर्मचारी संगठनों की मांग के बाद भी खेमराज समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किए बिना भजनलाल सरकार ने सिफारिशों को लागू करना शुरू कर दिया. वित्त विभाग की ओर से आदेश जारी होने के साथ अब कर्मचारी संगठनों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने सरकार के इस कदम की कड़े शब्दों में निदा की और आगामी 25 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है. महासंघ की नाराजगी है कि कर्मचारी संगठनों की मांग के बावजूद सरकार कमेटी की कुछ सिफारिशों लागू कर रही है, लेकिन कर्मचारियों को इस बात का पता नहीं है कि रिपोर्ट में क्या सिफारिशें की गई हैं.

रिपोर्ट सार्वजनिक हो: महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार की ओर से खेमराज समिति की रिपोर्ट को अपने हिसाब से लागू किया गया है. जिससे कमेटी के गठन से विश्वास उठ गया है. सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी ने लगभग 400 संगठनों की सुनवाई के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की थी और लाखों कर्मचारी खेमराज समिति से आशा लगाए हुए थे, लेकिन सरकार के एक तरफा निर्णय से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को झटका लगा है.

पढ़ें: सरकार की वर्षगांठ पर कर्मचारियों ने उठाई मांग, कहा-लागू होने से पहले सार्वजनिक करें खेमराज कमेटी की सिफारिशें

राठौड़ ने कहा ​कि सरकार ने जिन संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया है, उसका महासंघ स्वागत करता है, लेकिन खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को उजागर किए बिना सरकार के एक तरफा निर्णय का कड़े शब्दों में विरोध करता है. खेमराज समिति सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों और पदोन्नति की अवसरों की असमानता को दूर करने के लिए बनाई गई थी, किन्तु अभी तक ये समझ नहीं आ रहा सरकार किस तरह से सिफारिशों को लागू करना चाह रही है.

पढ़ें: विधानसभा चुनाव से पहले फिर कर्मचारियों ने दिखाई आंख, कहा खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार - महासंघ एकीकृत प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़

25 दिसंबर को आपात बैठक: राठौड़ ने मुख्यमंत्री से खेमराज कमेटी की मूल रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को यह जानने का हक है कि उनकी समस्याओं पर खेमराज कमेटी ने क्या सुझाव दिए हैं? मंत्रालयिक कर्मचारियों की दूसरी पदोन्नति पर सचिवालय तथा अन्य संवर्गों के समान 4200 ग्रेड पे नहीं दिया जाना और छोटे विभाग के कर्मचारियों को प्रमोशन के कम अवसर होना ये बहुत बड़ी विसंगतियां है.

पढ़ें: कर्मचारी संगठनों की मांग, इस बार कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार, वार्ता से हो समाधान - खेमराज चौधरी कमेटी

उन्होंने खेमराज कमेटी की मूल रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक कर उसे शीघ्र लागू करने की मांग की है. राठौड़ ने कहा कि सरकार के समक्ष इससे पहले भी रिपोर्ट को सार्वजिनक करने की मांग हो चुकी है, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. महासंघ एकीकृत ने 25 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में कर्मचारियों की वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति पर मंथन होगा.

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