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दिल्ली में पानी की कमी को लेकर सरकार की इमरजेंसी मीटिंग, आतिशी बोलीं- केंद्र सरकार को लिखेंगे लेटर - Water Crisis in Delhi

दिल्ली में वाटर क्राइसिस को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार इमरजेंसी मीटिंग करने जा रही है. इसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि दिल्ली सरकार वाटर क्राइसिस के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.

दिल्ली में वाटर क्राइसिस
दिल्ली में वाटर क्राइसिस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 30, 2024, 10:05 AM IST

Updated : May 30, 2024, 1:15 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में पानी की कमी को लेकर दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. यह बैठक दिल्ली सचिवालय में होगी. इसमें दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत मुख्य सचिव और सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा से कम पानी मिलने से दिल्ली में पानी की दिक़्क़त हुई है.

यह बैठक दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12 बजे होगी उसके बाद दिल्ली में पानी की आपूर्ति और वितरण को लेकर के कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है. जल मंत्री आतिशी का आरोप है कि हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने के कारण यमुना का जल स्तर लगातार गिर रहा है. वर्ष 2023 के अप्रैल, मई और जून महीने में वजीराबाद में 647.5 फीट जल स्तर था, जबकि इस साल एक मई से ही हरियाणा ने पानी देना कम कर दिया है.

उन्होंने बताया कि एक मई को यमुना का जल स्तर 674.5 फीट था, जो 8 मई को घटकर 672, 20 मई को 671, 24 मई को 670.2 और 28 मई को 669.8 फीट पर आ गया है. जिन इलाकों में दिन में दो बार पानी आता है, वहां अब एक बार आ रहा है. बचा पानी उन इलाकों में दिया जाएगा, जहां पानी की ज्यादा दिक्कत है.

हम केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे कि पानी की समस्या पर हरियाणा की तरफ से सहयोग दिया जाए. हरियाणा दिल्ली के साथ ऐसे नही कर सकता है. दिल्ली यमुना पर निर्भर करती है. वजीराबाद , चंद्रवाल और ओखला वोटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है, लेकिन पानी कम होने की वजह से प्लांट में पानी ही नहीं पहुंच रहा है. हरियाणा दिल्ली को पानी नही देगा तो प्लांट कैसे काम करेंगे. हरियाणा को हमने पत्र भी लिखा हुआ है. हमने एक अहम बैठक बुलाई है. हमें उम्मीद है कि अधिकारी सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे. पानी की सप्लाई की समस्या आ रही है. हरियाणा की मनमानी से दिल्ली को आपात स्थिति में डाल दिया है. केंद्र की जिम्मेदारी है कि वो हरियाणा को इस तरह की मनमानी नहीं करने दें. दिल्ली सौ फीसदी यमुना पर निर्भर करती है. आज भी 50-55 MGD पानी कम है. ये भ्रम है कि दिल्ली में पानी वाटर पाइपलाइन में लीकेज से बर्बाद होता है. एलजी को इस वक्त अधिकारियों को निर्देश देना चाहिए.

आतिशी, जल मंत्री, दिल्ली सरकार

बता दें कि पानी की समस्या के मद्देनजर बुधवार को ही दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ऐसा पहली बार निर्णय लिया गया है कि दिल्ली वाले अगर पानी की बर्बादी करते हैं तो उन पर 2000 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके लिए दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड को 200 टीमें बनाने के आदेश दिए हैं. पानी की पाइप से गाड़ी को धोते हैं, टंकी से ओवरफ्लो समेत पीने के पानी का निर्माण कार्य आदि में इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसा करने पर जुर्माना लिया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः द‍िल्‍ली पर क्‍यों मंडराया पानी का संकट? जानें यमुना जल समझौता व जल विवाद को विस्तार से

यह भी पढ़ेंः मानसून में द‍िल्‍ली को पानी-पानी होने से बचाने के लिए MCD ने तैयार क‍िया एक्‍शन प्‍लान, जानें क्‍या है खास

नई दिल्ली: राजधानी में पानी की कमी को लेकर दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. यह बैठक दिल्ली सचिवालय में होगी. इसमें दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत मुख्य सचिव और सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा से कम पानी मिलने से दिल्ली में पानी की दिक़्क़त हुई है.

यह बैठक दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12 बजे होगी उसके बाद दिल्ली में पानी की आपूर्ति और वितरण को लेकर के कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है. जल मंत्री आतिशी का आरोप है कि हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने के कारण यमुना का जल स्तर लगातार गिर रहा है. वर्ष 2023 के अप्रैल, मई और जून महीने में वजीराबाद में 647.5 फीट जल स्तर था, जबकि इस साल एक मई से ही हरियाणा ने पानी देना कम कर दिया है.

उन्होंने बताया कि एक मई को यमुना का जल स्तर 674.5 फीट था, जो 8 मई को घटकर 672, 20 मई को 671, 24 मई को 670.2 और 28 मई को 669.8 फीट पर आ गया है. जिन इलाकों में दिन में दो बार पानी आता है, वहां अब एक बार आ रहा है. बचा पानी उन इलाकों में दिया जाएगा, जहां पानी की ज्यादा दिक्कत है.

हम केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे कि पानी की समस्या पर हरियाणा की तरफ से सहयोग दिया जाए. हरियाणा दिल्ली के साथ ऐसे नही कर सकता है. दिल्ली यमुना पर निर्भर करती है. वजीराबाद , चंद्रवाल और ओखला वोटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है, लेकिन पानी कम होने की वजह से प्लांट में पानी ही नहीं पहुंच रहा है. हरियाणा दिल्ली को पानी नही देगा तो प्लांट कैसे काम करेंगे. हरियाणा को हमने पत्र भी लिखा हुआ है. हमने एक अहम बैठक बुलाई है. हमें उम्मीद है कि अधिकारी सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे. पानी की सप्लाई की समस्या आ रही है. हरियाणा की मनमानी से दिल्ली को आपात स्थिति में डाल दिया है. केंद्र की जिम्मेदारी है कि वो हरियाणा को इस तरह की मनमानी नहीं करने दें. दिल्ली सौ फीसदी यमुना पर निर्भर करती है. आज भी 50-55 MGD पानी कम है. ये भ्रम है कि दिल्ली में पानी वाटर पाइपलाइन में लीकेज से बर्बाद होता है. एलजी को इस वक्त अधिकारियों को निर्देश देना चाहिए.

आतिशी, जल मंत्री, दिल्ली सरकार

बता दें कि पानी की समस्या के मद्देनजर बुधवार को ही दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ऐसा पहली बार निर्णय लिया गया है कि दिल्ली वाले अगर पानी की बर्बादी करते हैं तो उन पर 2000 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके लिए दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड को 200 टीमें बनाने के आदेश दिए हैं. पानी की पाइप से गाड़ी को धोते हैं, टंकी से ओवरफ्लो समेत पीने के पानी का निर्माण कार्य आदि में इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसा करने पर जुर्माना लिया जाएगा.

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Last Updated : May 30, 2024, 1:15 PM IST
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